बरेली में दो अस्पताल, एक ओटी एक एनआईसीयू सील:नहीं मिले आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम, झाँसी घटना के बाद भी नहीं लिया सबक
अस्पतालों में मरीजों से भारी भरकम फीस वसूलने वाले अस्पतालों को लोगो की जान की कोई परवाह नहीं है। झांसी मेडिकल कालेज में आग में जलने से हुई बच्चों की मौत के बाद भी बरेली के अस्पतालों ने कोई सबक नहीं लिया हैं। बरेली में ज्यादातर अस्पतालों के पास आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। डीएम के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम कर रही है अस्पतालों की जांच झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई आगजनी की घटना के बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों को चेक किया जा रहा है। अस्पतालों में आग बुझाने के क्या क्या इंतजाम है उनको चेक किया जा रहा है। जांच के दौरान चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने जब अस्पतालों की जांच की तो देखा किसी भी अस्पताल में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। किसी भी अस्पताल में नहीं मिले आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम बरेली के डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम अब तक 50 से अधिक अस्पतालों की जांच कर चुकी है। बड़ी बात ये है कि किसी भी अस्पताल में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी चंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि अभी तक हमने 50 से अधिक अस्पतालों की जांच की है। किसी भी अस्पताल में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले है। ज्यादातर अस्पतालों के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी तक नहीं हैं। दो अस्पताल, एक ओटी और एक एनआईसीयू सील वही जांच के दौरान दो अस्पतालों को सील किया गया, दो अस्पतालों की ओटी और दो अस्तालों के एनआईसीयू को सील कर दिया गया है। बाकी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है। और सभी को चेतावनी दी गई है कि वो जल्द से जल्द फायर सेफ्टी के सभी इंतजाम करे। सीएमओ डॉ विश्राम सिंह ने बताया कि डीएम साहब के निर्देश पर एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें सीएफओ, एसीएमओ शामिल है। अभी तक 2 अस्पतालों को सील किया गया है। एक ओटी और एक एनआईसीयू को भी सील किया गया है।
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