बलरामपुर की समितियों का होगा डिजिटल कायाकल्प:19 ग्रामीण समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

बलरामपुर जिले की 19 बहुउद्देशीय प्रारंभिक ग्रामीण समितियों (बी-पैक्स) को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। इससे समितियों का लेखा-जोखा ऑनलाइन हो जाएगा और कर्मचारियों को कार्य करने में आसानी होगी। किसानों को भी डिजिटल सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। जिले में कुल 62 समितियां हैं, जो किसानों को उर्वरक और ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं। इनमें से तीसरे चरण के तहत 19 समितियों को कंप्यूटरीकृत करने की अनुमति मिल चुकी है। इस कार्य को नाबार्ड के सहयोग से पूरा किया जाएगा। समितियों में मॉनिटर, प्रिंटर, सीपीयू, इन्वर्टर और बैटरी लगाई जाएगी। पैक्सफेड सॉफ्टवेयर से जुड़े ये सिस्टम समितियों के सभी लेन-देन और सदस्यों की जानकारी को ऑनलाइन अपडेट करेंगे। इससे किसानों के बिल और अन्य कार्य डिजिटल रूप से निपटाए जा सकेंगे। धांधली पर लगेगी रोक कंप्यूटरीकृत होने के बाद समितियों में किसी भी प्रकार की धांधली रोकने में मदद मिलेगी। ऑनलाइन रिकॉर्ड होने से सरकार भी समितियों के लेखा-जोखा पर सीधा नजर रख सकेगी। डेटा में छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाएगी। एआर सहकारिता अमरेश कुमार तिवारी ने बताया कि बलरामपुर की 19 समितियों को कंप्यूटराइज करने का कार्य तेजी से चल रहा है। किसानों को होगा बड़ा लाभ अगले वर्ष तक बाकी बची 43 समितियों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना है। इससे सभी समितियां आधुनिक प्रणाली से जुड़ सकेंगी। कंप्यूटराइजेशन के बाद समितियों से किसानों को उर्वरक, ऋण, सीएचसी और दवा जैसी सुविधाएं बेहतर तरीके से मिल सकेंगी। डिजिटल सेवाओं से किसानों का समय बचेगा और उन्हें तुरंत मदद मिल सकेगी।

Nov 30, 2024 - 09:45
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बलरामपुर की समितियों का होगा डिजिटल कायाकल्प:19 ग्रामीण समितियां होंगी कंप्यूटरीकृत, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
बलरामपुर जिले की 19 बहुउद्देशीय प्रारंभिक ग्रामीण समितियों (बी-पैक्स) को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। इससे समितियों का लेखा-जोखा ऑनलाइन हो जाएगा और कर्मचारियों को कार्य करने में आसानी होगी। किसानों को भी डिजिटल सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा। जिले में कुल 62 समितियां हैं, जो किसानों को उर्वरक और ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं। इनमें से तीसरे चरण के तहत 19 समितियों को कंप्यूटरीकृत करने की अनुमति मिल चुकी है। इस कार्य को नाबार्ड के सहयोग से पूरा किया जाएगा। समितियों में मॉनिटर, प्रिंटर, सीपीयू, इन्वर्टर और बैटरी लगाई जाएगी। पैक्सफेड सॉफ्टवेयर से जुड़े ये सिस्टम समितियों के सभी लेन-देन और सदस्यों की जानकारी को ऑनलाइन अपडेट करेंगे। इससे किसानों के बिल और अन्य कार्य डिजिटल रूप से निपटाए जा सकेंगे। धांधली पर लगेगी रोक कंप्यूटरीकृत होने के बाद समितियों में किसी भी प्रकार की धांधली रोकने में मदद मिलेगी। ऑनलाइन रिकॉर्ड होने से सरकार भी समितियों के लेखा-जोखा पर सीधा नजर रख सकेगी। डेटा में छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाएगी। एआर सहकारिता अमरेश कुमार तिवारी ने बताया कि बलरामपुर की 19 समितियों को कंप्यूटराइज करने का कार्य तेजी से चल रहा है। किसानों को होगा बड़ा लाभ अगले वर्ष तक बाकी बची 43 समितियों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना है। इससे सभी समितियां आधुनिक प्रणाली से जुड़ सकेंगी। कंप्यूटराइजेशन के बाद समितियों से किसानों को उर्वरक, ऋण, सीएचसी और दवा जैसी सुविधाएं बेहतर तरीके से मिल सकेंगी। डिजिटल सेवाओं से किसानों का समय बचेगा और उन्हें तुरंत मदद मिल सकेगी।

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