बलरामपुर चीनी-मिल में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करता पकड़ाया कर्मी:28 साल से कर रहा काम, मऊ का सुगेंद्र सिंह फिटर हेल्पर के पद पर था तैनात

बलरामपुर चीनी मिल में हाईस्कूल के फर्जी अंकपत्र के आधार पर 28 साल तक नौकरी करने का मामला उजागर हुआ है। फिटर हेल्पर पद पर कार्यरत सुगेंद्र सिंह ने 1996 से नौकरी की थी। सत्यापन के बाद चीनी मिल प्रशासन ने उनकी सेवा समाप्त कर दी और नगर कोतवाली में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया। 1996 में नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल मऊ जिले के कुशमौर निवासी सुगेंद्र सिंह ने 16 दिसंबर 1996 को नोटराइज्ड बायोडाटा के आधार पर नौकरी हासिल की थी। वर्तमान में वह बलरामपुर चीनी मिल में फिटर हेल्पर के पद पर कार्यरत थे। संदेह होने पर चीनी मिल प्रशासन ने उनके शैक्षिक प्रमाणपत्र यूपी बोर्ड को सत्यापन के लिए भेजे। सत्यापन में फर्जी प्रमाणपत्र की पुष्टि यूपी बोर्ड की सत्यापन रिपोर्ट में बताया गया कि सुगेंद्र सिंह के हाईस्कूल अंकपत्र में दिए गए सभी तथ्य रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते। इसके बाद चीनी मिल के उप प्रधान प्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन धनंजय कुमार सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जन्मतिथि बदलने का भी आरोप चीनी मिल प्रशासन ने शिकायत में बताया कि सुगेंद्र सिंह ने जन्मतिथि से जुड़े दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़ा किया। उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड में पहले जन्मतिथि 1 जनवरी 1963 दर्ज थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर 17 जुलाई 1972 करवा लिया और भविष्य निधि रिकॉर्ड में भी इसे अपडेट कराया। पुलिस जांच में जुटी नगर कोतवाल शैलेश सिंह ने बताया कि इस मामले में उपनिरीक्षक राम मोहन सिंह को जांच सौंपी गई है। पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Nov 17, 2024 - 09:25
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बलरामपुर चीनी-मिल में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करता पकड़ाया कर्मी:28 साल से कर रहा काम, मऊ का सुगेंद्र सिंह फिटर हेल्पर के पद पर था तैनात
बलरामपुर चीनी मिल में हाईस्कूल के फर्जी अंकपत्र के आधार पर 28 साल तक नौकरी करने का मामला उजागर हुआ है। फिटर हेल्पर पद पर कार्यरत सुगेंद्र सिंह ने 1996 से नौकरी की थी। सत्यापन के बाद चीनी मिल प्रशासन ने उनकी सेवा समाप्त कर दी और नगर कोतवाली में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया। 1996 में नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल मऊ जिले के कुशमौर निवासी सुगेंद्र सिंह ने 16 दिसंबर 1996 को नोटराइज्ड बायोडाटा के आधार पर नौकरी हासिल की थी। वर्तमान में वह बलरामपुर चीनी मिल में फिटर हेल्पर के पद पर कार्यरत थे। संदेह होने पर चीनी मिल प्रशासन ने उनके शैक्षिक प्रमाणपत्र यूपी बोर्ड को सत्यापन के लिए भेजे। सत्यापन में फर्जी प्रमाणपत्र की पुष्टि यूपी बोर्ड की सत्यापन रिपोर्ट में बताया गया कि सुगेंद्र सिंह के हाईस्कूल अंकपत्र में दिए गए सभी तथ्य रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते। इसके बाद चीनी मिल के उप प्रधान प्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन धनंजय कुमार सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जन्मतिथि बदलने का भी आरोप चीनी मिल प्रशासन ने शिकायत में बताया कि सुगेंद्र सिंह ने जन्मतिथि से जुड़े दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़ा किया। उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड में पहले जन्मतिथि 1 जनवरी 1963 दर्ज थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर 17 जुलाई 1972 करवा लिया और भविष्य निधि रिकॉर्ड में भी इसे अपडेट कराया। पुलिस जांच में जुटी नगर कोतवाल शैलेश सिंह ने बताया कि इस मामले में उपनिरीक्षक राम मोहन सिंह को जांच सौंपी गई है। पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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