बलिया पहुंचे गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी:शेरो-शायरी के साथ किया सलाम, मुलायम सिंह की जयंती पर था कार्यक्रम

बलिया के गंगा बहुउद्देशीय सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन और मुशायरे में गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने बलिया की धरती को श्रद्धा पूर्वक सलाम किया। उन्होंने अपने संबोधन में बागी बलिया की विशेषता और महत्ता को व्यक्त करते हुए एक शेर पढ़ा, जिसे सुनकर सभी श्रोताओं ने तालियों से उनका स्वागत किया: "यहां के फूल में जो ताजगी है रौनक है, किसी चमन के मुकद्दर में आ नहीं सकती, ये सरजमीं है बहादुर सरपरस्तों की, यहां के खाक को हर खाक पा नहीं सकती।" सांसद अफजाल अंसारी ने बलिया से अपने गहरे रिश्ते को साझा करते हुए कहा कि बलिया तो उनका अंग और हिस्सा है। उन्होंने बताया कि उनकी मां बलिया के सिकन्दरपुर क्षेत्र के मासूमपुर गांव की थीं और उनका ननिहाल भी यहीं था। सांसद ने यह भी कहा कि वे खुद बलिया से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं और यहां के लोगों और उनके साथियों के चेहरे को देखकर उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए। बोले- साहस की रही है जमीन अफजाल अंसारी ने बलिया की धरती की महिमा को बयां करते हुए कहा कि इस धरती की प्रतिष्ठा और बहादुरी को शब्दों में पिरोना बहुत मुश्किल है। यह भूमि हमेशा से साहस, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक रही है, और यहां के लोग किसी भी मुसीबत का सामना करते हुए हमेशा अपनी जमीन, अपनी पहचान और अपने अधिकारों के लिए खड़े रहते हैं।

Nov 27, 2024 - 12:55
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बलिया पहुंचे गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी:शेरो-शायरी के साथ किया सलाम, मुलायम सिंह की जयंती पर था कार्यक्रम
बलिया के गंगा बहुउद्देशीय सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन और मुशायरे में गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने बलिया की धरती को श्रद्धा पूर्वक सलाम किया। उन्होंने अपने संबोधन में बागी बलिया की विशेषता और महत्ता को व्यक्त करते हुए एक शेर पढ़ा, जिसे सुनकर सभी श्रोताओं ने तालियों से उनका स्वागत किया: "यहां के फूल में जो ताजगी है रौनक है, किसी चमन के मुकद्दर में आ नहीं सकती, ये सरजमीं है बहादुर सरपरस्तों की, यहां के खाक को हर खाक पा नहीं सकती।" सांसद अफजाल अंसारी ने बलिया से अपने गहरे रिश्ते को साझा करते हुए कहा कि बलिया तो उनका अंग और हिस्सा है। उन्होंने बताया कि उनकी मां बलिया के सिकन्दरपुर क्षेत्र के मासूमपुर गांव की थीं और उनका ननिहाल भी यहीं था। सांसद ने यह भी कहा कि वे खुद बलिया से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं और यहां के लोगों और उनके साथियों के चेहरे को देखकर उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए। बोले- साहस की रही है जमीन अफजाल अंसारी ने बलिया की धरती की महिमा को बयां करते हुए कहा कि इस धरती की प्रतिष्ठा और बहादुरी को शब्दों में पिरोना बहुत मुश्किल है। यह भूमि हमेशा से साहस, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक रही है, और यहां के लोग किसी भी मुसीबत का सामना करते हुए हमेशा अपनी जमीन, अपनी पहचान और अपने अधिकारों के लिए खड़े रहते हैं।

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