बहराइच में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की तैयारी पूरी:6780 बच्चों को लगेगी पहली और दूसरी डोज

बहराइच जिले के जरवल, कैसरगंज, बलहा और मिहींपुरवा में खसरा और रूबेला टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीके लगाने की तैयारी पूरी हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में सीएमओ ने बताया कि हेड काउंट सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सर्वे के अनुसार, 6780 बच्चों को खसरा और रूबेला का टीका लगाया जाएगा। खतरनाक बीमारियों से बचाएगा टीका सीएमओ ने कहा, "खसरा और रूबेला टीका बच्चों को इन जानलेवा बीमारियों से बचाने में बेहद प्रभावी है। खसरा, बुखार, चकत्ते और निमोनिया जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनता है, जबकि रूबेला वायरस खासतौर पर बालिकाओं के लिए खतरनाक है। बचपन में रूबेला संक्रमण होने से गर्भावस्था के दौरान जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) का खतरा बढ़ जाता है।"सीआरएस नवजात शिशु में जन्मजात हृदय रोग, सुनने की समस्या, दृष्टिहीनता और मानसिक विकास में बाधा जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। 882 सत्रों में होगा टीकाकरण अभियान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने बताया कि टीकाकरण अभियान बुधवार और शनिवार के नियमित टीकाकरण दिनों को छोड़कर अन्य कार्य दिवसों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के लिए 882 सत्र निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने माता-पिता से अपील करते हुए कहा, "यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। सभी माता-पिता अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं।" बैठक में विशेषज्ञों की मौजूदगी बैठक में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. विपिन लिखोरे, यूनिसेफ के डीएमसी दिलीप मिश्रा और यूएनडीपी के राजकुमार श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। संवेदनशीलता और जागरूकता पर जोर खसरा और रूबेला का टीकाकरण न केवल बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाता है, बल्कि उनकी माताओं और भविष्य की पीढ़ियों को भी सुरक्षित करता है।

Nov 24, 2024 - 08:25
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बहराइच में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान की तैयारी पूरी:6780 बच्चों को लगेगी पहली और दूसरी डोज
बहराइच जिले के जरवल, कैसरगंज, बलहा और मिहींपुरवा में खसरा और रूबेला टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीके लगाने की तैयारी पूरी हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में सीएमओ ने बताया कि हेड काउंट सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सर्वे के अनुसार, 6780 बच्चों को खसरा और रूबेला का टीका लगाया जाएगा। खतरनाक बीमारियों से बचाएगा टीका सीएमओ ने कहा, "खसरा और रूबेला टीका बच्चों को इन जानलेवा बीमारियों से बचाने में बेहद प्रभावी है। खसरा, बुखार, चकत्ते और निमोनिया जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनता है, जबकि रूबेला वायरस खासतौर पर बालिकाओं के लिए खतरनाक है। बचपन में रूबेला संक्रमण होने से गर्भावस्था के दौरान जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) का खतरा बढ़ जाता है।"सीआरएस नवजात शिशु में जन्मजात हृदय रोग, सुनने की समस्या, दृष्टिहीनता और मानसिक विकास में बाधा जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। 882 सत्रों में होगा टीकाकरण अभियान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने बताया कि टीकाकरण अभियान बुधवार और शनिवार के नियमित टीकाकरण दिनों को छोड़कर अन्य कार्य दिवसों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के लिए 882 सत्र निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने माता-पिता से अपील करते हुए कहा, "यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। सभी माता-पिता अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं।" बैठक में विशेषज्ञों की मौजूदगी बैठक में डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. विपिन लिखोरे, यूनिसेफ के डीएमसी दिलीप मिश्रा और यूएनडीपी के राजकुमार श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। संवेदनशीलता और जागरूकता पर जोर खसरा और रूबेला का टीकाकरण न केवल बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाता है, बल्कि उनकी माताओं और भविष्य की पीढ़ियों को भी सुरक्षित करता है।

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