बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का डाटा मांगा:कोर्ट ने सरकार से भीड़ प्रबंधन पर सुझाव मांगा, अतिक्रमण की स्टेटस रिपोर्ट सहित ब्यौरा दें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पिछले वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी, कार्तिक पूर्णिमा, हरियाली तीज व होली के अवसर पर वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आए श्रद्धालुओं का डाटा मांगा है। साथ ही भीड़ प्रबंधन पर सरकार से सुझाव भी मांगे हैं। हाईकोर्ट ने यह भी बताने के लिए कहा है कि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद यहां किस तरह भीड़ नियंत्रण में मदद मिली है। बांके बिहारी गलियारा (कारिडोर) को लेकर दायर अनंत शर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख छह जनवरी नियत कर दी। सेवायतों के अधिवक्ता संजय गोस्वामी ने बताया कि कोर्ट ने यह जानना चाहा है कि भीड़ प्रबंधन कैसे किया जा रहा है? सेवायतों की तरफ से जनहित याचिका की ग्राह्यता पर सवाल उठाया गया था। कोर्ट में इससे पहले बिना नोटिस ध्वस्तीकरण पर आपत्ति की गई थी। जिस पर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने बताया कि नालों का अतिक्रमण नियमानुसार नोटिस देकर हटाया गया है। सितंबर माह में कोर्ट ने अतिक्रमण के मामले में सरकार को सर्वे करने का आदेश दिया था।अपर महाधिवक्ता ने 15 अक्टूबर 24 को बताया था कि 81 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं। मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि ने कहा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। भीड़ प्रबंधन के मामले में कोर्ट ने सड़क व खाली जगह के स्टेटस की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि जितने अतिक्रमण हटाये गये है हलफनामा दाखिल कर बताया जाय। कोर्ट ने सरकार से अन्य संस्थाओं से परामर्श भी लेने को कहा है।
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