बांदा में चकबंदी न्यायालय का पेशकार रंगे हाथों गिरफ्तार:पत्रावली के निस्तारण के लिए 25 हजार ले रहा था, 3 साल में कई लोग पकड़े गए
बांदा में रिश्वतखोरी के खिलाफ एंटी करप्शन विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बावजूद सरकारी महकमा में रिश्वतखोरी बंद होती दिखाई नहीं दे रही। इस बार एंटी करप्शन की टीम ने चकबंदी विभाग बांदा में तैनात कनिष्ठ सहायक पेशकार को गिरफ्तार किया है। आरोपी पत्रावली के निस्तारण के लिए 25000 की घूस ले रहा था। तहसील बांदा के गांव गोयरा मुगाली सिलेहटा निवासी जमील खान ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की बांदा इकाई को शिकायती पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी कि चकबंदी न्यायालय में उनके प्रकरण के निस्तारण के लिए चकबंदी कोर्ट के पेशकार रामचंद्र ने उससे 25000 रिश्वत की मांग की है। इसी शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने अपनी पेशबंदी की और आज जब पीड़ित जमील खान ने आरोपी पेशकार रामचंद्र को 25000 की रिश्वत दी। उसी समय एंटी करप्शन टीम इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन और प्रभारी निरीक्षक श्याम बाबू अपनी 11 सदस्यीय टीम के साथ रिश्वतखोर पेशकार की रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। थाना देहात कोतवाली में उसके खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। एंटी करप्शन टीम की बांदा में पिछले 3 सालों में लगातार कार्रवाई जारी है। 2024 में ही एंटी करप्शन टीम ने बांदा में घूसखोरी करते कई लोक सेवकों को गिरफ्तार किया है। जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग में डीसी भास्कर आसवानी. बेसिक शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी नरैनी समेत कई विभागों में कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचारी लोकसेवकों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है।
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