बांदा में वामदेव पर्वत पर अवैध निर्माण का विवाद:मजार-मस्जिद को हटाने के लिए प्रदर्शन, प्रशासन को दिया 30 दिन में ध्वस्त करने का अल्टीमेटम
जिले के वामदेव पर्वत पर बनी मजार और मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज एक बार फिर हिंदू संगठनों ने इस मामले में धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए 30 दिन के भीतर इस तथाकथित अवैध निर्माण पर कार्रवाई की मांग की है। संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन तय समय के अंदर कोई कार्रवाई नहीं करता, तो वे खुद निर्माण को ध्वस्त करेंगे। बांदा नगर कोतवाली क्षेत्र के वामदेव पर्वत पर स्थित वामदेवेश्वर मंदिर का धार्मिक महत्व काफी पुराना है। यहां पहाड़ के पीछे की तरफ बनी एक मजार और मस्जिद को लेकर विवाद 2022 में उस समय शुरू हुआ था, जब विहिप ने इस निर्माण को अवैध बताते हुए इसे कोरोना काल के दौरान बनाया गया बताया था। हिंदू संगठनों का आरोप है कि यह निर्माण धार्मिक संतुलन को बिगाड़ने की मंशा से किया गया है। उस समय जिला प्रशासन ने इस मामले में जांच की थी और हिंदू संगठनों की शिकायत को खारिज कर दिया था। दो साल बाद, हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को दोबारा उठाया है। पिछले सप्ताह उन्होंने धरना प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर से प्रशासन से इस अवैध निर्माण को हटाने की मांग की थी। आज विहिप और बजरंग दल ने फिर से जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर यह मांग दोहराई और प्रशासन को एक महीने का अल्टीमेटम दिया। जिला प्रशासन इस मामले पर अभी भी शांत है और किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बच रहा है। हालाँकि, प्रशासन ने पहले जांच कर इस मामले को खारिज कर दिया था, लेकिन अब बढ़ते दबाव के चलते अधिकारियों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है। विहिप के जिला अध्यक्ष ने कहा है कि यदि समय सीमा में कार्रवाई नहीं होती है, तो हिंदू संगठन खुद इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए कदम उठाएंगे। इस मुद्दे ने बांदा में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय नागरिक और धार्मिक संगठनों के लोग इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सभी की निगाहें अब जिला प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।
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