बिजनौर डीएम ने शीतलहर से बचाव को लेकर की बैठक:अधिकारियों से शीतलहर से संबंधित तैयारियों को सुनिश्चित कराने के दिए निर्देश

बिजनौर के कलेक्ट्रेट सभागार में शीतलहर से बचाव के लिए बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डीएम अंकित अग्रवाल ने स्वास्थ्य, पशुपालन व लोनिवि सहित सभी संबंधित अधिकारियों से शीतलहर के बचाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए, कि सभी संबंधित विभाग अपने-अपने कार्यों के अन्तर्गत शीतलहर से संबंधित शेष रह गयी। तैयारियों को तत्काल पूरा करना सुनिश्चित करें। दरअसल बिजनौर कलेक्ट्रेट में शीतलहर के मध्य नगर अफसर के साथ डीएम ने मीटिंग कर तैयारी को पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा शीत लहर के बचाव के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की। जो गन्ना और भूसा ढोने वाले गाड़ियों जैसे-ट्रॉली, ट्रक, बैलगाड़ी पर क्षमता से अधिक गन्ना न लादें। सर्दियों में गाड़ियों में फॉग लाईट का इस्तेमाल करें। भार ढोने वाले वाहन के चालक इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस को रास्ता दें। दोपहिया वाहन चालक शीतलहर, ठंड में बहुत आवश्यक होने पर ही घर से वाहन लेकर बाहर निकलें। दोपहिया वाहन चालक शीतलहर, ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े, दस्ताने, चश्मा, हेलमेट पहन कर निकलें। उन्होंने बताया कि कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल का चूल्हा, हीटर इत्यादि का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें। कमरे में शुद्ध हवा का वायु-संचार बनाए रखें। ठंड लगने के लक्षणों जैसे हाथ-पाव सुन हो जाना, हाथ पैर की उंगलियों में सफेद या नीले रंग के दाग उभर आने पर नजदीकी अस्पताल से सम्पर्क करें। हाइपोथर्मिया (शरीर के असामान्य तापमान) के लक्षण जैसे याददास्त का कमजोर पड़ना। असीमित ठिठुरना, सुस्ती, थकान, तुतलाना व कार्य में भटकाव इत्यादि के लक्षणों महसूस होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। उन्होंने पशुओं के लिए बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं को थनैला मिल्क फीवर नेमोटाइटिस आदि रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए पशुओं को समय-समय पर चिकित्सक को दिखाते रहें। पशुओं को रात में खुले पेड़ के नीचे अथवा घर से बाहर ना निकालें।

Nov 19, 2024 - 17:10
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बिजनौर डीएम ने शीतलहर से बचाव को लेकर की बैठक:अधिकारियों से शीतलहर से संबंधित तैयारियों को सुनिश्चित कराने के दिए निर्देश
बिजनौर के कलेक्ट्रेट सभागार में शीतलहर से बचाव के लिए बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डीएम अंकित अग्रवाल ने स्वास्थ्य, पशुपालन व लोनिवि सहित सभी संबंधित अधिकारियों से शीतलहर के बचाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए, कि सभी संबंधित विभाग अपने-अपने कार्यों के अन्तर्गत शीतलहर से संबंधित शेष रह गयी। तैयारियों को तत्काल पूरा करना सुनिश्चित करें। दरअसल बिजनौर कलेक्ट्रेट में शीतलहर के मध्य नगर अफसर के साथ डीएम ने मीटिंग कर तैयारी को पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा शीत लहर के बचाव के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की। जो गन्ना और भूसा ढोने वाले गाड़ियों जैसे-ट्रॉली, ट्रक, बैलगाड़ी पर क्षमता से अधिक गन्ना न लादें। सर्दियों में गाड़ियों में फॉग लाईट का इस्तेमाल करें। भार ढोने वाले वाहन के चालक इस बात का विशेष ध्यान रखें, कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस को रास्ता दें। दोपहिया वाहन चालक शीतलहर, ठंड में बहुत आवश्यक होने पर ही घर से वाहन लेकर बाहर निकलें। दोपहिया वाहन चालक शीतलहर, ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपड़े, दस्ताने, चश्मा, हेलमेट पहन कर निकलें। उन्होंने बताया कि कोयले की अंगीठी, मिट्टी तेल का चूल्हा, हीटर इत्यादि का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें। कमरे में शुद्ध हवा का वायु-संचार बनाए रखें। ठंड लगने के लक्षणों जैसे हाथ-पाव सुन हो जाना, हाथ पैर की उंगलियों में सफेद या नीले रंग के दाग उभर आने पर नजदीकी अस्पताल से सम्पर्क करें। हाइपोथर्मिया (शरीर के असामान्य तापमान) के लक्षण जैसे याददास्त का कमजोर पड़ना। असीमित ठिठुरना, सुस्ती, थकान, तुतलाना व कार्य में भटकाव इत्यादि के लक्षणों महसूस होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। उन्होंने पशुओं के लिए बताया कि ठंड के मौसम में पशुओं को थनैला मिल्क फीवर नेमोटाइटिस आदि रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए पशुओं को समय-समय पर चिकित्सक को दिखाते रहें। पशुओं को रात में खुले पेड़ के नीचे अथवा घर से बाहर ना निकालें।

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