बिजली विभाग ठेकेदार से करोड़ों गबन के आरोपी को जमानत:विद्युत पोल-केबिल में हड़पे करोड़ों, खराब क्वालिटी का माल भेजकर झाड़ा पल्ला

वाराणसी में कंपनी की ओर से घटिया विद्युत पोल और खराब केबिल देने के बाद करोड़ों रुपये का माल ना लौटाने की आरोपी खुशबू सिंह को जेल जाए बिना जमानत मिल गई। कोर्ट ने आरोपी महिला ठेकेदार को अग्रिम जमानत दे दी, पुलिस के कम सबूत और अभियोजन की फीकी दलीलें जमानत को नहीं रोक पाई। फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने लंका निवासिनी आरोपिता खुशबू सिंह को करोड़ों रुपए हड़पने के मामले में राहत दे दी। आरोपिता को गिरफ्तार किये जाने की दशा में एक-एक लाख रुपए के दो जमानतदार और बंधपत्र पर रिहाई देने का आदेश जारी किया। हालांकि आज से अग्रिम जमानत पर मुहर लग गई। कोर्ट में उसकी पैरवी अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव और वरुण प्रताप सिंह ने की। बिजली विभाग के ठेकदार से विद्युत पोल व केबिल देने के नाम पर करोड़ों रुपए धोखाधड़ी करने के मामले में एफटीसी कोर्ट में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने बताया कि मेसर्स अजय बिल्डर्स एंड कन्स्ट्रक्शंस ओपीसी प्रा.लि. लखनऊ ने भेलूपुर थाने में केस दर्ज कराया है। इसमें रविन्द्रपुरी कॉलोनी में स्थित लक्ष्मी इक्रूपमेंट एंड सर्विसेज प्रा. लि. फर्म के दिलीप कुमार मौर्य व उनकी पत्नी खुशबू सिंह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनकी फर्म ने बिजली केबिल के लिए पांच जून 2023 को 43.24 लाख और 22 सितम्बर 2023 को दस लाख रुपए, 11 अक्टूबर 2023 को 20 लाख रुपए लिया था। इसमें 50 पीस विक्टोरिया पोल व बिजली की केबिल के लिए लिया गया था। इसके अलावा अन्य कई तिथियों पर लाखों रुपए लिए गए। आरोप लगाया कि दिलीप मौर्य व उसकी पत्नी खुशबू सिंह द्वारा उनकी कंपनी को केबिल व पोल उक्त मानक के अनुसार नहीं दिया गया। कई बार शिकायत करने पर आरोपियों ने इन्स्पेक्शन करके माल भिजवाने की बात कही, लेकिन मानक के अनुरूप पोल और केबिल नहीं दिया। विरोध जताने पर आरोपियों ने गालीगलौज देते हुए जान से मारने की धमकी दी। हालांकि अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि आरोपिता खुशबू सिंह को फर्जी ढंग से मुल्जिम बना दिया गया है। वकील अनुज यादव ने दलील दी कि विपक्षी की कंपनी से व्यवसायिक लेनदेन का मामला है और इसमें किसी प्रकार के धन का गबन नहीं किया गया है। खराब क्वालिटी की जांच कर दूसरा माल भेजने का दावा उसकी कंपनी ने किया है। अदालत ने पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपिता खुशबू सिंह की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।

Nov 26, 2024 - 01:15
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बिजली विभाग ठेकेदार से करोड़ों गबन के आरोपी को जमानत:विद्युत पोल-केबिल में हड़पे करोड़ों, खराब क्वालिटी का माल भेजकर झाड़ा पल्ला
वाराणसी में कंपनी की ओर से घटिया विद्युत पोल और खराब केबिल देने के बाद करोड़ों रुपये का माल ना लौटाने की आरोपी खुशबू सिंह को जेल जाए बिना जमानत मिल गई। कोर्ट ने आरोपी महिला ठेकेदार को अग्रिम जमानत दे दी, पुलिस के कम सबूत और अभियोजन की फीकी दलीलें जमानत को नहीं रोक पाई। फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने लंका निवासिनी आरोपिता खुशबू सिंह को करोड़ों रुपए हड़पने के मामले में राहत दे दी। आरोपिता को गिरफ्तार किये जाने की दशा में एक-एक लाख रुपए के दो जमानतदार और बंधपत्र पर रिहाई देने का आदेश जारी किया। हालांकि आज से अग्रिम जमानत पर मुहर लग गई। कोर्ट में उसकी पैरवी अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव और वरुण प्रताप सिंह ने की। बिजली विभाग के ठेकदार से विद्युत पोल व केबिल देने के नाम पर करोड़ों रुपए धोखाधड़ी करने के मामले में एफटीसी कोर्ट में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने बताया कि मेसर्स अजय बिल्डर्स एंड कन्स्ट्रक्शंस ओपीसी प्रा.लि. लखनऊ ने भेलूपुर थाने में केस दर्ज कराया है। इसमें रविन्द्रपुरी कॉलोनी में स्थित लक्ष्मी इक्रूपमेंट एंड सर्विसेज प्रा. लि. फर्म के दिलीप कुमार मौर्य व उनकी पत्नी खुशबू सिंह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनकी फर्म ने बिजली केबिल के लिए पांच जून 2023 को 43.24 लाख और 22 सितम्बर 2023 को दस लाख रुपए, 11 अक्टूबर 2023 को 20 लाख रुपए लिया था। इसमें 50 पीस विक्टोरिया पोल व बिजली की केबिल के लिए लिया गया था। इसके अलावा अन्य कई तिथियों पर लाखों रुपए लिए गए। आरोप लगाया कि दिलीप मौर्य व उसकी पत्नी खुशबू सिंह द्वारा उनकी कंपनी को केबिल व पोल उक्त मानक के अनुसार नहीं दिया गया। कई बार शिकायत करने पर आरोपियों ने इन्स्पेक्शन करके माल भिजवाने की बात कही, लेकिन मानक के अनुरूप पोल और केबिल नहीं दिया। विरोध जताने पर आरोपियों ने गालीगलौज देते हुए जान से मारने की धमकी दी। हालांकि अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि आरोपिता खुशबू सिंह को फर्जी ढंग से मुल्जिम बना दिया गया है। वकील अनुज यादव ने दलील दी कि विपक्षी की कंपनी से व्यवसायिक लेनदेन का मामला है और इसमें किसी प्रकार के धन का गबन नहीं किया गया है। खराब क्वालिटी की जांच कर दूसरा माल भेजने का दावा उसकी कंपनी ने किया है। अदालत ने पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपिता खुशबू सिंह की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।

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