बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 22 नवंबर से:नाम बदलने की दिलचस्प वजह, तेंदुलकर ने दिलाई पहली BGT; जानिए सीरीज के बारे में सब कुछ
क्रिकेट की दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी यानी BGT की हो रही है। 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में 5 मैचों की यह सीरीज शुरू हो रही है। आमने-सामने हैं टेस्ट की नंबर-1 टीम ऑस्ट्रेलिया और नंबर-2 इंडिया। वैसे तो दोनों टीमें 1947 से टेस्ट किकेट में एक-दूसरे से खेल रही है, लेकिन 1996 में इस मुकाबले को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम मिला। स्टोरी में आगे जानिए इस सीरीज का नाम बदलने की वजह क्या थी, BGT का अब तक ट्रेंड क्या रहा है और दोनों टीमों का अब तक का परफॉर्मेंस क्या कहानी बयान करता है..... बॉर्डर-गावस्कर पर ही नाम क्यों रखा गया? सचिन-वॉर्न, पोंटिंग-गांगुली या कपिल-वॉ के नाम से भी भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज खेल सकते थे। लेकिन 1996 में जब सीरीज का नाम बदला गया तब ऑस्ट्रेलिया से एलन बॉर्डर और भारत से सुनील गावस्कर का नाम ही सबसे दमदार पाया गया। उस समय तक टेस्ट खेल चुके करीब 2 हजार प्लेयर्स में ये दोनों ही ऐसे बैटर थे जिनके नाम 10 हजार से ज्यादा टेस्ट रन थे। इसी वजह से भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया। क्या 1996 से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट नहीं होते थे? बिलकुल होते थे, दोनों टीमें 1947 से आपस में टेस्ट खेल रही हैं। अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारतीय टीम ने पहला विदेशी दौरा ऑस्ट्रेलिया का ही किया था। 1996 में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट का 50वां साल शुरू हो रहा था, जिसे यादगार बनाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) सीरीज को BGT नाम देने का फैसला किया। किसने जीती थी पहली BGT? 1996 में BGT की शुरुआत हुई। पहली बार इस ट्रॉफी के तहत सिर्फ एक टेस्ट मैच दिल्ली में हुआ था। भारत ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 7 विकेट से जीत हासिल की। 152 रन बनाने वाले भारत के विकेटकीपर बैटर नयन मोंगिया प्लेयर ऑफ द मैच रहे। तब से अब तक दोनों टीमों के बीच 16 BGT खेली गईं। 10 भारत ने जीतीं और 5 ऑस्ट्रेलिया के नाम रहीं। 2003-04 में एक सीरीज 1-1 से ड्रॉ भी हुई। 9 BGT भारत में खेली गईं, इसमें 8 बार भारत को जीत मिली। एक बार ऑस्ट्रेलिया जीता। 7 बार BGT का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हुआ। इसमें 4 बार ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। एक बार भारत जीता और एक बार सीरीज ड्रॉ रही। ऑस्ट्रेलिया के लिए BGT जीतना आत्मसम्मान की बात हो गई है, क्योंकि टीम 2014 के बाद से एक बार भी सीरीज नहीं जीत सकी है। जबकि भारत ने लगातार 4 सीरीज जीती है। दोनों ने एक-दूसरे के घर में 6-6 टेस्ट जीते BGT में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 56 टेस्ट खेले गए। भारत में 29 टेस्ट हुए, 18 में भारतीय टीम और 6 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। 5 टेस्ट ड्रॉ रहे। ऑस्ट्रेलिया में 27 टेस्ट खेले गए, 14 में होम टीम और 6 में ही भारत को जीत मिली। 7 टेस्ट ड्रॉ रहे। दो बार ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को भारत ने रोका 1996 में पहली BGT भारत ने जीती। दूसरी बार भी BGT का आयोजन 1998 में भारत में ही हुआ। इस बार टीम इंडिया ने 2-1 से जीत हासिल की। लगातार 2 सीरीज में हार के बाद 1999-00 में ऑस्ट्रेलिया में तीसरी BGT का आयोजन हुआ। इस बार कंगारुओं ने भारतीय टीम का 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। तब स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया की टीम दुनिया की सबसे मजबूत टीम बन गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने अलग-अलग टीमों के खिलाफ लगातार 15 टेस्ट जीते। 2001 में स्टीव वॉ की टीम चौथी BGT में हिस्सा लेने भारत आई। मुंबई में पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता। यह टेस्ट क्रिकेट में कंगारुओं की लगातार 16वीं जीत थी। माना जा रहा था कि स्टीव वॉ की टीम इस बार भी आसानी से सीरीज जीत लेगी। लेकिन, सौरव गांगुली की कप्तानी में भारती टीम ने पलटवार किया और अगले दो मुकाबले जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली। इसके बाद एक बार फिर 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया ने रिकी पोंटिंग की कप्तानी में लगातार 16 टेस्ट मैच जीत लिए थे। इस बार भी उसकी लगातार जीत का सिलसिला भारत ने ही तोड़ा। ऑस्ट्रेलिया में घुसकर घमंड तोड़ना शुरू किया 2018 में तो टीम इंडिया एक कदम और आगे पहुंच गई। विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी घर में क्रिकेट इतिहास की पहली टेस्ट सीरीज हरा दी। यह किसी भी एशियन टीम की ऑस्ट्रेलिया में पहली ही टेस्ट सीरीज जीत थी। हालांकि, तब कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया कमजोर थी, टीम के 2 बड़े बैटर्स स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थे। भारत ने 2021 में लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 2-1 से हरा दिया। इस बार ऑस्ट्रेलिया की टीम फुल स्ट्रेंथ पर थी और भारतीय टीम युवा प्लेयर्स और स्टैंड-इन कैप्टन अंजिक्य रहाणे के साथ खेल रही थी। सीरीज का आखिरी मैच भारत ने ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में जीता, जहां ऑस्ट्रेलिया 1988 से नहीं हारा था। ऑस्ट्रेलिया जैसी चैंपियन टीम अपने घर में अगर किसी से लगातार 2 टेस्ट सीरीज हार जाए तो उसकी हाइप होनी तो बनती है। ऑस्ट्रेलिया के अखबारों में लगातार छप रहे कोहली और टीम इंडिया के पोस्टर भी इसी बात को बयां कर रहे हैं। क्या BGT ऐशेज से भी बड़ी है? BGT ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाली ऐशेज सीरीज जितनी पुरानी तो नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह ऐशेज से ज्यादा बड़ी और फाइटिंग हो चली है। ऐशेज 1882 में शुरू हुई, लेकिन BGT ने 29 साल में टेस्ट की सबसे चैलेंजिंग सीरीज का तमगा अपने माथे लगा लिया। इंग्लैंड पिछले 35 साल में ऑस्ट्रेलिया को एक ही बार उनके घर में टेस्ट सीरीज हरा सका है। जबकि भारत ने पिछले 6 साल में ऐसा 2 बार कर ऑस्ट्रेलिया के आत्मसम्मान को छलनी-छलनी कर दिया है। इसलिए BGT का ऐशेज से बड़ी होना तो लाजमी है। साल 2000 से साउथ अफ्रीका ही ऐसी इकलौती टीम है, जिसने ऑस्ट्रेलिया में लगातार 3 टेस्ट सीरीज जीती हैं। भारत के पास अब इस रिकॉर्ड को अपने नाम करने का मौका है। BGT के टॉप प्लेयर्स और कप्तान सचिन 3000 रन बनाने वाले इकलौते बैटर भारत के सचिन
क्रिकेट की दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी यानी BGT की हो रही है। 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में 5 मैचों की यह सीरीज शुरू हो रही है। आमने-सामने हैं टेस्ट की नंबर-1 टीम ऑस्ट्रेलिया और नंबर-2 इंडिया। वैसे तो दोनों टीमें 1947 से टेस्ट किकेट में एक-दूसरे से खेल रही है, लेकिन 1996 में इस मुकाबले को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम मिला। स्टोरी में आगे जानिए इस सीरीज का नाम बदलने की वजह क्या थी, BGT का अब तक ट्रेंड क्या रहा है और दोनों टीमों का अब तक का परफॉर्मेंस क्या कहानी बयान करता है..... बॉर्डर-गावस्कर पर ही नाम क्यों रखा गया? सचिन-वॉर्न, पोंटिंग-गांगुली या कपिल-वॉ के नाम से भी भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज खेल सकते थे। लेकिन 1996 में जब सीरीज का नाम बदला गया तब ऑस्ट्रेलिया से एलन बॉर्डर और भारत से सुनील गावस्कर का नाम ही सबसे दमदार पाया गया। उस समय तक टेस्ट खेल चुके करीब 2 हजार प्लेयर्स में ये दोनों ही ऐसे बैटर थे जिनके नाम 10 हजार से ज्यादा टेस्ट रन थे। इसी वजह से भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया। क्या 1996 से पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट नहीं होते थे? बिलकुल होते थे, दोनों टीमें 1947 से आपस में टेस्ट खेल रही हैं। अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारतीय टीम ने पहला विदेशी दौरा ऑस्ट्रेलिया का ही किया था। 1996 में दोनों टीमों के बीच क्रिकेट का 50वां साल शुरू हो रहा था, जिसे यादगार बनाने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) सीरीज को BGT नाम देने का फैसला किया। किसने जीती थी पहली BGT? 1996 में BGT की शुरुआत हुई। पहली बार इस ट्रॉफी के तहत सिर्फ एक टेस्ट मैच दिल्ली में हुआ था। भारत ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 7 विकेट से जीत हासिल की। 152 रन बनाने वाले भारत के विकेटकीपर बैटर नयन मोंगिया प्लेयर ऑफ द मैच रहे। तब से अब तक दोनों टीमों के बीच 16 BGT खेली गईं। 10 भारत ने जीतीं और 5 ऑस्ट्रेलिया के नाम रहीं। 2003-04 में एक सीरीज 1-1 से ड्रॉ भी हुई। 9 BGT भारत में खेली गईं, इसमें 8 बार भारत को जीत मिली। एक बार ऑस्ट्रेलिया जीता। 7 बार BGT का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हुआ। इसमें 4 बार ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। एक बार भारत जीता और एक बार सीरीज ड्रॉ रही। ऑस्ट्रेलिया के लिए BGT जीतना आत्मसम्मान की बात हो गई है, क्योंकि टीम 2014 के बाद से एक बार भी सीरीज नहीं जीत सकी है। जबकि भारत ने लगातार 4 सीरीज जीती है। दोनों ने एक-दूसरे के घर में 6-6 टेस्ट जीते BGT में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 56 टेस्ट खेले गए। भारत में 29 टेस्ट हुए, 18 में भारतीय टीम और 6 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। 5 टेस्ट ड्रॉ रहे। ऑस्ट्रेलिया में 27 टेस्ट खेले गए, 14 में होम टीम और 6 में ही भारत को जीत मिली। 7 टेस्ट ड्रॉ रहे। दो बार ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को भारत ने रोका 1996 में पहली BGT भारत ने जीती। दूसरी बार भी BGT का आयोजन 1998 में भारत में ही हुआ। इस बार टीम इंडिया ने 2-1 से जीत हासिल की। लगातार 2 सीरीज में हार के बाद 1999-00 में ऑस्ट्रेलिया में तीसरी BGT का आयोजन हुआ। इस बार कंगारुओं ने भारतीय टीम का 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। तब स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया की टीम दुनिया की सबसे मजबूत टीम बन गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने अलग-अलग टीमों के खिलाफ लगातार 15 टेस्ट जीते। 2001 में स्टीव वॉ की टीम चौथी BGT में हिस्सा लेने भारत आई। मुंबई में पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता। यह टेस्ट क्रिकेट में कंगारुओं की लगातार 16वीं जीत थी। माना जा रहा था कि स्टीव वॉ की टीम इस बार भी आसानी से सीरीज जीत लेगी। लेकिन, सौरव गांगुली की कप्तानी में भारती टीम ने पलटवार किया और अगले दो मुकाबले जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली। इसके बाद एक बार फिर 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया ने रिकी पोंटिंग की कप्तानी में लगातार 16 टेस्ट मैच जीत लिए थे। इस बार भी उसकी लगातार जीत का सिलसिला भारत ने ही तोड़ा। ऑस्ट्रेलिया में घुसकर घमंड तोड़ना शुरू किया 2018 में तो टीम इंडिया एक कदम और आगे पहुंच गई। विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी घर में क्रिकेट इतिहास की पहली टेस्ट सीरीज हरा दी। यह किसी भी एशियन टीम की ऑस्ट्रेलिया में पहली ही टेस्ट सीरीज जीत थी। हालांकि, तब कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया कमजोर थी, टीम के 2 बड़े बैटर्स स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थे। भारत ने 2021 में लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 2-1 से हरा दिया। इस बार ऑस्ट्रेलिया की टीम फुल स्ट्रेंथ पर थी और भारतीय टीम युवा प्लेयर्स और स्टैंड-इन कैप्टन अंजिक्य रहाणे के साथ खेल रही थी। सीरीज का आखिरी मैच भारत ने ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में जीता, जहां ऑस्ट्रेलिया 1988 से नहीं हारा था। ऑस्ट्रेलिया जैसी चैंपियन टीम अपने घर में अगर किसी से लगातार 2 टेस्ट सीरीज हार जाए तो उसकी हाइप होनी तो बनती है। ऑस्ट्रेलिया के अखबारों में लगातार छप रहे कोहली और टीम इंडिया के पोस्टर भी इसी बात को बयां कर रहे हैं। क्या BGT ऐशेज से भी बड़ी है? BGT ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाली ऐशेज सीरीज जितनी पुरानी तो नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह ऐशेज से ज्यादा बड़ी और फाइटिंग हो चली है। ऐशेज 1882 में शुरू हुई, लेकिन BGT ने 29 साल में टेस्ट की सबसे चैलेंजिंग सीरीज का तमगा अपने माथे लगा लिया। इंग्लैंड पिछले 35 साल में ऑस्ट्रेलिया को एक ही बार उनके घर में टेस्ट सीरीज हरा सका है। जबकि भारत ने पिछले 6 साल में ऐसा 2 बार कर ऑस्ट्रेलिया के आत्मसम्मान को छलनी-छलनी कर दिया है। इसलिए BGT का ऐशेज से बड़ी होना तो लाजमी है। साल 2000 से साउथ अफ्रीका ही ऐसी इकलौती टीम है, जिसने ऑस्ट्रेलिया में लगातार 3 टेस्ट सीरीज जीती हैं। भारत के पास अब इस रिकॉर्ड को अपने नाम करने का मौका है। BGT के टॉप प्लेयर्स और कप्तान सचिन 3000 रन बनाने वाले इकलौते बैटर भारत के सचिन तेंदुलकर ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 3262 रन बनाए हैं। वह BGT में 3000 से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते प्लेयर हैं। ऑस्ट्रेलिया से रिकी पोंटिंग 2555 रन बनाकर टॉप पर हैं। एक्टिव प्लेयर्स में चेतेश्वर पुजारा के नाम सबसे ज्यादा 2033 रन हैं। BGT में सचिन ने ही सबसे ज्यादा 9 सेंचुरी भी लगाई हैं, उनके बाद विराट कोहली, ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और स्टीव स्मिथ के नाम 8-8 शतक हैं। ऑस्ट्रेलिया में सचिन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं कोहली ऑस्ट्रेलिया में भी सचिन ही BGT के टॉप भारतीय स्कोरर हैं। उनके नाम 38 पारियों में 6 सेंचुरी की मदद से 1809 रन हैं। कोहली अब सचिन को पीछे छोड़ सकते हैं, इसके लिए उन्हें 5 टेस्ट में 458 रन बनाने होंगे। 2 शतक लगाते ही वह BGT में सचिन से ज्यादा सेंचुरी भी लगा देंगे। BGT के टॉप-2 बॉलर्स में इस बार की जंग ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लायन ने BGT में सबसे ज्यादा 116 विकेट लिए हैं। भारत के रविचंद्रन अश्विन 114 विकेट लेकर उनके बेहद करीब हैं। हालांकि, अश्विन ने लायन से 4 टेस्ट कम खेले हैं। दोनों प्लेयर्स फिर एक बार BGT में एक-दूसरे के सामने होंगे। ऑस्ट्रेलिया में कपिल से आगे निकल सकते हैं अश्विन ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय कपिल देव हैं, जिनके नाम 11 टेस्ट में 51 विकेट हैं। अश्विन 39 विकेट लेकर तीसरे नंबर पर हैं। वह 5 टेस्ट में 13 विकेट लेकर टॉप पर पहुंच सकते हैं। अश्विन 11 विकेट लेकर अनिल कुंबले से आगे दूसरे नंबर पर भी आ सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में सबसे सफल भारतीय कप्तान हैं कोहली भारत को 27 टेस्ट जिताने वाले कप्तान एमएस धोनी ने BGT में रिकॉर्ड 8 टेस्ट जीते हैं। उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क और स्टीव वॉ ने 5-5 टेस्ट जीते हैं। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में सबसे सफल भारतीय कप्तान विराट कोहली और अंजिक्य रहाणे हैं। दोनों ने पिछले 2 दौरों पर टीम इंडिया को 2-2 टेस्ट जिताए हैं। जबकि धोनी ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट नहीं जीत सके हैं। 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया पैट कमिंस और टीम इंडिया जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में पहला टेस्ट खेलेगी।