बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफी दी, गावस्कर को नहीं बुलाया:लिटिल मास्टर भड़के तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गलती मानी

BGT के प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन में पूर्व भारतीय ओपनर सुनील गावस्कर को नहीं बुलाए जाने पर विवाद हो गया है। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने विवाद बढ़ता देकर अपनी गलती मान ली है। मेजबान बोर्ड ने रविवार को जारी एक स्टेटमेंट में कहा- 'गावस्कर को पता था कि अगर भारतीय टीम सिडनी टेस्ट जीत जाती और ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखती तो वे भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह को पुरस्कार प्रदान करते। हम मानते हैं कि अगर एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर दोनों मंच पर होते तो यह बेहतर होता।' लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर ने मामले पर नाराजगी जाहिर की थी। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 1996 से खेली जा रही है। मौजूदा सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम रही। इसे कंगारुओं ने 3-1 से जीता। गावस्कर को नहीं बुलाया ऑस्ट्रेलिया के सिडनी टेस्ट जीतने के बाद एलन बॉर्डर को प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन के लिए बुलाया गया। उन्होंने सीरीज जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को ट्रॉफी दी। जबकि, सुनील गावस्कर 100 मीटर की दूरी पर थे, लेकिन उन्हें इस समारोह के लिए नहीं बुलाया गया। सुनील गावस्कर ने कोड स्पोटर्स से कहा... मुझे पुरस्कार वितरण समारोह में जाकर खुशी होती। आखिरकार यह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी है। जो कि ऑस्ट्रेलिया तथा भारत से जुड़ी है। मैं मैदान पर ही था। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते। ठीक है। सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं। अपने अच्छे दोस्त एलेन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी प्रदान करके मुझे खुशी होती। बॉर्डर-गावस्कर पर ही नाम रखा गया था इस ट्रॉफी का नाम ऑस्ट्रेलिया और भारत के दो दिग्गज बल्लेबाजों (एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर) के नाम पर रखा गया था। क्योंकि 1996 में जब सीरीज का नाम बदला गया तब ऑस्ट्रेलिया से एलन बॉर्डर और भारत से सुनील गावस्कर का नाम ही सबसे दमदार पाया गया। तब टेस्ट खेल चुके करीब 2 हजार प्लेयर्स में ये दोनों ही ऐसे बैटर थे, जिनके नाम 10 हजार से ज्यादा टेस्ट रन थे। इसी वजह से भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया। किसने जीती थी पहली BGT? 1996 में BGT की शुरुआत हुई। पहली बार इस ट्रॉफी के तहत सिर्फ एक टेस्ट मैच दिल्ली में हुआ था। भारत ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 7 विकेट से जीत हासिल की। 152 रन बनाने वाले भारत के विकेटकीपर बैटर नयन मोंगिया प्लेयर ऑफ द मैच रहे। तब से अब तक दोनों टीमों के बीच 17 BGT खेली गईं। 10 भारत ने जीतीं और 6 ऑस्ट्रेलिया के नाम रहीं। 2003-04 में एक सीरीज 1-1 से ड्रॉ भी हुई। 9 BGT भारत में खेली गईं, इसमें 8 बार भारत को जीत मिली। एक बार ऑस्ट्रेलिया जीता। 8 बार BGT का आयोजन ऑस्ट्रेलिया में हुआ। इसमें 5 बार ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली। 2 बार भारत जीता और एक बार सीरीज ड्रॉ रही। ------------------------------------ BGT से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए... ढाई दिन में सिडनी टेस्ट हारा भारत भारतीय टीम सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 विकेट से हार गई है। इस हार के साथ भारतीय टीम को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 की पराजय झेलनी पड़ी है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को इस सीरीज में 10 साल के बाद हराया है। इससे पहले कंगारु टीम ने 2014-15 के सीजन में एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया से सीरीज जीती थी। पढ़ें पूरी खबर

Jan 5, 2025 - 13:15
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बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफी दी, गावस्कर को नहीं बुलाया:लिटिल मास्टर भड़के तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गलती मानी
BGT के प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन में पूर्व भारतीय ओपनर सुनील गावस्कर को नहीं बुलाए जाने पर विवाद हो गय

बॉर्डर ने ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफी दी, गावस्कर को नहीं बुलाया: लिटिल मास्टर भड़के तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गलती मानी

हाल ही में भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पर कड़ा पलटवार किया है। यह मुद्दा तब गर्माया जब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलीन बॉर्डर ने एक ऐतिहासिक ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया को सम्मानित किया, जबकि गावस्कर को इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। यह घटना क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

सामारोह का महत्व

क्रिकेट के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें पूर्व खिलाड़ियों का योगदान और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाया जाना था। लेकिन, जब इसका आयोजन हुआ, तो गावस्कर जैसे दिग्गज खिलाड़ी की अनुपस्थिति ने कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों को हैरत में डाल दिया। गावस्कर का मानना है कि ऐसे समारोह में उन्हें बुलाया जाना चाहिए था, विशेष रूप से जब वे भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया

गावस्कर की नाराजगी के बाद, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने मान लिया कि यह एक गलती थी और भविष्य में ऐसे समारोहों में सभी प्रासंगिक खिलाड़ियों को बुलाने का वादा किया है। देश के क्रिकेट में योगदान देने वाले महान खिलाड़ियों को इस तरह नजरअंदाज करना सकारात्मक संकेत नहीं है। इस मुद्दे पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया ने गावस्कर के प्रशंसकों को थोड़ी सांत्वना दी है।

अंतिम विचार

यह घटना न केवल क्रिकेट के प्रति प्रेमियों की संवेदनाओं को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे खेल के आयोजक कभी-कभी महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को अनदेखा कर सकते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का दुरुस्त रास्ता इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। आने वाले समय में उम्मीद है कि वे सभी खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की विवादित भावनाएँ न उठें।

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