ब्रज रज उत्सव का हुआ समापन:11 दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम,कवि सम्मेलन में कवियों ने किया काव्य पाठ

मथुरा के धौली प्याऊ स्थित रेलवे ग्राउंड में चल रहे 11 दिवसीय ब्रज रज उत्सव का सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन के साथ समापन हो गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात कवि गीतकार विष्णु सक्सेना, दिनेश रघुवंशी और मनवीर मधुर जैसे कवियों की मौजूदगी रही। दीप प्रज्वलन से हुआ कवि सम्मेलन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 11 दिवसीय ब्रज रज उत्सव का आयोजन धौली प्याऊ स्थित रेलवे मैदान पर किया गया। उत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार को आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित से हुआ। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कवि राम सरीन ने आगरा से आई ममता शर्मा को आमंत्रित किया। ममता शर्मा ने मां हमारे देश का विकास हो शारदे मां वंदना सुनो से शुरुआत की। मथुरा से ओज के कवि मनवीर मधुर ने अपनी कविता की शुरुआत जीवन में प्यार करो तो इतना करो से की। इसके बाद उन्होंने कृष्ण की भूमि पर राम पर छंद प्रस्तुत कर कविता पाठ किया। भारती शेरो शांतिवृत तोड़ शत्रु के लिए विनाशकारी बन जाएगा, विफल शास्त्र के होने पर शस्त्र जगाना पड़ता है आदि कविताएं पढ़ीं। हम कान्हा के ब्रज के वासी अपनी ही धुन में रहते हैं दिनेश रघुवंशी ने संचालन संभालते हुए मथुरा से कवयित्री डॉ पूनम वर्मा को आमंत्रित किया। डा वर्मा ने किसी की याद में खुशबू मैं भींगे केस लाई हूं, कि हमने घर पर इनको क्या क्या करते हुए देखा है, कि मैं हुं पूनम जिसे सागर भी प्यार करते हैं, हम कान्हा के ब्रज के वासी अपनी ही धुन में रहते हैं। आदि कविता पढ़ी। कवि सम्मेलन के दौरान तालियों से गूंजा पंडाल अवध से आए कवि प्रियांशु गजेंद्र ने हम हैं अनाड़ी और प्यार की कठिन राह सहित अन्य कविता गायन किया। हेमंत पांडेय , सर्वेश अस्थाना ने हास्य काव्य पाठ किया। मुमताज नसीम ने प्यार की खुशबुओं का समुंदर हूं , धर से निकली तो थी मैं मैने सोचा न था कि मुलाकात हो जाएंगी, पर जमकर तालिया गूंजी। इस मौके पर सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने अभी भी मैं वहीं हूं काव्य पाठ किया। डा विष्णु सक्सेना के गीतों की सुगंध से सम्पूर्ण पंडाल महक उठा। उनके गीत हम बदले तो कहा बेवफा वो बदले तो मजबूरी है ने जमकर तालियां बटोरीं।।इसके बाद उन्होंने उपवन उपवन घूमा फिर भी मन की गली नहीं मिली, मन तुम्हारा जब कभी भी हो तो चले आना आदि गीत गाते हुए सभी का दिल जीत लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता शबीना आदीम ने कविता पाठ करते हुए की। यह रहे मौजूद इस मौके पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने अपनी पुस्तक एक प्रतिध्वनि के लिए तथा मीराबाई पर संकलित पुस्तक सभी कवियों को स्वागत सम्मान स्वरूप भेंट की। इस अवसर पर पूर्व विधायक पंडित हुकुम चंद तिवारी, नवीन मित्तल, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, विप्रा ओएसडी प्रसून द्विवेदी, वित्ताधिकारी विजय सिंह, उद्यमी पवन चतुर्वेदी, संदीप अरोड़ा, चिंताहरण चतुर्वेदी, प्रदीप गोस्वामी आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व ब्रज रज उत्सव के मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई। गंगा रानी चतुर्वेदी के निर्देशन में महारास हुआ। दिनेश पाल सिंह व नेहा शर्मा, श्री मंजरी ग्रुप ने भजन प्रस्तुत किए। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त देविका एस देवेंद्र ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया। रागिनी श्रीवास्तव नित्यांजलि फाउंडेशन द्वारा नृत्य गायन किया।

Nov 16, 2024 - 01:50
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ब्रज रज उत्सव का हुआ समापन:11 दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम,कवि सम्मेलन में कवियों ने किया काव्य पाठ
मथुरा के धौली प्याऊ स्थित रेलवे ग्राउंड में चल रहे 11 दिवसीय ब्रज रज उत्सव का सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन के साथ समापन हो गया। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात कवि गीतकार विष्णु सक्सेना, दिनेश रघुवंशी और मनवीर मधुर जैसे कवियों की मौजूदगी रही। दीप प्रज्वलन से हुआ कवि सम्मेलन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में 11 दिवसीय ब्रज रज उत्सव का आयोजन धौली प्याऊ स्थित रेलवे मैदान पर किया गया। उत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार को आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित से हुआ। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए कवि राम सरीन ने आगरा से आई ममता शर्मा को आमंत्रित किया। ममता शर्मा ने मां हमारे देश का विकास हो शारदे मां वंदना सुनो से शुरुआत की। मथुरा से ओज के कवि मनवीर मधुर ने अपनी कविता की शुरुआत जीवन में प्यार करो तो इतना करो से की। इसके बाद उन्होंने कृष्ण की भूमि पर राम पर छंद प्रस्तुत कर कविता पाठ किया। भारती शेरो शांतिवृत तोड़ शत्रु के लिए विनाशकारी बन जाएगा, विफल शास्त्र के होने पर शस्त्र जगाना पड़ता है आदि कविताएं पढ़ीं। हम कान्हा के ब्रज के वासी अपनी ही धुन में रहते हैं दिनेश रघुवंशी ने संचालन संभालते हुए मथुरा से कवयित्री डॉ पूनम वर्मा को आमंत्रित किया। डा वर्मा ने किसी की याद में खुशबू मैं भींगे केस लाई हूं, कि हमने घर पर इनको क्या क्या करते हुए देखा है, कि मैं हुं पूनम जिसे सागर भी प्यार करते हैं, हम कान्हा के ब्रज के वासी अपनी ही धुन में रहते हैं। आदि कविता पढ़ी। कवि सम्मेलन के दौरान तालियों से गूंजा पंडाल अवध से आए कवि प्रियांशु गजेंद्र ने हम हैं अनाड़ी और प्यार की कठिन राह सहित अन्य कविता गायन किया। हेमंत पांडेय , सर्वेश अस्थाना ने हास्य काव्य पाठ किया। मुमताज नसीम ने प्यार की खुशबुओं का समुंदर हूं , धर से निकली तो थी मैं मैने सोचा न था कि मुलाकात हो जाएंगी, पर जमकर तालिया गूंजी। इस मौके पर सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने अभी भी मैं वहीं हूं काव्य पाठ किया। डा विष्णु सक्सेना के गीतों की सुगंध से सम्पूर्ण पंडाल महक उठा। उनके गीत हम बदले तो कहा बेवफा वो बदले तो मजबूरी है ने जमकर तालियां बटोरीं।।इसके बाद उन्होंने उपवन उपवन घूमा फिर भी मन की गली नहीं मिली, मन तुम्हारा जब कभी भी हो तो चले आना आदि गीत गाते हुए सभी का दिल जीत लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता शबीना आदीम ने कविता पाठ करते हुए की। यह रहे मौजूद इस मौके पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने अपनी पुस्तक एक प्रतिध्वनि के लिए तथा मीराबाई पर संकलित पुस्तक सभी कवियों को स्वागत सम्मान स्वरूप भेंट की। इस अवसर पर पूर्व विधायक पंडित हुकुम चंद तिवारी, नवीन मित्तल, डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, विप्रा ओएसडी प्रसून द्विवेदी, वित्ताधिकारी विजय सिंह, उद्यमी पवन चतुर्वेदी, संदीप अरोड़ा, चिंताहरण चतुर्वेदी, प्रदीप गोस्वामी आदि मौजूद रहे। इससे पूर्व ब्रज रज उत्सव के मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुति हुई। गंगा रानी चतुर्वेदी के निर्देशन में महारास हुआ। दिनेश पाल सिंह व नेहा शर्मा, श्री मंजरी ग्रुप ने भजन प्रस्तुत किए। राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त देविका एस देवेंद्र ने कथक नृत्य प्रस्तुत किया। रागिनी श्रीवास्तव नित्यांजलि फाउंडेशन द्वारा नृत्य गायन किया।

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