भारत के महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद को श्रद्धांजलि - यादों में जिंदा

ब्रिटिश हुकूमत के लिए आतंक का पर्याय बने महान क्रांतिकारी पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद  की 119वीं जयंती के अवसर पर समूचा राष्ट्र उन्हें शत् शत् नमन कर रहा है। राष्ट्रवादी विचारधारा के वाहक आज़ाद ने उत्तर भारत में सशस्त्र क्रांति की ज्वाला भड़काई और क्रांतिकारी युवाओं की एक पूरी पीढ़ी को तैयार किया। 1920 से 1931 …

Jul 24, 2025 - 00:27
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भारत के महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद को श्रद्धांजलि - यादों में जिंदा
ब्रिटिश हुकूमत के लिए आतंक का पर्याय बने महान क्रांतिकारी पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद  की 119वीं जयंती

भारत के महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद को श्रद्धांजलि - यादों में जिंदा

कम शब्दों में कहें तो, महान क्रांतिकारी पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद की 119वीं जयंती पर पूरा राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज़ाद ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का नेतृत्व किया और भारतीय युवाओं को संघर्ष के लिए प्रेरित किया। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - India Twoday

क्रांतिकारी जीवन का अद्वितीय अध्याय

चन्द्रशेखर आज़ाद का जीवन स्वतंत्रता संग्राम के एक विशिष्ट और प्रेरणादायक अध्याय के रूप में उभरता है। 1920 से 1931 के बीच उन्होंने कई महत्वपूर्ण क्रांतिकारी घटनाओं में भाग लिया और अपने प्राणों की आहुति देने से कभी पीछे नहीं हटे। काकोरी कांड के बाद, आज़ाद को लंबे समय तक छुपकर रहना पड़ा और अपने दुश्मनों को चकमा देने के लिए उन्हें विविध वेशभूषाएँ बदलनी पड़ी। यह उनके अदम्य साहस और चतुराई का परिचायक था।

झाँसी से ओरछा: उनकी उपयुक्त स्थानांतरण

चन्द्रशेखर आज़ाद ने झाँसी को अपने गतिविधियों का केंद्र बना लिया था। लेकिन जैसे ही पुलिस ने गतिविधियाँ तेज़ कीं, उन्होंने ओरछा की ओर रुख किया। वहाँ उन्होंने एक कुटिया में निवास किया जहाँ उन्होंने अपने साथियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ स्थानीय बच्चों को शिक्षित करने का कार्य भी प्रारंभ किया। यह उनकी महानता का एक और उदाहरण था, जहाँ वे अपने क्रांतिकारी कार्यों को जारी रखते हुए भी आम जनजीवन में पूरक बन गए।

ओरछा के जंगलों में उनकी निशानेबाजी का इतिहास

ओरछा में उनकी निशानेबाजी की चर्चा आज भी गूंजती है। उस समय के उनके कार्यों ने दिखाया कि कैसे एक अद्वितीय रणनीतिकार बना जा सकता है जो हर स्थिति में अपने दुश्मनों से बचने में सफल हो। आज़ाद का साहस और विश्वास आज भी नई पीढ़ियों को प्रेरित करता है।

उनकी विचारधारा का प्रकाश

उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि देशभक्ति, साहस, और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। चन्द्रशेखर आज़ाद का बलिदान ना केवल उनके दौर के लिए प्रेरणा था, बल्कि आज भी देशवासियों को स्वतंत्रता और संप्रभुता के महत्व को समझाता है।

विशिष्ट टिप्पणी

प्रशांत सी बाजपेयी, अध्यक्ष—स्वतंत्रता आंदोलन यादगार समिति ने इस अवसर पर कहा, “शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद सिर्फ़ एक नाम नहीं हैं, बल्कि विचारधारा का प्रतीक हैं। उनका साहस और निडरता आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन बनेगा।”

हमें इसी अतुलनीय प्रेरणा से अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। आज़ाद के बलिदान की गूंज सिर्फ उनके समकालीन समय पर ही नहीं, बल्कि आज भी प्रभावी है, हमें यह सिखाती है कि सही देशभक्त कभी हार नहीं मानते।

हमें आज़ाद की तरह अपने देश की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और अपने कर्तव्यों का पूरा पालन करना चाहिए।

अंत में, हम सभी उन्हें सच्चे हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और आशा करते हैं कि उनका गुणजागरण हर भारतीय के दिल में बसता रहेगा।

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— प्रिया रानी, टीम इंडिया टुडे

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