उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: 3,382 नामांकन निरस्त, 58,814 प्रत्याशियों का सामना, नाम वापस लेने की आखिरी तारीख कल
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शोर अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि कुल 63,509 नामांकनों में से 3,382 को निरस्त किया गया है, जबकि 1,313 उम्मीदवारों ने स्वेच्छा से अपना नाम वापस ले लिया है। इसके बाद अब 58,814 प्रत्याशी चुनावी समर में डटे हुए हैं। …

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: 3,382 नामांकन निरस्त, 58,814 प्रत्याशियों का सामना, नाम वापस लेने की आखिरी तारीख कल
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का उत्साह अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, कुल 63,509 नामांकनों में से 3,382 नामांकन निरस्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही 1,313 प्रत्याशियों ने स्वेच्छा से अपना नाम वापस ले लिया है। अब मैदान में केवल 58,814 प्रत्याशी चुनावी समर में उपस्थित हैं। कम शब्दों में कहें तो, यह चुनाव न केवल राजनीतिक महत्वपूर्णता रखता है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और भागीदारी के लिए भी एक अवसर प्रदान करता है।
चुनावों की तैयारी और संभावनाएं
अब उम्मीदें इस बात की हैं कि कितने प्रत्याशियों का चुनाव निर्विरोध होगा, और किस सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि नाम वापसी की अंतिम समयसीमा शनिवार दोपहर 3 बजे तक है। इस समय सीमा के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इस चुनाव का परिणाम ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां आमजन के सुझाव और भागीदारी की आवश्यकता है।
महिलाओं की भागीदारी
इस बार का चुनाव विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी के लिए उल्लेखनीय है। कुल प्रत्याशियों में 59 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो स्थानीय लोकतंत्र में उनकी बढ़ती हिस्सेदारी को दर्शाती हैं। महिलाओं की यह भागीदारी न केवल ग्राम पंचायतों में बलशाली सामाजिक बदलाव की ओर इंगित करती है, बल्कि यह आगे चलकर राजनीति में उनके महत्त्व को भी स्वीकार कराती है।
सुरक्षा और कानून-व्यवस्था
चुनाव से पहले की गतिविधियों में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस एवं आबकारी विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए अब तक 2 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध नकदी, शराब, मादक पदार्थ और कीमती धातु जब्त की है। यह प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है कि वे चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कितने संवेदनशील हैं।
आगामी चुनावों की समयसीमा
घड़ी की सुइयां तेजी से चल रही हैं, और अब सबकी निगाहें 14 जुलाई को होने वाले चुनाव चिह्न आवंटन और 24 जुलाई को होने वाली वोटिंग पर टिकी हैं। यह जनता के हाथ में है कि वे किसे ग्राम सत्ता की चाबी सौंपते हैं।
महिला शक्ति का दबदबा
महिलाओं की 59 प्रतिशत भागीदारी ने चुनाव में एक नया कीर्तिमान रच दिया है। यह न केवल मौजूदा चुनाव के लिए, बल्कि आने वाले समय में महिलाओं के लिए राजनीति में शक्ति का प्रतीक भी बन सकता है। यह बदलाव लोकतंत्र को और मजबूत करेगा।
कुल मिलाकर
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, चुनावी गर्माहट बढ़ती जा रही है। निर्वाचन आयोग की सक्रियता और पुलिस-प्रशासन की निगरानी इस बार पंचायत चुनाव को पारदर्शी और सख्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - India Twoday अब देखना है कि 24 जुलाई को जनता किसे ग्राम की सत्ता का जनादेश देती है।
यह चुनाव न केवल राजनीतिक समर्पण का सवाल है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम भी है। चुनाव परिणाम बताएंगे कि किसका राजनीतिक भविष्य कितना उज्ज्वल है।
इस तरह, उत्तराखंड पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों को यह समझना चाहिए कि उन्हें एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है। महिलाओं की भागीदारी, चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और राजनीतिक सरगर्मी इस बार के पंचायत चुनाव के महत्वपूर्ण पहलू हैं। यह चुनाव स्थानीय समाज में एक स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां क्लिक करें।
सादर,
टीम इंडिया टुडे, अपनी सहेली यामिनी
Keywords:
Uttarakhand Panchayat Elections 2025, Election Updates, Women's Participation, Election Results, Political News, Rural Development, Local Democracy, Voter EngagementWhat's Your Reaction?






