भारत-चीन के रक्षा मंत्री 20 नवंबर को मिलेंगे:ASEAN सम्मेलन में मिलेंगे दोनों नेता, सीमा समझौते के बाद पहली मुलाकात

भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 20 नवंबर को चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून से मुलाकात करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मुलाकात अगले हफ्ते लाओस में होने वाले ASEAN सम्मेलन में होगी। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के पीछे हटने और पिछले हफ्ते भारतीय सेना के देपसांग इलाके में फिर से गश्त शुरू करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली मंत्री स्तरीय बैठक होगी। अप्रैल 2023 के बाद पहली बार दोनों देशों के रक्षा मंत्री मिल रहे हैं। इससे पहले चीन के तत्कालीन रक्षा मंत्री ली शांगफू शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आए थे। पिछले महीने रूस में PM मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। इसके बाद अब यह बैठक होगी। दरअसल, भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी। BRICS समिट में PM मोदी ने की थी जिनपिंग के साथ बैठक BRICS समिट 2024 में PM मोदी ने समिट से अलग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक की थी। दोनों के बीच 5 साल बाद हुई इस मीटिंग में सीमा विवाद को लेकर चर्चा हुई थी और आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया गया। 50 मिनट की बातचीत में PM मोदी ने कहा था- पिछले 4 सालों में सीमा पर पैदा हुई समस्याओं पर जो सहमति बनी है, उसका हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए। समझौते के पहले जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की लाओस मुलाकात 4 महीने पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लाओस में अहम बैठक हुई थी। इसमें नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से LAC और पहले हो चुके समझौतों का सम्मान करने की बात कही। जयशंकर ने कहा था - संबंधों को स्थिर करना ही दोनों देशों के हित में है। उन्होंने वांग यी से भारत-चीन संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में सीमा विवाद को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि सीमा पर जैसे हालात होंगे वैसे ही हमारे रिश्तों में भी दिखेगा। पिछले कई सालो में भारत और चीन के बीच कई विवाद हुए है

Nov 16, 2024 - 16:50
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भारत-चीन के रक्षा मंत्री 20 नवंबर को मिलेंगे:ASEAN सम्मेलन में मिलेंगे दोनों नेता, सीमा समझौते के बाद पहली मुलाकात
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 20 नवंबर को चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून से मुलाकात करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मुलाकात अगले हफ्ते लाओस में होने वाले ASEAN सम्मेलन में होगी। पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के पीछे हटने और पिछले हफ्ते भारतीय सेना के देपसांग इलाके में फिर से गश्त शुरू करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली मंत्री स्तरीय बैठक होगी। अप्रैल 2023 के बाद पहली बार दोनों देशों के रक्षा मंत्री मिल रहे हैं। इससे पहले चीन के तत्कालीन रक्षा मंत्री ली शांगफू शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आए थे। पिछले महीने रूस में PM मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। इसके बाद अब यह बैठक होगी। दरअसल, भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी। BRICS समिट में PM मोदी ने की थी जिनपिंग के साथ बैठक BRICS समिट 2024 में PM मोदी ने समिट से अलग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक की थी। दोनों के बीच 5 साल बाद हुई इस मीटिंग में सीमा विवाद को लेकर चर्चा हुई थी और आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया गया। 50 मिनट की बातचीत में PM मोदी ने कहा था- पिछले 4 सालों में सीमा पर पैदा हुई समस्याओं पर जो सहमति बनी है, उसका हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए। समझौते के पहले जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की लाओस मुलाकात 4 महीने पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लाओस में अहम बैठक हुई थी। इसमें नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से LAC और पहले हो चुके समझौतों का सम्मान करने की बात कही। जयशंकर ने कहा था - संबंधों को स्थिर करना ही दोनों देशों के हित में है। उन्होंने वांग यी से भारत-चीन संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में सीमा विवाद को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि सीमा पर जैसे हालात होंगे वैसे ही हमारे रिश्तों में भी दिखेगा। पिछले कई सालो में भारत और चीन के बीच कई विवाद हुए है

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