भारत ने 17 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला:10 साल में गरीबी दर 14% घटी; वर्ल्ड बैंक ने हालिया रिपोर्ट में बताया
वर्ल्ड बैंक ने अपनी 'पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ' रिपोर्ट में बताया कि भारत बीते एक दशक में गरीबी को कम करने में सफल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक- भारत ने 2011-12 से 2022-23 के बीच बेहद गरीबी में रह रहे 17.1 करोड़ लोगों को बाहर निकाला। गरीबी यानी प्रतिदिन लगभग 172 रुपए से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 2011-12 में 16.2% से घटकर 2022-23 में 2.3% रह गई। इससे 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गांवों में अत्यंत गरीबी 18.4% से घटकर 2.8% पर आ गई, जबकि शहरी क्षेत्र में यह 10.7% से घटकर 1.1% पर रही। ग्रामीण-शहरी अंतर 7.7% से घटकर 1.7% पर आ गया। यह सालाना 16% की गिरावट है। भारत लो-मिडिल इनकम देशों में शामिल हुआ गरीबी के आंकड़ों में गिरावट के बाद भारत अब लो-मिडिल इनकम देशों की कैटेगरी में आ गया है। यहां प्रतिदिन लगभग 292 रुपए से कम कमाने वालों को लोअर-मिडिल क्लास पॉवर्टी में माना जाता है। इस आधार पर 2011-12 में 61.8% लोग गरीबी में थे, वहीं 2022-23 में यह घटकर 28.1% रह गई। इस दौरान 37.8 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलने में सफल रहे। MP-बिहार सहित 5 राज्यों में सबसे ज्यादा गरीबी वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में भारत में अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों में पांच सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल और मध्य प्रदेश की 65% हिस्सेदारी थी। वहीं 2022-23 तक अत्यंत गरीबी में आई कमी में इनका योगदान दो-तिहाई रहा। हालांकि, इसके बावजूद इन राज्यों का अब भी भारत के अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों का 54% (2022-23) और बहुआयामी यानी विभिन्न स्तरों पर गरीब लोगों (2019-21) का 51% हिस्सा है। गरीबी पर नीति आयोग 2024 रिपोर्ट की 3 बातें... -------------------------------------------- बिजनेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... वर्ल्ड बैंक ने भी घटाया इकोनॉमी में तेजी का अनुमान, FY26 में भारतीय GDP 6.3% की दर से बढ़ेगी IMF के बाद अब वर्ल्ड बैंक ने भी वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ रेट को घटा दिया है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक FY26 में GDP 6.3% की दर से बढ़ेगी। इससे पहले अक्टूबर 2024 में ये ग्रोथ रेट 6.7% बताई गई थी। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि निर्यात पर व्यापार नीतियों में बदलाव से ग्लोबल ग्रोथ स्लो होने का दबाव है। निजी निवेश पर मौद्रिक नीति के पॉजिटिव इम्पैक्ट को ग्लोबल आर्थिक कमजोरी और नीतिगत अनिश्चितता कम कर देगी। पूरी खबर पढ़ें...

भारत ने 17 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला: 10 साल में गरीबी दर 14% घटी
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वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट का सारांश
हालिया रिपोर्ट में, वर्ल्ड बैंक ने उल्लेख किया है कि भारत ने पिछले 10 सालों में 17 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गरीबी दर 14% घटकर अब सिर्फ 13.4% रह गई है। यह आंकड़ा साक्ष्यों की पुष्टि करता है कि भारतीय सरकार ने आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण के लिए कितनी मेहनत की है।
भारत का आर्थिक विकास
भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन नीति ने इसे संभव बनाया है। सरकारी योजनाएं जैसे कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) और दिव्यांगजन योजना (Deendayal Antyodaya Yojana) ने भी इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गरीबी कम करने के उपाय
संघीय सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो आजीविका में सुधार लाने और गरीबों को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास, और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं गरीबी कम करने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
आगे की चुनौतियाँ
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रों के बीच असमानता, ग्रामीण विकास, और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना आवश्यक है। सरकार की नीतियों का सही तरीके से कार्यान्वयन ही इस दिशा में आगे का रास्ता प्रशस्त करेगा।
निष्कर्ष
भारत की यह उपलब्धि न केवल गर्व का विषय है, बल्कि यह अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा भी है। विकासशील देशों के लिए यह एक उदाहरण है कि कैसे सही नीतियों के माध्यम से गरीबी की दर को कम किया जा सकता है।
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