भास्कर एक्सप्लेनर-नतीजों के बाद शपथ ग्रहण में 75 दिन लगेंगे:इस दौरान क्या-क्या होगा; ट्रम्प को सत्ता कैसे ट्रांसफर करेंगे बाइडेन

डोनाल्ड ट्रम्प का अमेरिका का नया राष्ट्रपति बनना तय है। उन्हें 538 में से 277 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 270 सीटों से 7 ज्यादा हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद 224 सीटें ही जीत पाईं। नतीजे भले आज ही क्लियर हो गए, लेकिन ट्रम्प का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को होगा। इन 75 दिनों में क्या-क्या होगा, इतना गैप क्यों रखा गया है; भास्कर एक्सप्लेनर में पूरी कहानी... सवाल-1: नतीजों से शपथ ग्रहण के बीच 75 दिनों का गैप क्यों रखा गया है? जवाबः अमेरिका को 1776 में आजादी मिली। उस वक्त ज्यादातर आबादी दूर-दराज के इलाकों में रहती थी। आने-जाने के साधन और रास्ते बेहद दुर्गम होते थे। चुनाव के बाद वोटों की गिनती, इलेक्टर्स की बैठक, कांग्रेस तक वोटों के पहुंचने में काफी वक्त लगता था। इसीलिए वोटिंग से शपथ ग्रहण के बीच इतना गैप रखा गया है। ये गैप शुरुआती दिनों में और ज्यादा था। 1789 में पहले राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत 30 अप्रैल से हुई थी। दूसरे राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 मार्च 1793 से शुरू हुआ और फिर यही प्रथा बन गई। नवंबर में चुनाव होने के बाद मार्च तक काफी समय बर्बाद होता था। कैबिनेट बनाने के लिए इतने वक्त की जरूरत नहीं थी। 1933 में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट की शपथ से पहले 20वें संविधान संशोधन के जरिए 20 जनवरी को नए कार्यकाल के शुरुआत की तारीख तय की गई। 2013 में बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल की शुरुआत 21 जनवरी, सोमवार से की थी। उनसे पहले राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर और रोनाल्ड रीगन ने भी 21 जनवरी से कार्यभार संभाला था। सवाल-2: अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में क्या होगा? जवाब: नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग में होगा। इस दिन की पूरी प्रक्रिया... मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का ईमानदारी से पालन करूंगा और अपनी सर्वोत्तम क्षमता से संयुक्त राज्य के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा। सवाल- 3: शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूर्व राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को एक ब्रीफकेस देते हैं, इसमें क्या होता है? जवाब: अमेरिका के नए राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के बाद पूर्व राष्ट्रपति एक ब्रीफकेस सौंपते है। इसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं। यह काले रंग का ब्रीफकेस अमेरिका के राष्ट्रपति को न्यूक्लियर बम कंट्रोल करने की शक्ति देता है। इस ब्रीफकेस में न्यूक्लियर वॉर का प्लान होता है। साथ ही यह ब्रीफकेस अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी भी स्थिति में न्यूक्लियर बम लॉन्च करने का अधिकार देता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं, उनके साथ एक मिलिट्री ऑफिसर इस ब्रीफकेस को साथ लेकर चलता है। किसी भी आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति एटम बम लॉन्च करने का फैसला ले सकते हैं। इस ब्रीफकेस के पूरे सिस्टम के बारे में अन्य जानकारियां गोपनीय रखी गई हैं। सवाल- 4: क्या अमेरिकी राष्ट्रपति को बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेना जरूरी है? जवाब: अमेरिका के राष्ट्रपति आमतौर पर बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं। 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने परिवार की 19वीं सदी की बाइबिल पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने बाइबिल अपने हाथ में पकड़ी थी। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने दो बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली थी, जिसे उनके पति ने हाथ में पकड़ा था। इसमें से एक बाइबिल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस थर्गुड मार्शल की थी और दूसरी कैलिफोर्निया में उनकी पड़ोसी की, जिन्हें वे अपनी दूसरी मां मानती थीं। पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने भी 1789 में बाइबिल पर हाथ रखकर ही शपथ ली थी। हालांकि नियमों के अनुसार नए राष्ट्रपति को सिर्फ शपथ लेनी होती है। इसमें किसी बाइबिल या कोई और धार्मिक पुस्तक से शपथ लेने जैसा कोई नियम नहीं है। प्रेसिडेंट जॉन क्विन्सी ने कानून की किताब की शपथ ली थी। जबकि थियोडोर रूजवेल्ट ने बिना किसी किताब पर हाथ रखे राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली थी। सवाल- 5: अमेरिका में पुराने राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को सत्ता ट्रांसफर कैसे करते हैं? जवाब: अमेरिका में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद पुराने राष्ट्रपति और नए राष्ट्रपति आपस में अपनी कुर्सियां बदलते हैं। यानी पूर्व राष्ट्रपति अपनी राष्ट्रपति की कुर्सी नए राष्ट्रपति को सौंपते हैं। यह शांति से सत्ता हस्तांतरण का संकेत देता है। हालांकि जो बाइडेन के शपथ ग्रहण में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शामिल नहीं हुए थे। इसके चलते इस प्रकार कुर्सियां नहीं बदली गई थीं। ----------- अमेरिका के चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें... मंडे मेगा स्टोरी- अमेरिका में मंगलवार को ही वोटिंग क्यों:राष्ट्रपति को कुछ हुआ तो 18 लोग कुर्सी के लिए हमेशा क्यों तैयार रहते हैं 1841 में अमेरिकी राष्ट्रपति विलियम हेनरी की पद संभालने के 32 दिन बाद ही मृत्यु हो गई थी। इस समय अमेरिका में बहस छिड़ी कि उपराष्ट्रपति जॉन टेलर को राष्ट्रपति की पूर्ण शक्तियां मिलेंगी या नहीं, क्योंकि अमेरिकी कानून में इससे संबंधित कोई निश्चित प्रावधान नहीं था। 1865 में राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन की हत्या और उसके बाद जेम्स ए. गारफील्ड और विलियम मैककिनले की हत्या पर भी राष्ट्रपति के उत्तराधिकर की समस्या उठी। ऐसे में साल 1947 में प्रेसिडेंट सक्सेशन एक्ट लाया गया। अब अमेरिकी राष्ट्रपति के इस्तीफा देने, पद से हटाए जाने या मृत्यु हो जाने पर फॉलो होने वाले 18 उत्तराधिकारियों का पूरा क्रम निश्चित है। पूरी स्टोरी पढ़िए...

Nov 6, 2024 - 18:15
 59  501.8k
भास्कर एक्सप्लेनर-नतीजों के बाद शपथ ग्रहण में 75 दिन लगेंगे:इस दौरान क्या-क्या होगा; ट्रम्प को सत्ता कैसे ट्रांसफर करेंगे बाइडेन
डोनाल्ड ट्रम्प का अमेरिका का नया राष्ट्रपति बनना तय है। उन्हें 538 में से 277 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 270 सीटों से 7 ज्यादा हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडिडेट कमला हैरिस कड़ी टक्कर देने के बावजूद 224 सीटें ही जीत पाईं। नतीजे भले आज ही क्लियर हो गए, लेकिन ट्रम्प का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी 2025 को होगा। इन 75 दिनों में क्या-क्या होगा, इतना गैप क्यों रखा गया है; भास्कर एक्सप्लेनर में पूरी कहानी... सवाल-1: नतीजों से शपथ ग्रहण के बीच 75 दिनों का गैप क्यों रखा गया है? जवाबः अमेरिका को 1776 में आजादी मिली। उस वक्त ज्यादातर आबादी दूर-दराज के इलाकों में रहती थी। आने-जाने के साधन और रास्ते बेहद दुर्गम होते थे। चुनाव के बाद वोटों की गिनती, इलेक्टर्स की बैठक, कांग्रेस तक वोटों के पहुंचने में काफी वक्त लगता था। इसीलिए वोटिंग से शपथ ग्रहण के बीच इतना गैप रखा गया है। ये गैप शुरुआती दिनों में और ज्यादा था। 1789 में पहले राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत 30 अप्रैल से हुई थी। दूसरे राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 मार्च 1793 से शुरू हुआ और फिर यही प्रथा बन गई। नवंबर में चुनाव होने के बाद मार्च तक काफी समय बर्बाद होता था। कैबिनेट बनाने के लिए इतने वक्त की जरूरत नहीं थी। 1933 में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट की शपथ से पहले 20वें संविधान संशोधन के जरिए 20 जनवरी को नए कार्यकाल के शुरुआत की तारीख तय की गई। 2013 में बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल की शुरुआत 21 जनवरी, सोमवार से की थी। उनसे पहले राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर और रोनाल्ड रीगन ने भी 21 जनवरी से कार्यभार संभाला था। सवाल-2: अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में क्या होगा? जवाब: नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को वॉशिंगटन डीसी की कैपिटल बिल्डिंग में होगा। इस दिन की पूरी प्रक्रिया... मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का ईमानदारी से पालन करूंगा और अपनी सर्वोत्तम क्षमता से संयुक्त राज्य के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूंगा। सवाल- 3: शपथ ग्रहण समारोह के बाद पूर्व राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को एक ब्रीफकेस देते हैं, इसमें क्या होता है? जवाब: अमेरिका के नए राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के बाद पूर्व राष्ट्रपति एक ब्रीफकेस सौंपते है। इसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं। यह काले रंग का ब्रीफकेस अमेरिका के राष्ट्रपति को न्यूक्लियर बम कंट्रोल करने की शक्ति देता है। इस ब्रीफकेस में न्यूक्लियर वॉर का प्लान होता है। साथ ही यह ब्रीफकेस अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी भी स्थिति में न्यूक्लियर बम लॉन्च करने का अधिकार देता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं, उनके साथ एक मिलिट्री ऑफिसर इस ब्रीफकेस को साथ लेकर चलता है। किसी भी आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति एटम बम लॉन्च करने का फैसला ले सकते हैं। इस ब्रीफकेस के पूरे सिस्टम के बारे में अन्य जानकारियां गोपनीय रखी गई हैं। सवाल- 4: क्या अमेरिकी राष्ट्रपति को बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेना जरूरी है? जवाब: अमेरिका के राष्ट्रपति आमतौर पर बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं। 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने परिवार की 19वीं सदी की बाइबिल पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने बाइबिल अपने हाथ में पकड़ी थी। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने दो बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली थी, जिसे उनके पति ने हाथ में पकड़ा था। इसमें से एक बाइबिल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस थर्गुड मार्शल की थी और दूसरी कैलिफोर्निया में उनकी पड़ोसी की, जिन्हें वे अपनी दूसरी मां मानती थीं। पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन ने भी 1789 में बाइबिल पर हाथ रखकर ही शपथ ली थी। हालांकि नियमों के अनुसार नए राष्ट्रपति को सिर्फ शपथ लेनी होती है। इसमें किसी बाइबिल या कोई और धार्मिक पुस्तक से शपथ लेने जैसा कोई नियम नहीं है। प्रेसिडेंट जॉन क्विन्सी ने कानून की किताब की शपथ ली थी। जबकि थियोडोर रूजवेल्ट ने बिना किसी किताब पर हाथ रखे राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली थी। सवाल- 5: अमेरिका में पुराने राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को सत्ता ट्रांसफर कैसे करते हैं? जवाब: अमेरिका में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद पुराने राष्ट्रपति और नए राष्ट्रपति आपस में अपनी कुर्सियां बदलते हैं। यानी पूर्व राष्ट्रपति अपनी राष्ट्रपति की कुर्सी नए राष्ट्रपति को सौंपते हैं। यह शांति से सत्ता हस्तांतरण का संकेत देता है। हालांकि जो बाइडेन के शपथ ग्रहण में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शामिल नहीं हुए थे। इसके चलते इस प्रकार कुर्सियां नहीं बदली गई थीं। ----------- अमेरिका के चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें... मंडे मेगा स्टोरी- अमेरिका में मंगलवार को ही वोटिंग क्यों:राष्ट्रपति को कुछ हुआ तो 18 लोग कुर्सी के लिए हमेशा क्यों तैयार रहते हैं 1841 में अमेरिकी राष्ट्रपति विलियम हेनरी की पद संभालने के 32 दिन बाद ही मृत्यु हो गई थी। इस समय अमेरिका में बहस छिड़ी कि उपराष्ट्रपति जॉन टेलर को राष्ट्रपति की पूर्ण शक्तियां मिलेंगी या नहीं, क्योंकि अमेरिकी कानून में इससे संबंधित कोई निश्चित प्रावधान नहीं था। 1865 में राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन की हत्या और उसके बाद जेम्स ए. गारफील्ड और विलियम मैककिनले की हत्या पर भी राष्ट्रपति के उत्तराधिकर की समस्या उठी। ऐसे में साल 1947 में प्रेसिडेंट सक्सेशन एक्ट लाया गया। अब अमेरिकी राष्ट्रपति के इस्तीफा देने, पद से हटाए जाने या मृत्यु हो जाने पर फॉलो होने वाले 18 उत्तराधिकारियों का पूरा क्रम निश्चित है। पूरी स्टोरी पढ़िए...

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow