मंडी में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ प्रदर्शन:वकीलों ने कोर्ट के काम का बहिष्कार किया; DC के जरिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेजा ज्ञापन

हिमाचल की छोटी काशी मंडी में जिला बार एसोसिएशन ने केंद्रीय कानून मंत्रालय के प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में प्रदर्शन किया। वकीलों ने न्यायालय परिसर के बाहर रोष रैली निकाली और कोर्ट के कामकाज का बहिष्कार किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। बता दें कि केंद्र सरकार एडवोकेट अधिनियम 1961 में संशोधन करने जा रही है। इसके खिलाफ देशभर में वकील प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज मंडी में भी प्रदर्शन किया। बार एसोसिएशन का कहना है कि यह काला कानून वकीलों के लिए कई समस्याएं पैदा करेगा। इसे देखते हुए अधिवक्ताओं ने इस संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की। एडवोकेट देश राज शर्मा ने कहा कि सरकार इस विधेयक को होल्ड करने की बात कर रही है। मगर बार एसोसिएशन की मांग है कि जैसे कृषि कानून वापस लिया गया, वैसे ही इसे भी वापस लिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वकील वर्ग पर कुठाराघात करने की कोशिश कर रही है। इसके बाद वकीलों ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को ज्ञापन भी सौंपा। केंद्र सरकार कानून में सुधार के लिए बिल ला रही केंद्र सरकार 1961 के एडवोकेट एक्ट में बदलाव करने के लिए अमेंडमेंट बिल लाने की तैयारी में है। लोगों के सुझाव के लिए बिल का फाइनल ड्राफ्ट सामने रखा गया है। वकीलों के विरोध के कारण नए बिल की धारा 35A वकील या वकीलों के संगठन को कोर्ट का बहिष्कार करने, हड़ताल करने या वर्क सस्पेंड करने से रोकती है। इसका उल्लंघन वकालत के पेशे का मिसकंडक्ट माना जाएगा और इसके लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी, जबकि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, हड़ताल करने पर रोक नहीं है। इसे प्रोफेशनल मिसकंडक्ट माना जाता है। नए बिल में कानूनी व्यवसायी (धारा 2) की परिभाषा व्यापक बनेगी। इसमें कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस के साथ ही कार्पोरेट वकीलों, इन-हाउस परामर्शदाताओं, वैधानिक निकायों और विदेशी कानूनी फर्मों में कानूनी काम में लगे लोगों को भी कानूनी व्यवसायी माना जाएगा, जबकि कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करने वालों को ही कानूनी व्यवसायी माना जाता है। बिल में एक नई धारा 33A जोड़ी गई है। इसके मुताबिक अदालतों, ट्रिब्यूनल और अन्य प्राधिकरणों में वकालत करने वाले सभी वकीलों को उस बार एसोसिएशन में पंजीकरण कराना होगा, जहां पर वे वकालत की प्रैक्टिस करते हैं। इस तरह के कुछ नए प्रावधान संशोधन करके जोड़े जा रहे हैं।

Feb 25, 2025 - 13:00
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मंडी में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ प्रदर्शन:वकीलों ने कोर्ट के काम का बहिष्कार किया; DC के जरिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेजा ज्ञापन
हिमाचल की छोटी काशी मंडी में जिला बार एसोसिएशन ने केंद्रीय कानून मंत्रालय के प्रस्तावित एडवोकेट

मंडी में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ प्रदर्शन

News by indiatwoday.com

प्रस्तावित अधिनियम के प्रति वकीलों की नाराजगी

मंडी में एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ वकीलों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में शामिल वकीलों ने न केवल अपना विरोध व्यक्त किया, बल्कि अदालतों में हो रहे सभी कामों का भी बहिष्कार किया। Lawyers' Association ने इस बिल को लेकर गहरी चिंता जताते हुए इसे वकीलों के अधिकारों के खिलाफ बताया।

DC के माध्यम से केंद्रीय कानून मंत्रालय को ज्ञापन भेजना

वकीलों ने अपने विरोध का एक महत्वपूर्ण चरण बताते हुए, DC के माध्यम से केंद्रीय कानून मंत्रालय को एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में वकीलों ने यह स्पष्ट किया है कि वे इस बिल को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसे किसी भी हाल में लागू नहीं होने देंगे। ऐतिहासिक रूप से, यह पहली बार है जब इस तरह की व्यापक स्तर पर हड़ताल और प्रदर्शन देखा गया है।

वकीलों की प्रमुख मांगें

प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने कुछ प्रमुख मांगों को उठाया, जिसमें वकीलों के अधिकारों की रक्षा और सभी वकील संगठनों को उनकी चिंताओं को उठाने का अवसर प्रदान करना शामिल है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अधिनियम के प्रभावी होने से उनकी पेशेवर स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है। इससे न केवल वर्तमान वकील प्रभावित होंगे, बल्कि नए वकीलों के लिए पेशेवर अवसर भी सीमित हो जाएंगे।

आगे की रणनीति

वकील संघों ने यह तय किया है कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे आगामी दिनों में और भी बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे। इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो वे अपने विरोध को दिल्ली तक विस्तारित करने पर विचार करेंगे।

मंडी में यह प्रदर्शन वकीलों की एकता और जागरूकता को दर्शाता है और इसका व्यापक असर हो सकता है।

वकीलों के इन आंदोलनों के जरिए यह स्पष्ट हो जाता है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंत में

मंडी में वकीलों का यह प्रदर्शन एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है, जो भविष्य में वकीलों के अधिकारों की रक्षा के लिए और भी अधिक बड़े कदम उठाने की प्रेरणा देगा। Keywords: एडवोकेट अमेंडमेंट बिल, वकीलों का प्रदर्शन, कोर्ट के काम का बहिष्कार, केंद्रीय कानून मंत्रालय ज्ञापन, मंडी हार्डशिप, वकील संघ, वकीलों की एकता, अधिनियम के खिलाफ संघर्ष, मंडी वकीलों की मांगें.

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