महाकुंभ के लिए रेलवे चलाएगी रिंग रेल, कानपुर से गुजरेगी:उत्तर मध्य रेलवे की इस पहल से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के लिए उत्तर मध्य रेलवे की ओर से रिंग रेल चलाई जा रही है। इससे श्रद्धालुओं को विशेष फायदा मिलेगा। इन ट्रेनों से धार्मिक स्थल जुड़ेंगे साथ ही देश व विदेश के श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सकेगी। उत्तर मध्य रेलवे की ओर से महाकुंभ के अवसर पर कई अनारक्षित रिंग रेल स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। यह ट्रेनें कानपुर होकर गुजरेंगी। इनका संचालन 10 जनवरी से 28 फरवरी 2025 तक होगा। रेलवे की ओर से झांसी,अयोध्या और विंध्याचल के लिए भी सुविधा रहेगी। ज्यादातर ट्रेनें गोविंदपुरी स्टेशन से होकर गुजरेंगी, जिससे सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव न हो। महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं। मेले के भव्य आयोजन के लिए रेलवे की ओर से तैयारियां तेज हो गई हैं। स्पेशल ट्रेनों के साथ ही वन-वे स्पेशल और रिंग रेल भी चलाई जाएगी। आमजन सामान्य टिकट लेकर बैठ सकेंगे। इनको नियमित चलने वाली पैसेंजर और मेमू को विस्तारित करके संचालित किया जाएगा। इनको धार्मिक स्थलों से जोड़ा जा रहा है। इस वजह से लोग संगम के साथ ही काशी, चित्रकूट, कानपुर में बिठूर, आनंदेश्वर, पनकी धाम के दर्शन कर सकेंगे। प्रयागराज उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है, यह नई दिल्ली- हावड़ा रूट पर कानपुर के बाद पड़ता है। इस वजह से नई दिल्ली की ओर से आने महाकुंभ स्पेशल और वन-वे स्पेशल ट्रेनें भी कानपुर होकर जाएंगी। इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर पूर्वी रेलवे की ओर से भी कई ट्रेनें वाया कानपुर होकर आएंगी और जाएंगी। अयोध्या धाम को जोड़ने के लिए ट्रेनें लखनऊ होकर गुजरेंगी। वहीं, कुछ ट्रेनों के कानपुर से होते हुए जाने की उम्मीद है। रिंग रेल के माध्यम से चित्रकूट धाम, कानपुर और प्रयागराज को जोड़ा जा रहा है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इन धार्मिक स्थलों के भी दर्शन कर सकेंगे। प्रयागराज से होकर काशी, अयोध्या धाम और अन्य धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध शहरों के बीच रिंग रेल संचालित की जाएगी ।
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