महाराष्ट्र में महायुति से नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर टकराव:NCP-अजित गुट ने उन्हें टिकट दिया, भाजपा बोली- उनके दाऊद से लिंक

महाराष्ट्र में महायुति से पूर्व मंत्री नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा और NCP-अजित गुट में टकराव हो गया है। मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से NCP अजित गुट ने नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। महायुति की ओर से यह सीट शिवसेना शिंदे गुट को दी गई है और सुरेश पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने भी पाटिल का समर्थन करते हुए कहा है कि वे मलिक के लिए कैंपेन नहीं करेंगे। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने बुधवार को कहा- हमारी पार्ट का स्टैंड क्लीयर है। हम पहले भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ थे। अब भी उनका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उनके दाऊद इब्राहिम से लिंक होने की बात सामने आई थी। NCP ने अनुशक्तिनगर सीट से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को भी टिकट दिया है, जो महायुति की ऑफिशियल कैंडिडेट भी हैं। आशीष ने कहा कि भाजपा को सना की उम्मीदवारी से दिक्कत नहीं है। पार्टी उनका समर्थन जरूर करेगी। भाजपा बोली- दाऊद से जुड़े लोगों पर भाजपा का रुख पहले ही साफ था मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष ने कहा- हमने बार-बार दाऊद इब्राहिम और उससे जुड़े लोगों के बारे में अपना रुख स्पष्ट किया है। यह बात डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही कही है और अब मैं भी यही कह रहा हूं। नवाब मलिक के लिए प्रचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हमारा मानना ​​है कि महायुति के सभी सहयोगियों को अपने उम्मीदवार घोषित करने का अधिकार है, लेकिन नवाब मलिक को लेकर भाजपा का रुख साफ है। नवाब ने इंडीपैंडेट कैंडिडेट के रूप में भी पर्चा भरा था नवाब मलिक ने नामांकन के आखिरी दिन 29 अक्टूबर को दो पर्चे दाखिल किए थे। उन्होंने मंगलवार को कहा था कि मैंने NCP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा दाखिल किया था। लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेजा और हमने दोपहर 2.55 बजे एबी फॉर्म जमा किया। अब मैं NCP का आधिकारिक उम्मीदवार हूं। काटोल सीट पर भी भाजपा और अजित की NCP आमने-सामने काटोल विधानसभा सीट पर भी NCP अजित और भाजपा आमने-सामने है। दरअसल, NCP में टूट से पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सीट से विधायक बने थे। हालांकि, जब पार्टी में टूट हुई तो देशमुख ने शरद पवार का साथ दिया। इस वजह से भाजपा इस सीट पर दावा कर रही थी। वहीं, अजित अब भी इसे NCP की जीती हुई सीट मान रहे थे। नतीजा दोनों ने उम्मीदवार उतार दिए। भाजपा ने चरण सिंह ठाकुर तो NCP ने नरेश अरसडे को टिकट दिया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर... लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है। विधानसभा चुनाव- 2019 ...................................................... महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 5 साल में 3 सरकारों का रिपोर्ट कार्ड; 3 बड़े प्रोजेक्ट गंवाए, 7.83 लाख करोड़ रुपए का कर्ज 5 साल, 3 मुख्यमंत्री और 3 अलग-अलग सरकारें। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 5 साल सियासी उठापठक चलती रही। अब फिर से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव से पहले दैनिक भास्कर की टीम महाराष्ट्र पहुंची और पिछले 5 साल का लेखा-जोखा जाना। इसमें तीन बातें समझ आईं, पूरी खबर पढ़ें...

Oct 30, 2024 - 11:30
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महाराष्ट्र में महायुति से नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर टकराव:NCP-अजित गुट ने उन्हें टिकट दिया, भाजपा बोली- उनके दाऊद से लिंक
महाराष्ट्र में महायुति से पूर्व मंत्री नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा और NCP-अजित गुट में टकराव हो गया है। मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से NCP अजित गुट ने नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। महायुति की ओर से यह सीट शिवसेना शिंदे गुट को दी गई है और सुरेश पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने भी पाटिल का समर्थन करते हुए कहा है कि वे मलिक के लिए कैंपेन नहीं करेंगे। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने बुधवार को कहा- हमारी पार्ट का स्टैंड क्लीयर है। हम पहले भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ थे। अब भी उनका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उनके दाऊद इब्राहिम से लिंक होने की बात सामने आई थी। NCP ने अनुशक्तिनगर सीट से नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को भी टिकट दिया है, जो महायुति की ऑफिशियल कैंडिडेट भी हैं। आशीष ने कहा कि भाजपा को सना की उम्मीदवारी से दिक्कत नहीं है। पार्टी उनका समर्थन जरूर करेगी। भाजपा बोली- दाऊद से जुड़े लोगों पर भाजपा का रुख पहले ही साफ था मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष ने कहा- हमने बार-बार दाऊद इब्राहिम और उससे जुड़े लोगों के बारे में अपना रुख स्पष्ट किया है। यह बात डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही कही है और अब मैं भी यही कह रहा हूं। नवाब मलिक के लिए प्रचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। हमारा मानना ​​है कि महायुति के सभी सहयोगियों को अपने उम्मीदवार घोषित करने का अधिकार है, लेकिन नवाब मलिक को लेकर भाजपा का रुख साफ है। नवाब ने इंडीपैंडेट कैंडिडेट के रूप में भी पर्चा भरा था नवाब मलिक ने नामांकन के आखिरी दिन 29 अक्टूबर को दो पर्चे दाखिल किए थे। उन्होंने मंगलवार को कहा था कि मैंने NCP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा दाखिल किया था। लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेजा और हमने दोपहर 2.55 बजे एबी फॉर्म जमा किया। अब मैं NCP का आधिकारिक उम्मीदवार हूं। काटोल सीट पर भी भाजपा और अजित की NCP आमने-सामने काटोल विधानसभा सीट पर भी NCP अजित और भाजपा आमने-सामने है। दरअसल, NCP में टूट से पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सीट से विधायक बने थे। हालांकि, जब पार्टी में टूट हुई तो देशमुख ने शरद पवार का साथ दिया। इस वजह से भाजपा इस सीट पर दावा कर रही थी। वहीं, अजित अब भी इसे NCP की जीती हुई सीट मान रहे थे। नतीजा दोनों ने उम्मीदवार उतार दिए। भाजपा ने चरण सिंह ठाकुर तो NCP ने नरेश अरसडे को टिकट दिया है। महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर एक नजर... लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और NCP को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है। विधानसभा चुनाव- 2019 ...................................................... महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 5 साल में 3 सरकारों का रिपोर्ट कार्ड; 3 बड़े प्रोजेक्ट गंवाए, 7.83 लाख करोड़ रुपए का कर्ज 5 साल, 3 मुख्यमंत्री और 3 अलग-अलग सरकारें। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद 5 साल सियासी उठापठक चलती रही। अब फिर से विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव से पहले दैनिक भास्कर की टीम महाराष्ट्र पहुंची और पिछले 5 साल का लेखा-जोखा जाना। इसमें तीन बातें समझ आईं, पूरी खबर पढ़ें...

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