मां के इलाज के लिए पढ़ाई छोड़ने वाले IPS:2 नौकरियां ठुकराकर IPS बनें निपुण अग्रवाल; कुख्यात राकेश दुजाना को ढेर किया
बचपन में मम्मी कहती थीं कि मेरा बेटा बड़ा होकर कुछ बनेगा। इंटर में पढ़ाई के दौरान मम्मी को कैंसर हो गया। किसी तरह इंटर पास किया। आगे जो बनना था वह सपना अधूरा सा दिखने लगा। पिता को भी इसी दौरान हार्ट अटैक आया तो और परेशानी उठानी पड़ी। मम्मी की देखभाल और इलाज के लिए सारा समय घर पर देने लगा। दो साल तक पढ़ाई से ब्रेक लिया। इसी दौरान परिवार में और भी परेशानी आ गईं, लेकिन मन में यह ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए IPS ही बनना है। फिर बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जॉब लगी तो अच्छे पैकेज को ठुकरा दिया। यह कहना है 2 सरकारी नौकरी ठुकराकर IPS बने निपुण अग्रवाल का। 2017 बैच के IPS निपुण अग्रवाल इस समय यूपी के हाथरस जिले में पुलिस कप्तान हैं। इससे पहले गाजियाबाद में एसपी सिटी और DCP भी रह चुके हैं। शाहजहांपुर में SPRA रहने के अलावा अयोध्या में ASP भी रहे हैं। जहां लंबे समय तक उन्होंने राम मंदिर की तैयारियों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी संभाली। उनके नाम पर 52 एनकाउंटर दर्ज हैं। वेस्ट यूपी के कुख्यात को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किया। कई बड़े माफियाओं के साम्राज्य की रीढ़ तोड़ते हुए जेल भेजा। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज निपुण अग्रवाल की कहानी 7 चैप्टर में पढ़ेंगे... लखनऊ शहर में एक जगह पड़ती है अलीगंज। यहां के रहने वाले प्रवीण अग्रवाल बिजनेसमैन रहे हैं। 6 नवंबर 1985 को घर पर बेटे ने जन्म लिया। मां शशि अग्रवाल ने बेटे का नाम रखा निपुण। माता गृहिणी थीं और पिता बिजनेसमैन। निपुण अग्रवाल बताते हैं-मेरे दादा प्रेम प्रकाश अग्रवाल IRS अधिकारी रहे हैं। निपुण जब बहुत छोटे थे तो उस समय दादा की बिजनौर में पोस्टिंग थी। मैंने कक्षा दो तक बिजनौर के सेंट मेरीज स्कूल से पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई जयपुरिया स्कूल लखनऊ से रही है। घर से स्कूल की दूरी करीब 15 किमी की थी। ऐसे में बस से स्कूल जाते थे, जहां उन्हें एक घंटे से अधिक का समय स्कूल पहुंचने में लगता था। इतने ही समय में स्कूल से घर आते। कई बार जब स्कूल बस लेट हो जाती थी तो घर पर मम्मी व पापा इंतजार करते।’ बचपन में मम्मी जब स्कूल के लिए तैयार करके भेजतीं तो यही कहतीं कि निपुण बड़ा होकर दादा की तरह अफसर बनेगा। दादा भी अपनी सर्विस के दौरान के किस्से और कहानी सुनाया करते थे। 2001 में प्रथम श्रेणी में 10वीं पास की। उसके बाद 2003 में इंटर पास किया। निपुण अग्रवाल 2 भाइयों में बड़े हैं। छोटा भाई दक्ष अग्रवाल कनाडा में जॉब पर है। निपुण बताते हैं कि हाईस्कूल में पढ़ाई करते हुए यह ठान लिया था कि बड़ा होकर अफसर ही बनना है। दादा भी रिटायर्ड अधिकारी थे तो वह भी बहुत कुछ चीजें बताते थे, उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। इंटर में पढ़ाई के दौरान ही पता चला कि मम्मी को कैंसर हो गया। शुरुआत में मम्मी की तबीयत एक साथ ज्यादा बिगड़ी। इंटर पास करने के बाद 2 साल तक पढ़ाई से ब्रेक लेना पड़ा। मम्मी का मुंबई से इलाज चला। मम्मी की देखभाल और घर के कामकाज की भी जिम्मेदारी थी। उसके कुछ समय बाद पापा को हार्ट अटैक आया तो उनकी भी तबीयत खराब हो गई। पापा पूरी तरह से स्वस्थ्य हुए। कुछ समय बाद परिवार में ताई और ताऊ जी की भी डेथ हो गई। दादा भी बीमार रहने लगे। ऐसे में लगने लगा था कि आगे की सफलता की राह मुश्किल हो चली है, लेकिन मम्मी और पापा हमेशा हिम्मत देते थे। आज जो भी कुछ हूं, परिवार की वजह से हूं। पापा ने हमेशा आगे बढ़ाने में मदद की। मम्मी कुछ ठीक हुईं तो 2005 में JP कॉलेज नोएडा से बी-टेक की पढ़ाई शुरू की। बी-टेक पूरी भी नहीं हुई कि 2008 में मम्मी का निधन हो गया। 2009 में कम्प्यूटर साइंस से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। जब छठे सेमेस्टर में था। तभी TCS कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब लग गई। लेकिन मन में था कि बस IPS ही बनना है। बी-टेक की पढ़ाई करने के बाद UPSC की तैयारी शुरू कर दी। 2014 में सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर नियुक्त हुए। जहां गुजरात के बड़ोदरा में तैनाती मिली। दिन में ड्यूटी करते और रात में पढ़ाई करते। मन में था कि जो भी नौकरी मिली है इसे छोड़ना नहीं है, इसी से आगे की सफलता मिलनी है। इसके बाद IB में ACIO की नौकरी भी ठुकरा दी। 6 अटैम्ट में IPS बने और बैच मिला 2017, निपुण अग्रवाल बताते हैं कि जब सफलता मिली तो मम्मी तो नहीं रहीं, लेकिन मम्मी जो कहा करती थीं वह सपना पूरा हुआ। निपुण अग्रवाल बताते हैं कि अलीगढ़ में पहली पोस्टिंग हुई। उसके बाद अयोध्या में ASP के तौर पर तैनाती मिली। जहां क्राइम पैटर्न पर काम करना शुरू कर दिया। वहां अपराध की घटनाएं कम होती थीं। लेकिन जो भी घटनाएं होती उस पर मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर हर घटना के अलग-अलग पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया। नवंबर 2019 में जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला आया तो पूरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली। जिसके बाद और भी जिम्मेदारी मिली। यहां पर वीआईपी कार्यक्रम बढ़ने लगे। 2020 में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी शुरू होने लगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम और दूसरे कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था संभाली। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया तो सारी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर तरह से संभाली। साल 2020 की बात है शहर कोतवाली क्षेत्र में एक महिला ने पुलिस को सूचना दी कि एक दरोगा मेरी बेटी की नौकरी लगवाने के बहाने मुझे कहीं ले गया। शारीरिक शोषण किया। जैसे ही पता चला कि दरोगा से जुड़ा मामला है, तो जांच पड़ताल की। पता चला कि इस नाम का कोई दरोगा नहीं है। बल्कि महिला का शोषण व ब्लैकमेल करना वाला फर्जी दरोगा है। महिला ने जो भी साक्ष्य दिए, उस आधार पर जांच शुरू की। आरोपी को गिरफ्तारी के लिए ट्रेस करने लगे। पता चला कि आरोपी महिला से मोटी रकम भी हड़प चुका था। महिला का शारीरिक शोषण करने वाले फर्जी दरोगा अरविंद गौतम और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया। उस समय दीपक कुमार अयोध्या के SSP/ DIG थे, जहां उन्होंने केस को वर्क आउ
बचपन में मम्मी कहती थीं कि मेरा बेटा बड़ा होकर कुछ बनेगा। इंटर में पढ़ाई के दौरान मम्मी को कैंसर हो गया। किसी तरह इंटर पास किया। आगे जो बनना था वह सपना अधूरा सा दिखने लगा। पिता को भी इसी दौरान हार्ट अटैक आया तो और परेशानी उठानी पड़ी। मम्मी की देखभाल और इलाज के लिए सारा समय घर पर देने लगा। दो साल तक पढ़ाई से ब्रेक लिया। इसी दौरान परिवार में और भी परेशानी आ गईं, लेकिन मन में यह ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए IPS ही बनना है। फिर बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जॉब लगी तो अच्छे पैकेज को ठुकरा दिया। यह कहना है 2 सरकारी नौकरी ठुकराकर IPS बने निपुण अग्रवाल का। 2017 बैच के IPS निपुण अग्रवाल इस समय यूपी के हाथरस जिले में पुलिस कप्तान हैं। इससे पहले गाजियाबाद में एसपी सिटी और DCP भी रह चुके हैं। शाहजहांपुर में SPRA रहने के अलावा अयोध्या में ASP भी रहे हैं। जहां लंबे समय तक उन्होंने राम मंदिर की तैयारियों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी संभाली। उनके नाम पर 52 एनकाउंटर दर्ज हैं। वेस्ट यूपी के कुख्यात को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किया। कई बड़े माफियाओं के साम्राज्य की रीढ़ तोड़ते हुए जेल भेजा। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज निपुण अग्रवाल की कहानी 7 चैप्टर में पढ़ेंगे... लखनऊ शहर में एक जगह पड़ती है अलीगंज। यहां के रहने वाले प्रवीण अग्रवाल बिजनेसमैन रहे हैं। 6 नवंबर 1985 को घर पर बेटे ने जन्म लिया। मां शशि अग्रवाल ने बेटे का नाम रखा निपुण। माता गृहिणी थीं और पिता बिजनेसमैन। निपुण अग्रवाल बताते हैं-मेरे दादा प्रेम प्रकाश अग्रवाल IRS अधिकारी रहे हैं। निपुण जब बहुत छोटे थे तो उस समय दादा की बिजनौर में पोस्टिंग थी। मैंने कक्षा दो तक बिजनौर के सेंट मेरीज स्कूल से पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई जयपुरिया स्कूल लखनऊ से रही है। घर से स्कूल की दूरी करीब 15 किमी की थी। ऐसे में बस से स्कूल जाते थे, जहां उन्हें एक घंटे से अधिक का समय स्कूल पहुंचने में लगता था। इतने ही समय में स्कूल से घर आते। कई बार जब स्कूल बस लेट हो जाती थी तो घर पर मम्मी व पापा इंतजार करते।’ बचपन में मम्मी जब स्कूल के लिए तैयार करके भेजतीं तो यही कहतीं कि निपुण बड़ा होकर दादा की तरह अफसर बनेगा। दादा भी अपनी सर्विस के दौरान के किस्से और कहानी सुनाया करते थे। 2001 में प्रथम श्रेणी में 10वीं पास की। उसके बाद 2003 में इंटर पास किया। निपुण अग्रवाल 2 भाइयों में बड़े हैं। छोटा भाई दक्ष अग्रवाल कनाडा में जॉब पर है। निपुण बताते हैं कि हाईस्कूल में पढ़ाई करते हुए यह ठान लिया था कि बड़ा होकर अफसर ही बनना है। दादा भी रिटायर्ड अधिकारी थे तो वह भी बहुत कुछ चीजें बताते थे, उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। इंटर में पढ़ाई के दौरान ही पता चला कि मम्मी को कैंसर हो गया। शुरुआत में मम्मी की तबीयत एक साथ ज्यादा बिगड़ी। इंटर पास करने के बाद 2 साल तक पढ़ाई से ब्रेक लेना पड़ा। मम्मी का मुंबई से इलाज चला। मम्मी की देखभाल और घर के कामकाज की भी जिम्मेदारी थी। उसके कुछ समय बाद पापा को हार्ट अटैक आया तो उनकी भी तबीयत खराब हो गई। पापा पूरी तरह से स्वस्थ्य हुए। कुछ समय बाद परिवार में ताई और ताऊ जी की भी डेथ हो गई। दादा भी बीमार रहने लगे। ऐसे में लगने लगा था कि आगे की सफलता की राह मुश्किल हो चली है, लेकिन मम्मी और पापा हमेशा हिम्मत देते थे। आज जो भी कुछ हूं, परिवार की वजह से हूं। पापा ने हमेशा आगे बढ़ाने में मदद की। मम्मी कुछ ठीक हुईं तो 2005 में JP कॉलेज नोएडा से बी-टेक की पढ़ाई शुरू की। बी-टेक पूरी भी नहीं हुई कि 2008 में मम्मी का निधन हो गया। 2009 में कम्प्यूटर साइंस से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। जब छठे सेमेस्टर में था। तभी TCS कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब लग गई। लेकिन मन में था कि बस IPS ही बनना है। बी-टेक की पढ़ाई करने के बाद UPSC की तैयारी शुरू कर दी। 2014 में सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर नियुक्त हुए। जहां गुजरात के बड़ोदरा में तैनाती मिली। दिन में ड्यूटी करते और रात में पढ़ाई करते। मन में था कि जो भी नौकरी मिली है इसे छोड़ना नहीं है, इसी से आगे की सफलता मिलनी है। इसके बाद IB में ACIO की नौकरी भी ठुकरा दी। 6 अटैम्ट में IPS बने और बैच मिला 2017, निपुण अग्रवाल बताते हैं कि जब सफलता मिली तो मम्मी तो नहीं रहीं, लेकिन मम्मी जो कहा करती थीं वह सपना पूरा हुआ। निपुण अग्रवाल बताते हैं कि अलीगढ़ में पहली पोस्टिंग हुई। उसके बाद अयोध्या में ASP के तौर पर तैनाती मिली। जहां क्राइम पैटर्न पर काम करना शुरू कर दिया। वहां अपराध की घटनाएं कम होती थीं। लेकिन जो भी घटनाएं होती उस पर मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर हर घटना के अलग-अलग पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया। नवंबर 2019 में जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला आया तो पूरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली। जिसके बाद और भी जिम्मेदारी मिली। यहां पर वीआईपी कार्यक्रम बढ़ने लगे। 2020 में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी शुरू होने लगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम और दूसरे कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था संभाली। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया तो सारी सुरक्षा व्यवस्था बेहतर तरह से संभाली। साल 2020 की बात है शहर कोतवाली क्षेत्र में एक महिला ने पुलिस को सूचना दी कि एक दरोगा मेरी बेटी की नौकरी लगवाने के बहाने मुझे कहीं ले गया। शारीरिक शोषण किया। जैसे ही पता चला कि दरोगा से जुड़ा मामला है, तो जांच पड़ताल की। पता चला कि इस नाम का कोई दरोगा नहीं है। बल्कि महिला का शोषण व ब्लैकमेल करना वाला फर्जी दरोगा है। महिला ने जो भी साक्ष्य दिए, उस आधार पर जांच शुरू की। आरोपी को गिरफ्तारी के लिए ट्रेस करने लगे। पता चला कि आरोपी महिला से मोटी रकम भी हड़प चुका था। महिला का शारीरिक शोषण करने वाले फर्जी दरोगा अरविंद गौतम और उसके दो साथियों को अरेस्ट किया। उस समय दीपक कुमार अयोध्या के SSP/ DIG थे, जहां उन्होंने केस को वर्क आउट करने और आरोपियों की अरेस्टिंग करने पर 20 हजार रुपए का इनाम भी दिया। निपुण अग्रवाल बताते हैं कि दिसंबर 2020 की बात है, मैं SPRA शाहजहांपुर था। तभी यहां पुलिस को इनपुट मिला की सेना में फर्जी प्रमाण-पत्रों से भर्ती कराने के नाम पर अलग-अलग गैंग युवाओं को निशाना बनाते हुए मोटी रकम वसूल रहे हैं। इस पर पहले स्पेशल टीम काम करने के लिए लगाई गई, उसके बाद थाना पुलिस को भी जिम्मेदारी दी गई। पुलिस ने खुटार के रहने वाले जनसेवा केंद्र संचालक को जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि यह गैंग बरेली व दूसरे जिलों तक पैसे हड़प चुका है। जिसके बाद खुटार थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई। इसमें पुलिस ने लखीमपुर के युवक को भी अरेस्ट किया, जिसके बाद पूरे गैंग की कलई खुलती गई। आफताब जो जनसेवा केंद्र का संचालक था, लंबे समय से इस गैंग को आगे बढ़ा रहा था। आफताब समेत 4 लोगों को अरेस्ट किया। इस गैंग के पास से फर्जी कागजात और अन्य दस्तावेज और लैपटॉप भी बरामद हुए। यह गैंग बुलंदशहर तक फैला हुआ था। जहां फर्जी तरह से डॉक्युमेंट तैयार किए गए, वह भी ऐसे कि आसानी से पहचान भी न हो सके। इसी गैंग से 2019 में भी मोटी रकम लेकर कागजात तैयार करने वाले कई लोगों को अरेस्ट किया। यहां तक कि 2 युवक सेना में भर्ती भी हो गए। जैसे ही इस गैंग ने थाने से सत्यापन के लिए पुलिस को मोटी रकम देने का प्रयास किया तो अन्य युवक भी पकड़े गए। यह उस समय बड़ा गैंग था, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की। निपुण अग्रवाल ने तिलहर क्षेत्र में हुए किसान राजीव वर्मा हत्याकांड केस काे भी सॉल्व किया। यह मामला उस समय काफी हाई लाइट हुआ। गांव के ही लोग किसान को पहले उठाकर ले गए, बेरहमी से मारपीट और फिर निर्मम हत्या कर दी। जमीन के मामले में यह हत्या की गई। जहां पीड़ित परिवार ने 14 लोगों को नामजद किया था, पुलिस ने हत्या में शामिल सभी लोगों को अरेस्ट कर जेल भेजा। निपुण अग्रवाल बताते हैं- 2022 में मैं एसपी सिटी गाजियाबाद था। मई माह की बात है, हमें सूचना मिली की 50 हजार का इनामी राकेश दुजाना जो डबल मर्डर में फरार चल रहा है। पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। बापूधाम इलाके में मैं पुलिस टीम के साथ पहुंचा। जहां देखते ही कुख्यात राकेश दुजाना ने पिस्टल से पुलिस पर फायरिंग कर दी। एक गोली कॉन्स्टेबल को जा लगी, जब तक मैं कुछ समझ पाता दुजाना की चलाई गई गोली बुलेट प्रूफ जैकेट में जा लगी। इतनी नजदीक से गोली चलाई गई कि गनीमत रही कि बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए था। पुलिस की जवाबी फायरिंग में कुख्यात को गोली लगी। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची, जहां राकेश दुजाना को मृत घोषित कर दिया गया। इसी दिन एक लाख के बिल्लू दुजाना को दूसरी टीम ने ढेर किया था। गाजियाबाद के कविनगर इलाके में 20 अप्रैल 2022 को हरेंद्र चंदेला और जितेंद्र की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। पुरानी रंजिश में यह डबल मर्डर था। जिसमें पुलिस राकेश दुजाना की तलाश में थी। यह वेस्ट यूपी का बड़ा गैंग रहा है। इसी गैंग ने स्वीट्स कारोबारी से 2 करोड़ की रंगदारी भी मांगी थी। कुख्यात राकेश पर अलग अलग जिलों में 16 मुकदमे दर्ज थे। निपुण अग्रवाल बताते हैं कि मई 2022 में ही एसपी सिटी रहते हुए होटल में हुई महिला की हत्या का खुलासा भी चर्चित रहा। शहर कोतवाली इलाके के आर्यदीप होटल में महिला की लाश मिली। मौके पर पहुंचकर देखा तो प्राथमिक जांच में सामने आया कि महिला की हत्या गला दबाकर की गई है। सीसीटीवी फुटेज देखे तो पता चला कि हत्या करने वाला नजदीकी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर ही हत्या की पुष्टि हुई। पुलिस इन बिंदुओं पर काम कर रही थी कि हत्या में किसी धारदार हथियार का प्रयोग नहीं किया गया। हत्या महिला से संबंध बनाने के प्रयास में भी हो सकती है। अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की तो मामले की सच्चाई सामने आई। होटल में महिला को नौशाद लाया था। उसने महिला से संबंध बनाने का प्रयास किया। इसके बाद 45 साल की महिला की हत्या कर दी। होटल के मालिक व मैनेजर ने रजिस्ट्रर में छेड़छाड़ की। जिसके बाद होटल मालिक, मैनेजर समेत तीन लोगों को भी अरेस्ट किया गया। गाजियाबाद में 2022 में हुए डबल मर्डर केस को भी सॉल्व किया। सिहानीगेट में वृद्ध जगदीश की हत्याकांड को भी सॉल्व किया। निपुण अग्रवाल ने गाजियाबाद के सबसे बड़े माफिया लक्ष्य तंवर की भी रीढ़ तोड़ी। उसे गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजा। वहीं 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी जब्त की। साथ ही इस गैंग के अन्य लोगों को पहली बार अरेस्ट कर जेल भेजा। निपुण अग्रवाल बताते हैं कि रेड एप्पल समेत 50 से अधिक फर्जी कंपनी बनाकर करीब 400 करोड़ रुपए की धोखाड़ी गाजियाबाद और एनसीआर में की गई। इस गैंग के खिलाफ 41 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें अधिकांश मुकदमे नंदग्राम थाने में दर्ज हुए। जब पुलिस ने बारीकी से सभी मुकदमों की जांच की तो पता चला कि यह गैंग लोगों से फ्लैट बुकिंग के नाम पर लंबे समय से ठगी कर रहा है। बुकिंग कराकर लोगों अपने-अपने फ्लैट की पूरी राशि दे चुके हैं, इसके बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए। उन्हें फर्जी तरह से फ्लैट दिखाए गए, जिससे पूरा पैसा हड़प सकें। इस गैंग में बिल्डरों के साथ भी धोखा किया गया। जांच में पता चला कि इस गैंग में पंजाब नेशनल बैंक व अन्य बैंकों के अधिकारी भी शामिल हैं। इसी गैंग में शामिल पीएनबी के मैनेजर और एडीएम भी अरेस्ट कर जेल भेजे गए। मुकदमों में शामिल आरोपियों के वाहन और मकान भी कुर्क किए गए। यह गाजियाबाद की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक रही है। गाजियाबाद में देश के सबसे बड़े शातिर चोर इरफान और उसके गैंग को अरेस्ट कर जेल भेजा। इसी शातिर चोर ने कविनगर में स्टील कारोबारी कपिल गर्ग की कोठी से एक करोड़ रुपये की चोरी की। सीसीटीवी फुटेज में आया कि चोर जगुआर से चलता है। उसे महंगी गाड़ी का शौक है। उससे पूछताछ में पता चला कि इस चोर की नोएडा, दिल्ली, गोवा और पटना समेत दूसरे शहरों में 10 पत्नी हैं। अलग-अलग शहरों में चोरी करने फ्लाइट से जाता था। अक्टूबर 2023 में निपुण अग्रवाल डीसीपी गाजियाबाद थे। जहां सहारनपुर निवासी दिल्ली के बड़े एक्सपोर्टर प्रशांत शर्मा का अपहरण कर लिया गया। जिसके बाद पौने 3 करोड़ की रकम को कार में भरकर आरोपी भाग गए। यह केस चर्चित रहा, जिसकी लखनऊ व दिल्ली तक गूंज हुई। पुलिस इसमें तत्काल एक्टिव हुई। जांच में आया कि वासू त्यागी ने एक नंबर से एक्सपोर्टर को कॉल की गई थी। इसी के आधार पर पुलिस ने पीड़ित को बरामद किया और 6 लोगों को अरेस्ट किया। पुलिस ने पौने 3 करोड़ रुपए बरामद किए। निपुण अग्रवाल इस समय हाथरस में एसपी हैं। वह बताते हैं कि फरवरी 2024 में सादाबाद कोतवाली क्षेत्र में किसान बनी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब मैं मौके पर पहुंचा और परिवार से जानकारी ली तो सबसे पहले यही पूछा कि परिवार में कौन-कौन है। जैसे ही बताया कि किसान बनी सिंह ने शादी नहीं की थी। उसके बाद मेरा सवाल था कि इनके नाम पर जमीन है या नहीं, इस पर परिवार ने कहा कि 10 बीघा जमीन है। यह सुनकर मौके पर ही समझ गया था कि यह हत्या परिवार ने जमीन के लालच में की है। किसान अपने भाई मोहर सिंह के साथ रहता था। मोहर सिंह पर पहले से ही संदेह था, वह पुलिस के सामने कुछ बोलने को ही तैयार नहीं था। पुलिस से कहा कि मोहर सिंह पर नजर रखी जाए। लेकिन मोहर सिंह पुलिस को चकमा देकर पोस्टमॉर्टम हाउस से दूसरे गांव पहुंच गया। सिविल ड्रेस में उसके पीछे लगे पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि जमीन के लालच में मेरे द्वारा ही अपने भाई बनी सिंह की हत्या की गई है। जुलाई 2024 में कोतवाली सदर क्षेत्र में मार्निंग वाक पर निकले मुनेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद मौके पर पहुंचा, परिवार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। जांच पड़ताल में आया कि मुनेंद्र अपनी पत्नी प्रियंका को बंधक बनाकर मारता-पीटता था। करीब 2 पहले पहले प्रियंका अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। यहीं से पुलिस को संदेह हुआ कि हत्या पत्नी ने कराई है। पुलिस ने मुनेंद्र की पत्नी प्रिंयका की कॉल डिटेल खंगाली। जिससे पुलिस प्रेमी तक पहुंच गई। एक तरफ पुलिस मरने वाले की पत्नी प्रियंका पर नजर रखे हुए थी, दूसरी तरफ महिला के प्रेमी भानू को पकड़ा। पूरा केस सॉल्व हो गया। प्रियंका अपने प्रेमी भानू को इंस्टाग्राम पर मैसेज और फोटो भेजती थी। फिर मैसेज व फोटो डिलीट कर देती थी। जिससे पति को संदेह न हो। प्रेमी पर दबाव बनाया कि मैं तुम्हारे लिए सब कुछ करती हूं, तुम मेरे लिए एक काम नहीं कर सकते। इस पर प्रेमी भानू ने कहा कि अगर मैं तुम्हारे पति का मर्डर कर दूं तो तुम मेरे साथ रहोगी। इसी के चलते प्रेमी मुनेंद्र हत्या कर दी। पुलिस ने प्रियंका, प्रेमी भानू समेत तीन लोगों को अरेस्ट कर केस को सॉल्व किया। अचीवमेंट्स डीजीपी के सिल्वर मेडल से सम्मानित किए गए। -------------------------------- खाकी वर्दी सीरीज से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 2 सरकारी नौकरी छोड़ IPS बने शिवराम यादव:8 लोगों के सामूहिक हत्याकांड का खुलासा किया, जलती चौकी से साथियों को निकाला 'मैं जब छोटा था ताे सोचता था अच्छे से खेती करूंगा और गांव में जिंदगी गुजारूंगा। मेरी माता जी कहतीं, खेती कहां जा रही है, यहां रहोगे तो धूल ही फांकनी पड़ेगी। इसके बाद भैया IAS हो गए और यहीं से मेरे जीवन का रास्ता बदल गया। पुलिस की वर्दी बहुत अच्छी लगती थी इसलिए दो सरकारी नौकरी छोड़कर IPS बना। क्योंकि मेरा मानना है कि खाकी वर्दी में तत्काल किसी के साथ न्याय कर सकते हैं और ऐसा मैंने कई अपराधियों के साथ किया भी...(पढ़ें पूरी खबर) लेडी IPS...जिसने सुंदर भाटी गैंग की कमर तोड़ी:मर्डर केस में MLC को अरेस्ट किया, अमेरिका की नौकरी ठुकराकर सुनीति ने पहनी वर्दी लेडी IPS सुनीति, जिनकी पहचान क्राइम के खिलाफ उनके तेज तर्रार रवैया से बनी। नोएडा में सुंदर भाटी गैंग के शूटर को पकड़कर सबको चौंका दिया। औरैया में डबल मर्डर के बाद MLC को अरेस्ट करके जेल भेजा। उन्होंने जिन जिलों की कमान संभाली, वहां महिला अपराध करने वाले की सिर्फ एक जगह रही, जेल...(पढ़ें पूरी खबर)