मिग-29 हादसा: एयरक्राफ्ट के मलबे में तलाशे जा रहे एविडेंस:आगरा के कागारौल क्षेत्र में सोमवार को क्रैश हुआ था मिग-29, चौथे दिन भी मलबा घटनास्थल पर ही जमा
मिग-29 के मलबे से इस एयरक्राफ्ट के क्रैश होने के साक्ष्य तलाशे जा रहे हैं। तीन दिन से उड्डयन निदेशालय और एयरफोर्स के अधिकारी जांच कर रहे हैं। शुरुआत जांच में पता चला है कि एयरक्राफ्ट का अगला हिस्सा सबसे पहले जमीन से टकराया था। मिग-29 का मलबा चौथे दिन भी घटनास्थल पर भी जमा है। 4 नवंबर शाम लगभग 4.20 बजे मिग-29 आगरा, कागारौल के गांव बघो सोनिगा में क्रैश हो गया था। एयरक्राफ्ट को उड़ा रहे विंग कमांडर मनीष मिश्रा इजेक्ट होकर पैराशूट की मदद से कूद गए थे। एयरक्राफ्ट हवा में ही उलट-पुलट होते हुए खेत में जा गिरा था। जहां धमाके के साथ उसमें आगे लग गई। बताया जा रहा है कि एयरक्राफ्ट का आगे का हिस्सा सबसे पहले जमीन से टकराया था। दिल्ली, प्रयागराज, लखनऊ के साथ ही आगरा एयरफोर्स की टीम जांच में जुटी है। ये टीमें एयरक्राफ़्ट के नीचे गिरने के कारणों का पता लगाने में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि एयरक्राफ्ट की टेल आसमान में ही टूट गई थी, जिसकी वजह से वह गोल-गोल घूम रहा था। हालांकि एयरक्राफ्ट की स्पीड क्या थी, टेल कैसे और कब टूटी इसका पता ब्लैक बॉक्स की जांच में पता चलेगा। यह एयरक्राफ्ट पंजाब के आदमपुर से अभ्यास के लिए उड़ा था। सूत्रों के अनुसार, हादसे के वक्त एयरक्राफ्ट में विस्फोटक सामग्री मौजूद नहीं थी। एयरक्राफ़्ट का मलबा जांच पूरी होने तक खेत में पड़ा रहेगा। इसकी निगरानी के लिए सेना के जवान टेंट लगाकर घटनास्थल पर ही डेरा डाले हुए हैं। एक निश्चित परिधि में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। मलबे तक सिर्फ जांच टीम से जुड़े अधिकारियों को ही जाने दिया जा रहा है।
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