मुख्यमंत्री ने एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से किया सम्मानित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजित नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरनोट को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रत्येक उत्तराखंडवासी के हृदय को छुआ […]

Sep 29, 2025 - 00:27
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मुख्यमंत्री ने एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से किया सम्मानित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजि

मुख्यमंत्री ने एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से किया सम्मानित

कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून में आयोजित एक सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से सम्मानित किया।

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून में सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में आयोजित नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमाचल के प्रसिद्ध साहित्यकार एस.आर हरनोट को नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से नवाजा। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि "नरेन्द्र सिंह नेगी ने उत्तराखंडवासियों के हृदय को छुआ है और उन्होंने अपने गीतों के जरिए राज्य की आत्मा को स्वर दिया है।"

सांस्कृतिक धरोहर को नया जीवन देने वाले कलाकार

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नरेन्द्र सिंह नेगी ने लोक जीवन की पीड़ा, प्रेम, संघर्ष और सौंदर्य को संगीत में पिरोकर जीवंत किया है। उन्होंने पलायन, पर्यावरण और पहाड़ी महिलाओं के संघर्ष जैसे विषयों पर कई मार्मिक गीत रचे हैं। यह गीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं।

लोकसंगीत की महत्ता

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे राज्य में जागर, मांगल और खुदेड़ जैसे पारंपरिक गीत हमारे जीवन की पहचान हैं।" ढोल, दमाऊ, हुरका, मशाक, तुर्री, भंकोरा और हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्र इन गीतों को और भी जीवंत बनाते हैं।

राज्य सरकार के पहल

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड की लोक कलाओं को संरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने 3200 लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता दी थी, ताकि उनकी कलाएँ जीवंत बनी रहें।

वृद्ध एवं अस्वस्थ कलाकारों का सम्मान

राज्य सरकार 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध और अस्वस्थ लोक कलाकारों को हर महीने 3000 रुपये की पेंशन भी दे रही है। इसके साथ ही, लोक संस्कृति को सहेजने के लिए छह महीने की प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही हैं, ताकि युवा पीढ़ी हमारे पौराणिक लोक कलाओं की महत्ता को समझ सके।

भाषाई विरासत का संरक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने साहित्यकारों को 'उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान', 'साहित्य भूषण' और 'लाइफ टाइम अचीवमेंट' पुरस्कार प्रदान कर उनकी मेहनत और योगदान को मान्यता दी है। इसके साथ ही, स्थानीय बोलियों और भाषाओं के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रतिभागियों की उपस्थिति

इस अवसर पर लोक कलाकार नरेन्द्र सिंह नेगी, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, एस.पी सेमवाल, नवीन बलूनी, ईशान पुरोहित, अपर सचिव ललित मोहन रयाल सहित अनेक हस्तियाँ भी मौजूद रहीं।

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इस समाचार के विवरण और विषयों पर विचार साझा करते हुए, हमारी टीम हमेशा इस तरह के समारोह के महत्व को उजागर करती रहेगी।

सादर, टीम इंडिया ट्वोडे - साक्षी शर्मा

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