मुजफ्फरनगर में हत्यारोपी पिता को उम्रकैद:नाबालिग बेटी को जहर देकर हो गया था फरार, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

मुजफ्फरनगर मेंनाबालिग पुत्री को जहर देकर हत्या करने के मामले में पिता को दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। अदालत ने दोषी पिता पर 18 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह सजा फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी कमलापति की अदालत ने सुनाई। घटना 13 अगस्त 2018 की है। थाना भोपा पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति अपनी नाबालिग पुत्री को ज़हरीला पदार्थ पिलाकर फरार हो गया है। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और पीड़िता को अस्पताल भिजवाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के संबंध में थाना भोपा पर अभियुक्त के खिलाफ आइपीसी की धारा 302, 316 और 328 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त सुन्दर पुत्र तरीफ निवासी ग्राम सिकरोड़ थाना सिहानी गेट गाजियाबाद को 14 अगस्त 2018 को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। पुलिस ने साक्ष्य संकलन की कार्रवाई पूर्ण करते हुए 5 सितंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रदीप शर्मा ने पैरवी की और चार गवाह पेश किए। अभियोजन और पुलिस की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप मंगलवार को अदालत ने आरोपी सुन्दर को तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर दोषी पाया, जिसके तहत उसे आजीवन कारावास के साथ-साथ 18 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया।

Nov 26, 2024 - 19:45
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मुजफ्फरनगर में हत्यारोपी पिता को उम्रकैद:नाबालिग बेटी को जहर देकर हो गया था फरार, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
मुजफ्फरनगर मेंनाबालिग पुत्री को जहर देकर हत्या करने के मामले में पिता को दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। अदालत ने दोषी पिता पर 18 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह सजा फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी कमलापति की अदालत ने सुनाई। घटना 13 अगस्त 2018 की है। थाना भोपा पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति अपनी नाबालिग पुत्री को ज़हरीला पदार्थ पिलाकर फरार हो गया है। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और पीड़िता को अस्पताल भिजवाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के संबंध में थाना भोपा पर अभियुक्त के खिलाफ आइपीसी की धारा 302, 316 और 328 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त सुन्दर पुत्र तरीफ निवासी ग्राम सिकरोड़ थाना सिहानी गेट गाजियाबाद को 14 अगस्त 2018 को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। पुलिस ने साक्ष्य संकलन की कार्रवाई पूर्ण करते हुए 5 सितंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रदीप शर्मा ने पैरवी की और चार गवाह पेश किए। अभियोजन और पुलिस की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप मंगलवार को अदालत ने आरोपी सुन्दर को तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर दोषी पाया, जिसके तहत उसे आजीवन कारावास के साथ-साथ 18 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया।

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