मुस्लिमों को साथ जोड़ेगा आरएसएस:हिंदुत्व से जोड़ने का एजेंडा तैयार; 97 हजार गांव तक पहुंचेंगी शाखा
भाजपा में UP का सियासी समीकरण भले ही संगठन साधता हो, मगर रोड मैप RSS (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) ही बनाता आया है। पार्टी के लिए चुनाव की जीत आसान बनाने के लिए एजेंडा भी सेट करता है। UP के विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं, इससे पहले मोहन भागवत मथुरा में 10 दिन के प्रवास पर हैं। योगी भी 2 घंटे बंद कमरे में उनके साथ मंथन करते रहे। लोकसभा चुनाव 2024 में BJP को 63 सीटों का नुकसान हुआ। संकेत सामने आए कि संघ को नजरअंदाज करना भारी पड़ा। सीख लेते हुए BJP संगठन 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संघ के एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है। ब्रज से मोहन भागवत UP को क्या संदेश देते हैं? चुनावी गुणा-गणित में क्या-कुछ होने जा रहा है? प्रचारक और विस्तारकों की आने वाले समय में क्या नई जिम्मेदारियां होंगी? इन सवालों के साथ भास्कर ने मथुरा में BJP संगठन और RSS से जुड़े कई पदाधिकारियों से अलग-अलग बात की। जातियों में बिखराव रोकने के लिए राष्ट्रभावना का सहारा सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस का सबसे ज्यादा फोकस यूपी में हिंदुओं को जातियों में बंटने से रोकना है। क्योंकि इससे सामाजिक गिरावट आती है। अब सवाल उठता है कि ऐसा कैसे होगा। संघ ने इसके लिए लोगों को राष्ट्र भावना के करीब लाने का तरीका सोचा है। संघ की सभी शाखाओं से जुड़े लोग घर-घर जाकर लोगों को राष्ट्र भावना से काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। क्योंकि जब देश के लिए सभी काम करेंगे, तब जाति, स्थान और लोग एक-दूसरे के लिए गलत भावना नहीं रखेंगे। इसका फायदा चुनाव में भी मिलेगा। क्योंकि इसमें सफलता मिलने पर BJP के वोट बैंक में बिखराव नहीं होगा। घर-घर पहुंचे संघ, नए युवा बनें सदस्य संघ ने घर-घर तक पहुंचने का भी प्लान तैयार किया है। माना जा रहा है कि इसके लिए सदस्यता अभियान चलाया जा सकता है। नए युवाओं को संघ की विचारधारा से जोड़ना होगा। ऐसा होने से युवा इंटरनेट गेमिंग और क्राइम की तरफ जाने से बचेंगे। साथ ही उनके अंदर अपने अभिभावकों के लिए आदर का भाव भी पैदा होगा। क्योंकि अगर विचारधारा सही हो तो गलत दिशा में जाने से रोका जा सकता है। हालांकि, ऐसा सिर्फ काउंसिलिंग से संभव है, जिसकी डेटलाइन 2025 बताई गई है। मुस्लिम समाज को करीब लाने की जरूरत संघ मान रहा है कि सिर्फ हिंदू ही क्यों, मुस्लिम समाज के लोगों को भी संघ से जोड़ा जाना चाहिए। यह एक बड़ी आबादी से जुड़ा मसला है। उनकी राय अहम है, उनकी भागीदारी भी अहम है। बच्चों की शिक्षा सही तरीके से हो। मदरसे में क्या पढ़ाया जा रहा है, क्या इसके बाद वह हाई एजुकेशन में आगे जा सकेंगे। यह सब उन परिवार के बड़े सदस्यों को ही सोचना होगा। इसकी जिम्मेदारी RSS के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को दी गई है। महिलाओं को सशक्त बनाकर समाज में आगे लाएंगे RSS की एक विंग राष्ट्र सेविका समिति है। जोकि महिलाओं के उत्थान के लिए काम करती है। इस विंग को जिम्मेदारी दी गई है कि जिस तरह घर की पहली शिक्षा मां से मिलती है, उसी तरह महिलाएं समाज में आगे आएं। वह राष्ट्र निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका अदा करें। इस पर गौर करें कि लड़के और लड़कियां कैसे सही रास्ते पर चलें। परिवार में शांति हो, परिवार एक साथ रहे। ताकि वह राष्ट्र के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकें। यूपी के 97 हजार गांव में शाखा लगाईं जाएं RSS ने अपनी शाखाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। जिससे भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्शों को बढ़ावा मिल सके। इस फीगर में करीब 97 हजार गांव आते हैं। शाखा के जरिए व्यायाम और अनुशासन की भी सीख दी जाएगी। जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही शाखा से युवा आत्मरक्षा के गुर भी सीख सकेंगे। --------------------------------------------- यह भी पढ़े : 'जय श्रीराम' नहीं बोलने पर लिफ्ट से बाहर निकाला: गाजियाबाद में उर्दू टीचर बोला- मुझसे कहा, तुम्हारा यहां क्या काम; कारोबारी अरेस्ट गाजियाबाद में उर्दू टीचर को जय श्रीराम नहीं बोलने पर लिफ्ट से बाहर निकाल दिया गया। पुलिस तक मामला पहुंचने के बाद एक कारोबारी को अरेस्ट किया गया, जिस पर टीचर पर धार्मिक नारा लगाने का दबाव बनाने का आरोप है। मामला क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके की पंचशील वेलिंग्टन सोसाइटी का है। पीड़ित आलमगीर का कहना है कि जब उन्होंने कहा- मैं नहीं कहूंगा, तब वह शख्स नाराज हो गया। मुझे अपशब्द कहे और लिफ्ट से बाहर निकाल दिया। पढ़िए पूरी खबर...
What's Your Reaction?