मेरठ कचहरी में कामकाज शुरू:बोले अधिवक्ता- गाजियाबाद बार एसोसिएशन के साथ लेकिन हड़ताल नहीं है हल
मेरठ में वकीलों की हड़ताल को लेकर रविवार रात तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। सोमवार को सीनियर अधिवक्ताओं से बात करके निर्णय लिया गया कि दोनों बार के सदस्य गाजियाबाद के वकीलों के साथ हैं। लेकिन हड़ताल से कोई हल नहीं निकल सकता है। जिसके बाद वकीलों ने न्यायिक कार्य किया। मंगलवार को भी कचहरी में न्यायिक कार्य होगा। गाजियाबाद कोर्ट रूम में 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच बहस के बाद कहासुनी हो गई थी। जिसके बाद हंगामा हो गया था। पुलिस ने कोर्ट रूम में वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। जिला जज को पुलिस अधिकारी वकीलों के बीच से निकालकर ले गए थे। वकील इस मामले में जिला जज और पुलिस अधिकारियों के तबादले की मांग कर रहे हैं। चार नवंबर से वेस्ट यूपी की सभी अदालतों में वकील न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं। गाजियाबाद में हुई बैठक में लिया गया था काम करने का निर्णय शनिवार को गाजियाबाद में वेस्ट यूपी के वकीलों की बैठक हुई थी, जिसमें काम करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसके बाद गाजियाबाद के वकीलों ने सोमवार को भी हड़ताल पर रहने का ऐलान कर दिया। इसको लेकर सोमवार को मेरठ में वकीलाें का कहना था कि मेरठ बार एसोसिएशन ने संयुक्त बैठक में जो निर्णय लिया, उसको क्यों बदल दिया गया। ऐसा नहीं करना चाहिए। जिसके बाद वकीलों ने न्यायिक कार्य करने का निर्णय लिया। ये आठ मांग उठा रहे हैं वकील गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर गुरुवार को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक मेरठ में पंडित नानक चन्द सभागार की लाइब्रेरी में हुई। इस बैठक में 8 प्रस्ताव पास किए गए थे। निर्णय लिया गया कि यदि उनके प्रस्ताव 21 नवंबर तक नहीं माने जाते हैं तो 22 नवंबर को केन्द्रीय संघर्ष समिति की बैठक में सख्त निर्णय लिए जाएंगे। आठ प्रस्तावों में लाठीचार्ज मामले में जल्द से जल्द न्यायिक जांच कराने की मांग की गई। लाठीचार्ज प्रकरण के संबंध में उच्च न्यायालय में शीघ्र अवमानना याचिका दायर की जाए। जिला जज का तबादला 21 नवम्बर तक दूसरे जिले में हो। लाठीचार्ज प्रकरण में शामिल पुलिस कर्मियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएं। घायल अधिवक्ताओं को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।
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