मेरठ के चर्चित नोमान हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद:सगे ताऊ ने 17 साल पहले किडनैपिंग के बाद कराई थी 7 साल के भतीजे की हत्या, टुकड़ेकर जंगल में फेंकी थी लाश

मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के रशीदनगर में 7 साल के बच्चे नोमान की नृशंस हत्या कर दी गई थी। सगे ताऊ ने 10 लाख रुपयों के लालच में अपने ही मासूम भतीजे की हत्या करा दी थी। 17 साल से नोमान का परिवार न्याय की आस में भटक रहा था। लेकिन शुक्रवार को अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। शहर में यह हत्याकांड बेहद चर्चाओं में रहा। जिसने रिश्तों से भरोसा उठा दिया था। इस हत्याकांड में 3 आरोपियों को जेल भेजा गया था। लेकिन सजा सुनाने में इतना वक्त लग गया कि 3 में से 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बचे 1 आरोपी को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 10 लाख रुपयों के लिए हुई हत्या लिसाड़ी गेट निवासी इरशाद के 7 साल के बेटे नोमान को उसके अपने बड़े भाई जमील ने 10 लाख रुपयो ंकी खातिर पहले किडनैप कर हत्या करा दी थी। इरशाद उस वक्त पेंट, लकड़ी का कारोबार करता था। कारोबार बहुत अच्छा चल रहा था, जिसके कारण इरशाद का बड़ा भाई जमील उससे जलने लगा। भाई के पैसों से जलन के कारण जमील ने उसके बेटे नोमान को किडनैप कर फिरौती की मोटी रकम वसूलने की योजना बनाई थी। सगे ताऊ ने साले संग मिलकर किडनैप किया दोनों भाईयों का एक ही गली में आजू, बाजू सटा मकान था। एक दिन ताऊ जमील पतंग दिलाने के बहाने मासूम नोमान को अपने साथ घर से लेकर गया उसको किडनैप कर लिया। नोमान को किडनैप कर उसे दौराला में जंगल में छिपा दिया। जमील के साथ किडनैपिंग में उसका साला शमशाद भी शामिल था। दोनों ने नोमान को छोड़ने के बदले 10 लाख की रकम मांगी। इरशाद समझ नहीं पाया ये सब उसका अपना सगा बड़ा भाई कर रहा है। उसने किसी तरह बेटे को छुढ़ाने के लिए रुपयों का इंतजाम किया। पतंग दिलाने के बहाने जंगल ले गया ताऊ लेकिन मासूम नोमान अपने किडनैपर मामा और सगे ताऊ को पहचान गया। उसने कहा कि वो अब्बू को बताएगा कि ताऊ ही उसे जंगल में ले गए। पहचान होने से दोनों घबरा गए। जीजा-साले ने मिलकर दिलशाद कसाई को रुपयों का लालच देकर नोमान की हत्या करा दी। दिलशाद ने जानवर काटने वाले छुरे से मासूम के टुकड़े-टुकड़े कर उसकी लाश दौराला के जंगल में फेंक दी थी। एसटीडी से कॉल कर छोटे भाई से मांगी फिरौती की रकम किसी को ताऊ-मामा पर शक न हो इसलिए दोनों पूरे परिवार के साथ नोमान को ढुढ़वाते रहे। फिरौती की रकम जुटाई। लगभग 15 दिन तक पुलिस किडनैपर्स को खोजती रही। लेकिन सुराग नहीं लगा फिर दौराला के जिस एसटीडी-पीसीओ से जमील ने फिरौती की रकम मांगने के लिए कॉल की थी उसी एसटीडी के जरिए सारा राज खुला। जमील, दिलशाद और शमशाद का सच सामने आया। तब पुलिस ने इनकी निशानदेही पर नोमान की लाश 3 अगस्त 2007 को टुकड़ों में लावड़ में ईख के खेत से बरामद की थी। कसाई से करा दी भतीजे की हत्या नोमान के छोटे भाई अहमद ने बताया कि इतने साल बाद हमें इंसाफ मिला, लेकिन बहुत देर हो गई। हमारा भाई वापस नहीं आ सकता। सगे ताऊ, रिश्तेदारों ने ही हमसे धोखा किया। उसके बाद उनसे सारे नाते खत्म हो चुके हैं। दो आरोपी ताऊ जमील और दिलशाद का इंतकाल हो चुका है। शमशाद को शुक्रवार को अदालत ने उम्रकैद की सजा दी है। भाई की लाश भी हमें नसीब नहीं हुई वो टुकड़ों में चादर में लिपटकर, बक्से में घर आया था। अहमद ने आगे बताया कि उस कांड के बाद हमारा कारोबार भी ठप्प हो चुका है। अब्बू अब मिनी मेट्रो चलाकर परिवार चलाते हैं।

Nov 9, 2024 - 04:35
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मेरठ के चर्चित नोमान हत्याकांड के आरोपी को उम्रकैद:सगे ताऊ ने 17 साल पहले किडनैपिंग के बाद कराई थी 7 साल के भतीजे की हत्या, टुकड़ेकर जंगल में फेंकी थी लाश
मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के रशीदनगर में 7 साल के बच्चे नोमान की नृशंस हत्या कर दी गई थी। सगे ताऊ ने 10 लाख रुपयों के लालच में अपने ही मासूम भतीजे की हत्या करा दी थी। 17 साल से नोमान का परिवार न्याय की आस में भटक रहा था। लेकिन शुक्रवार को अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। शहर में यह हत्याकांड बेहद चर्चाओं में रहा। जिसने रिश्तों से भरोसा उठा दिया था। इस हत्याकांड में 3 आरोपियों को जेल भेजा गया था। लेकिन सजा सुनाने में इतना वक्त लग गया कि 3 में से 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बचे 1 आरोपी को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 10 लाख रुपयों के लिए हुई हत्या लिसाड़ी गेट निवासी इरशाद के 7 साल के बेटे नोमान को उसके अपने बड़े भाई जमील ने 10 लाख रुपयो ंकी खातिर पहले किडनैप कर हत्या करा दी थी। इरशाद उस वक्त पेंट, लकड़ी का कारोबार करता था। कारोबार बहुत अच्छा चल रहा था, जिसके कारण इरशाद का बड़ा भाई जमील उससे जलने लगा। भाई के पैसों से जलन के कारण जमील ने उसके बेटे नोमान को किडनैप कर फिरौती की मोटी रकम वसूलने की योजना बनाई थी। सगे ताऊ ने साले संग मिलकर किडनैप किया दोनों भाईयों का एक ही गली में आजू, बाजू सटा मकान था। एक दिन ताऊ जमील पतंग दिलाने के बहाने मासूम नोमान को अपने साथ घर से लेकर गया उसको किडनैप कर लिया। नोमान को किडनैप कर उसे दौराला में जंगल में छिपा दिया। जमील के साथ किडनैपिंग में उसका साला शमशाद भी शामिल था। दोनों ने नोमान को छोड़ने के बदले 10 लाख की रकम मांगी। इरशाद समझ नहीं पाया ये सब उसका अपना सगा बड़ा भाई कर रहा है। उसने किसी तरह बेटे को छुढ़ाने के लिए रुपयों का इंतजाम किया। पतंग दिलाने के बहाने जंगल ले गया ताऊ लेकिन मासूम नोमान अपने किडनैपर मामा और सगे ताऊ को पहचान गया। उसने कहा कि वो अब्बू को बताएगा कि ताऊ ही उसे जंगल में ले गए। पहचान होने से दोनों घबरा गए। जीजा-साले ने मिलकर दिलशाद कसाई को रुपयों का लालच देकर नोमान की हत्या करा दी। दिलशाद ने जानवर काटने वाले छुरे से मासूम के टुकड़े-टुकड़े कर उसकी लाश दौराला के जंगल में फेंक दी थी। एसटीडी से कॉल कर छोटे भाई से मांगी फिरौती की रकम किसी को ताऊ-मामा पर शक न हो इसलिए दोनों पूरे परिवार के साथ नोमान को ढुढ़वाते रहे। फिरौती की रकम जुटाई। लगभग 15 दिन तक पुलिस किडनैपर्स को खोजती रही। लेकिन सुराग नहीं लगा फिर दौराला के जिस एसटीडी-पीसीओ से जमील ने फिरौती की रकम मांगने के लिए कॉल की थी उसी एसटीडी के जरिए सारा राज खुला। जमील, दिलशाद और शमशाद का सच सामने आया। तब पुलिस ने इनकी निशानदेही पर नोमान की लाश 3 अगस्त 2007 को टुकड़ों में लावड़ में ईख के खेत से बरामद की थी। कसाई से करा दी भतीजे की हत्या नोमान के छोटे भाई अहमद ने बताया कि इतने साल बाद हमें इंसाफ मिला, लेकिन बहुत देर हो गई। हमारा भाई वापस नहीं आ सकता। सगे ताऊ, रिश्तेदारों ने ही हमसे धोखा किया। उसके बाद उनसे सारे नाते खत्म हो चुके हैं। दो आरोपी ताऊ जमील और दिलशाद का इंतकाल हो चुका है। शमशाद को शुक्रवार को अदालत ने उम्रकैद की सजा दी है। भाई की लाश भी हमें नसीब नहीं हुई वो टुकड़ों में चादर में लिपटकर, बक्से में घर आया था। अहमद ने आगे बताया कि उस कांड के बाद हमारा कारोबार भी ठप्प हो चुका है। अब्बू अब मिनी मेट्रो चलाकर परिवार चलाते हैं।

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