मेरठ में खूब छूटे पटाखे, प्रशासन के सारे दावे फेल:दीपावली पर NGT के नियमों का नहीं हुआ पालन, पूरे सिटी में पटाखे छोड़कर मनाई दिवाली
मेरठ में दिवाली पर जमकर पटाखे छोड़े गए। कोई गली मोहल्ला ऐसा नहीं रहा जहां पर पटाखे न छोड़े गए हों। एनजीटी के नियमों की खूब अनदेखी हुई। मेरठ में बृहस्पतिवार को दिवाली के त्योहार पर हर जगह रात को खूब पटाखे छोड़े गए। दिल्ली रोड पर सुपरटेक पामग्रीन, पर्ल रेजिडेंसी, राजकमल एनक्लेव में रात को 9 बजे के बाद खूब पटाखे छोड़े गए। सिटी की बात करें तो शास्त्रीनगर, जागृति विहार, सिविल लाइन, कोतवाली, ब्रह्मपुरी, सदर, अंसल कोटयार्ड, अंसल सिटी, सरस्वती लोक, टीपीनगर, दशमेशनगर, जैन नगर, वेस्टर्न कचहरी रोड, साकेत, मोहनपुरी, फूलबाग, यूनिवर्सिटी रोड, प्रभातनगर, तोपखाना, लालकुर्ती समेत तमाम इलाकों में आतिशबाजी के साथ लोगों ने पटाखे छोड़कर दिवाली मनाई। इसके अलावा गंगानगर, पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा, परतापुर में भी खूब पटाखे छोड़े गए। शहर का कोई इलाका ऐसा नहीं रहा जहां पर पटाखे न छोड़े गए हों। जिला प्रशासन और एनजीटी के नियमों की खूब धज्जियां उड़ी। पूरे सिटी में पुलिस और प्रशासन के सारे दावे फेल नजर आए। लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े। रात को 12 बजे तक छूटते रहे पटाखे मेरठ में रात नौ बजे से 12 बजे तक तमाम इलाकों में पटाखे छूटते रहे। शहर के पॉश इलाके सिविल लाइन में जहां अधिकारी रहते हैं वहां भी खूब पटाखे छोड़े गए। आखिर कहां से आए ये पटाखे सवाल ये है कि पटाखों की बिक्री पर मेरठ में बैन था, इसके बावजूद इतने पटाखे कैसे लोगाें तक पहुंच गए। इससे साफ है कि पटाखों की बिक्री पर सिर्फ कागजों में रोक थी, अगर ग्राउंड लेवल पर सख्ती होती ताे इतने पटाखे नहीं छूटते।
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