मेरठ में भाजपा पार्षद की रिश्वतखोरी का VIDEO:ठेकेदार ने नगर निगम XEN के आफिस में पार्षद को दी दलाली, नगरायुक्त ने बैठाई जांच
मेरठ नगर निगम में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां भाजपा पार्षद का दलाली लेते एक सीसीटीवी वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो नगर निगम दफ्तर में XEN के आफिस का है। ऑफिस के अंदर वार्ड 50 पांडव नगर से भाजपा पार्षद संजय सैनी को एक ठेकेदार पैसे गिनकर दे रहा है। पूरी घटना केबिन में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद अब नगरायुक्त ने पूरे मामले में जांच बैठा दी है। दो सदस्यीय समिति को आदेश दिया है कि 3 दिन में जांच प्रस्तुत करें। सीसीटीवी में साफ दिख रहा रुपयों का लेनदेन जो सीसीटीवी वीडियो सामने आया है वो एक्सईएन अमित शर्मा के केबिन का है। केबिन में ऊपर सीसीटीवी कैमरा नंबर 24 इंस्टॉल है। केबिन में पहले भाजपा पार्षद संजय सैनी जो वार्ड 50 पांडव नगर के पार्षद हैं आते हैं। संजय सैनी सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले पार्षद हैं। संजय सैनी के पीछे एक अन्य आदमी आता दिख रहा है। दूसरे आदमी के हाथ में एक फाइल भी है। ठेकेदार ने जेब में हाथ डालकर निकाले रुपए पार्षद संजय सैनी कुर्सी पर बैठते हैं। दूसरा आदमी फाइल मेज पर रखता है इसके बाद पेंट की राइड साइड पॉकेट में हाथ डालकर उससे रुपए निकालता है। दूसरा आदमी नोट गिनता है इसके बाद ये नोट गिनकर वो भाजपा पार्षद को देता दिख रहा है। इसके बाद दोनों में काफी देर तक बातचीत होती रहती है। ठेकेदार ने इलाके में काम कराने के लिए बीजेपी पार्षद को ये रिश्वत की रकम दी है। इसके बाद फाइल साइन कराई है। इस पूरे घोटाले में एक्सईन अमित शर्मा भी शामिल बताए जा रहे हैं। सीसीटीवी वायरल होने के बाद अब नगरायुक्त सौरभ गंगवार ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। नगरायुक्त बोले एक्शन होगा नगरायुक्त ने बताया कि वीडियो सामने आया है एक सरकारी दफ्तर में इस तरह का कृत्य बेहद शर्मनाक है। दो लोगों की अध्यक्षता में जांट टीम बनाई है। इसमें अपर नगरायुक्त ममता मालवीय और एक अधीक्षक हैं। दोनों को तीन दिन में जांच रिपोर्ट देनी है। वीडियो में कितनी सत्यता है, दफ्तर में इस तरह का लेनदेन क्यों हो रहा था इसकी जांच की जाए। जांच के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। पार्षद ने कहा जिसने पैसे दिए वो पूर्व पार्षद के पति हैं वहीं पूरे मामले पर पार्षद संजय सैनी ने का कहना है कि भुगतान संबंधित कुछ अमाउंट था जो लिया जा रहा था जो लोग इसे रिश्वत या घोटाला कह रहे हैं वो गलत है। जो व्यक्ति पेमेंट दे रहे हैं वो पूर्व पार्षद के पति हैं, उनकी पत्नी पिछली योजना में बसपा से पार्षद रही हैं।
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