मैं मनाऊंगा तेरी करवा चौथ, कहकर...पत्नी पर कर दिया पेशाब:मुरादाबाद में डॉक्टर पति की करतूत से आहत महिला ने जहर खाया, बोली-बर्दाश्त आखिर कब तक
मुरादाबाद में एक होम्योपैथिक डॉक्टर से घिनौनी करतूत से आहत उसकी पत्नी ने जहरीला पदार्थ खाकर जान देने की कोशिश की। पत्नी ने सुबह से करवा चौथ का निर्जला व्रत रखा था। लेकिन शराब के नशे में धुत्त डॉक्टर ने पत्नी को बेरहमी से पीटा और उसके ऊपर पेशाब कर दिया। डॉक्टर इसके बाद पत्नी के गले पर पैर रखकर खड़ा हो गया। डॉक्टर ने ये पूरी हरकत अपने दो मासूम बच्चों की नजरों के सामने की। पति की करतूत से आहत महिला पहले रोती रही फिर उसने घर में रखा टायलेट क्लीनर (हार्पिक) पी लिया। महिला को नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूरी घटना शहर के मझोला थाना क्षेत्र में लाइनपार विकास नगर की है। यहां रहने वाले डॉ. तेजवीर सिंह का पाकबड़ा में आरके होम्योपैथिक क्लीनिक के नाम से दवाखाना है। करीब 4 साल पहले डॉ. तेजवीर की शादी अलका के साथ हुई थी। दंपती के 2 बच्चे भी हैं। बड़ी बेटी गरिमा है, जिसकी उम्र करीब पौने तीन साल है। जबकि छोटा बेटा पुण्य प्रताप है, जो अभी 9 माह का है। अब पूरी घटना पढ़िए पीड़िता की जुबानी वो अक्सर नशे में रहते हैं, मुझे मारते पीटते हैं मुरादाबाद में जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल वार्ड में एडमिट अलका ने दैनिक भास्कर से कहा- मेरी पति डॉ. तेजवीर सिंह का पाकबड़ा में होम्योपैथिक क्लीनिक है। हमारी शादी करीब 4 साल पहले हुई थी। हमारे दो बच्चे भी हैं। बाकी तो सब ठीक है लेकिन मेरे पति शराब पीने के बाद अपना आपा खो देते हैं। वो अक्सर मेरे साथ मारपीट करते हैं। उन्हें शराब पीने की लत लग चुकी है। कई बार तो वो पूरा-पूरा दिन शराब पीते हैं। कल करवा चौथ के दिन भी वो क्लीनिक पर नहीं गए थे। पूरा दिन शराब ही पीते रहे। बोले-मैं मनाऊंगा तेरी करवा चौथ, फिर मेरे ऊपर पेशाब कर दिया अलका बोली- वो सुबह से ही कह रहे थे कि आज मैं तेरी करवा चौथ मनाऊंगा। दिन निकलते ही उन्होंने शराब पीना शुरू कर दी थी। मैंने सुबह से ही व्रत रखा था। एक घूंट पानी तक नहीं पिया था। लेकिन पति बार-बार मुझे टॉर्चर करते रहे। शाम के करीब 4 बजे थे। मैं आंगन में बैठी थी। बच्चे मेरे पास ही खेल रहे थे। उन्होंने आते ही कहा- ले तेरी करवा चौथ मनाता हूं, इसके बाद बच्चों के सामने ही उन्होंने मेरे ऊपर पेशाब कर दिया। उनकी ये हरकत मेरी समझ से एकदम परे थी। मेरा दिमाग मानो एकदम सुन्न हो गया और मैं उठकर सीधे कमरे में भाग गई। मेरी गर्दन पर पैर रखकर खडे़ हो गए पति की हरकत बताते-बताते अलका सुबकने लगती हैं। बोली- मैंने पति की इस घिनौनी करतूत को भी ये सोचकर किनारे कर दिया कि त्योहार का दिन है। मैं जाकर बाथरूम में रोते-रोते नहाई और फिर से शाम की पूजा की तैयारियों में लग गई। शाम के 7 बज चुके थे। आसपास की सभी महिलाएं चांद देखकर व्रत खोलने की तैयारियां शुरू कर चुकी थीं। मैं भी कमरे में गई और अपनी साड़ी ढूंढने लगी ताकि तैयार हो सकूं। मेरे पति बेड पर लेटे थे। वो फिर से झगड़ने लगे। बोले- तू मानेगी नहीं। तेरी करवा चौथ आज मना ही देता हूं। इतना कहकर उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया। वो मेरी गर्दन पर पैर रखकर खड़े हो गए। किसी तरह मैंने खुद को बचाया। कितना बर्दाश्त करती, मैंने हार्पिक पी लिया मैंने करवा चौथ का व्रत रखा था। जिस पति के लिए मैंने व्रत रखा उसी ने मेरी जिंदगी नरक बना रखी है। मैंने सोचा था सभी महिलाओं की तरह मैं भी पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलूंगी। मुझे लगता था कि पति चांद निकलने तक अपना मूड ठीक कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब उन्होंने मेरी गर्दन पर पैर रख दिया तो मैंने गुस्से में घर में रखा हार्पिक पी लिया।
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