यमुना की दुर्दशा:मथुरा में मोक्षदायिनी झेल रही प्रदूषण की मार, प्रदूषित झागों से भरी यमुना
मोक्षदायिनी यमुना को शुद्ध करने की मांग लंबे अर्से से भक्त कर रहे हैं। यमुना को शुद्ध करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर नेता दावे करते हैं लेकिन हकीकत में होता कुछ नहीं हैं। मथुरा में यमुना की दुर्दशा की कुछ तस्वीरें दैनिक भास्कर के कैमरे में कैद हुईं। जिसमें यमुना में पानी नहीं बल्कि प्रदूषित झाग भरे नजर आए। आगे बढ़ने से पहले यह दो तस्वीर देखिए बर्फ या झाग इन तस्वीरों को देख कर लग रहा होगा कि यह कोई झील है जिसका पानी जम गया है और इसमें बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। लेकिन आपको बता दें यह न तो कोई झील है और न ही इसका पानी जमा हुआ है। यह वह यमुना है जिसे मोक्षदायिनी कहा जाता है। जिसके जल के आचमन से मुक्ति मिलती है। जो स्वयं यमराज की बहन है। झागों से नहीं दिख रहा यमुना में पानी मोक्षदायिनी यमुना की स्थिति किस कदर दयनीय है इसकी गवाही यह तस्वीरें दे रही हैं। यमुना बर्फ की तरह नजर आ रहे यह झाग बता रहे हैं कि यमुना किस कदर प्रदूषित हो चुकी है। झागों के बीच यमुना का पानी नजर ही नहीं आ रहा। झागों के बीच से निकलती नाव ऐसे लग रही है जैसे श्री नगर की डल झील में चलने वाले शिकारे। प्रदूषित झागों के बीच की छठ पूजा यमुना की यह तस्वीरें उस समय सामने आई हैं जब कार्तिक माह चल रहा है और यमुना के घाटों पर व्रती महिलाओं ने छठ पूजा की। सबसे ज्यादा यमुना का बुरा हाल गोकुल बैराज से आगे आगरा की तरफ नजर आया। यहां के कोयला घाट पर प्रदूषित झाग इतने थे कि पता ही नहीं चल रहा था कि यमुना का जल कहां है। इसी जगह से वासुदेव गोकुल लेकर गए थे भगवान कृष्ण को यमुना की यह स्थिति उस घाट की है जहां से द्वापर में भगवान श्री कृष्ण को सूप में रखकर वासुदेव जी गोकुल गए थे। इस प्राचीन घाट पर यमुना की यह स्थिति देख न केवल ब्रजवासी यमुना भक्त बल्कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी आहत नजर आए। यमुना में गिर रहे सीधे नाले यमुना किनारे मथुरा, वृंदावन और गोकुल प्रमुख तीर्थ हैं। वैसे तो वर्ष भर यमुना का भक्त पूजन अर्चन करते हैं लेकिन कार्तिक माह में नियम सेवा करने वाले प्रातः यमुना स्नान करते हैं और शाम को दीपदान करते हैं। लेकिन इस महीने में भी यमुना में गंदगी से भरे नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं। पिछले दिनों हुई नगर निगम की बैठक में खुद मेयर ने माना था कि यमुना में गिरने वाले नाले पूरी तरह टेप नहीं हुए हैं। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी करते रहे टालमटोल यमुना में प्रदूषित झागों के आने और बदहाल यमुना की स्थिति जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने मथुरा के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की। टीम महोली रोड स्थित उनके ऑफिस गई जहां पता चला साहब मीटिंग में गए हैं। इसके बाद देर शाम तक फोन से उनसे संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन वह टालमटोल करते रहे।
What's Your Reaction?