यूपी उपचुनाव 2024 में भाजपा+ को 7 सीटें:एग्जिट पोल में कुंदरकी में बड़ा उलटफेर, सीसामऊ-करहल में चली साइकिल

यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उससे पहले एग्जिट पोल। सभी 9 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा में दिखाई दिया। भास्कर रिपोर्टर्स ने ये एग्जिट पोल किए हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक, 9 सीटों में 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद और 2 सीटों पर सपा लीड करती दिख रही है। सपा के मजबूत गढ़ कुंदरकी में बड़ा उलटफेर दिख रहा है। यहां भाजपा आती दिख रही है। विरासत की सीट करहल में सपा की जीत लगभग तय मानी जा रही है। पहली बार उपचुनाव लड़ रही बसपा को खाली हाथ रहना पड़ेगा। जिन 9 सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें से 4 सीटें- करहल, सीसामऊ, कटेहरी और कुंदरकी सपा के पास थीं। 5 पर NDA ने जीत दर्ज की थी। इनमें अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा जीती थी। मझवां निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद ने जीती थी। भास्कर रिपोर्टर्स ने चुनाव वाले दिन करीब सभी सीटों पर लोगों से बात की। एक्सपर्ट की राय जानी। इसके अलावा, पोलिंग पैटर्न को समझा। इससे पहले सभी 9 सीटों पर हमने तीन बार ग्राउंड रिपोर्ट की, जिसमें करीब तीन हजार लोगों से बात की। कानपुर की सीसामऊ, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही। इन सीटों के लिए खुद अखिलेश यादव को प्रेस कॉन्फ्रेंस तक करनी पड़ी। अधिकारियों पर आरोप लगे। इसके बाद एक्शन भी लिया गया। 5 पुलिस अधिकारी सस्पेंड हुए। अब जानते हैं भास्कर का एग्जिट पोल... पिछले तीन विधानसभा चुनावों का रिजल्ट एक नजर यूपी उपचुनाव के टॉप-5 चेहरों पर, जो चर्चा में रहे 2027 चुनाव का टेस्ट : भाजपा रिकवरी मोड में दिखी ''27 में सत्ताधीश'' यह पोस्टर राजधानी लखनऊ में लगे। पोस्टर में अखिलेश यादव की तस्वीर थी। दूसरी तरफ प्रदेश भर में बटोगे तो कटोगे के नारे के साथ सीएम योगी के पोस्टर लगाए गए। मैसेज साफ था- 2027 के लिए अभी से सियासी बिसात बिछाई जा रही है। लोकसभा चुनाव का मोमेंटम बनाए रखने के लिए सपा ने PDA फॉर्मूला, आरक्षण और संविधान की बातें दोहराईं। वहीं भाजपा ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सभी सीटों पर रोजगार मेला लगाया। खुद सीएम योगी ने जनसभा की। योजनाओं का लोकर्पण और शुभारंभ किया। विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस उपचुनाव को 2027 विधानसभा चुनाव का टेस्ट इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसके बाद प्रदेश में (मिल्कीपुर को छोड़कर) कोई चुनाव नहीं है। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद सपा मजबूत पार्टी बनकर उभरी है। वहीं भाजपा रिकवरी मोड में नजर आई। सीएम योगी और अखिलेश ने की 13-13 जनसभाएं विधानसभा चुनाव 2027 की राजनीतिक दशा और दिशा तय करेंगे। यही वजह है कि कैंडिडेट के चयन के लिए भाजपा ने सबसे ज्यादा मंथन किया। नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले प्रत्याशियों घोषित किए। इसके बाद सीएम योगी हों या सपा मुखिया अखिलेश यादव, दोनों ने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। योगी ने 5 दिन में 13 जनसभाएं और 2 रोड शो किए, तो अखिलेश ने 13 जनसभाएं और एक रोड शो किया। इसके अलावा पार्टी के स्टार प्रचारक पूरी ताकत से इन 9 सीटों पर प्रचार करने पहुंचे। दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। सपा से डिंपल यादव, शिवपाल यादव, लोकसभा चुनाव में जीते- आदित्य यादव और इकरा हसन प्रचार करने पहुंचे।

Nov 20, 2024 - 19:10
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यूपी उपचुनाव 2024 में भाजपा+ को 7 सीटें:एग्जिट पोल में कुंदरकी में बड़ा उलटफेर, सीसामऊ-करहल में चली साइकिल
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग पूरी हो गई है। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। उससे पहले एग्जिट पोल। सभी 9 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा में दिखाई दिया। भास्कर रिपोर्टर्स ने ये एग्जिट पोल किए हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक, 9 सीटों में 6 पर भाजपा, एक सीट पर रालोद और 2 सीटों पर सपा लीड करती दिख रही है। सपा के मजबूत गढ़ कुंदरकी में बड़ा उलटफेर दिख रहा है। यहां भाजपा आती दिख रही है। विरासत की सीट करहल में सपा की जीत लगभग तय मानी जा रही है। पहली बार उपचुनाव लड़ रही बसपा को खाली हाथ रहना पड़ेगा। जिन 9 सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें से 4 सीटें- करहल, सीसामऊ, कटेहरी और कुंदरकी सपा के पास थीं। 5 पर NDA ने जीत दर्ज की थी। इनमें अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा जीती थी। मझवां निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद ने जीती थी। भास्कर रिपोर्टर्स ने चुनाव वाले दिन करीब सभी सीटों पर लोगों से बात की। एक्सपर्ट की राय जानी। इसके अलावा, पोलिंग पैटर्न को समझा। इससे पहले सभी 9 सीटों पर हमने तीन बार ग्राउंड रिपोर्ट की, जिसमें करीब तीन हजार लोगों से बात की। कानपुर की सीसामऊ, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही। इन सीटों के लिए खुद अखिलेश यादव को प्रेस कॉन्फ्रेंस तक करनी पड़ी। अधिकारियों पर आरोप लगे। इसके बाद एक्शन भी लिया गया। 5 पुलिस अधिकारी सस्पेंड हुए। अब जानते हैं भास्कर का एग्जिट पोल... पिछले तीन विधानसभा चुनावों का रिजल्ट एक नजर यूपी उपचुनाव के टॉप-5 चेहरों पर, जो चर्चा में रहे 2027 चुनाव का टेस्ट : भाजपा रिकवरी मोड में दिखी ''27 में सत्ताधीश'' यह पोस्टर राजधानी लखनऊ में लगे। पोस्टर में अखिलेश यादव की तस्वीर थी। दूसरी तरफ प्रदेश भर में बटोगे तो कटोगे के नारे के साथ सीएम योगी के पोस्टर लगाए गए। मैसेज साफ था- 2027 के लिए अभी से सियासी बिसात बिछाई जा रही है। लोकसभा चुनाव का मोमेंटम बनाए रखने के लिए सपा ने PDA फॉर्मूला, आरक्षण और संविधान की बातें दोहराईं। वहीं भाजपा ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सभी सीटों पर रोजगार मेला लगाया। खुद सीएम योगी ने जनसभा की। योजनाओं का लोकर्पण और शुभारंभ किया। विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस उपचुनाव को 2027 विधानसभा चुनाव का टेस्ट इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि इसके बाद प्रदेश में (मिल्कीपुर को छोड़कर) कोई चुनाव नहीं है। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद सपा मजबूत पार्टी बनकर उभरी है। वहीं भाजपा रिकवरी मोड में नजर आई। सीएम योगी और अखिलेश ने की 13-13 जनसभाएं विधानसभा चुनाव 2027 की राजनीतिक दशा और दिशा तय करेंगे। यही वजह है कि कैंडिडेट के चयन के लिए भाजपा ने सबसे ज्यादा मंथन किया। नामांकन की अंतिम तारीख से ठीक एक दिन पहले प्रत्याशियों घोषित किए। इसके बाद सीएम योगी हों या सपा मुखिया अखिलेश यादव, दोनों ने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। योगी ने 5 दिन में 13 जनसभाएं और 2 रोड शो किए, तो अखिलेश ने 13 जनसभाएं और एक रोड शो किया। इसके अलावा पार्टी के स्टार प्रचारक पूरी ताकत से इन 9 सीटों पर प्रचार करने पहुंचे। दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। सपा से डिंपल यादव, शिवपाल यादव, लोकसभा चुनाव में जीते- आदित्य यादव और इकरा हसन प्रचार करने पहुंचे।

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