दिल-लुमिनाटी टूर के तहत जयपुर पहुंचे दिलजीत:मैं हूं पंजाब पर दी सफाई; राजस्थानी कल्चर की तारीफ की, टिकट धोखाधड़ी पर मांगी माफी

पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ ने रविवार को जयपुर में अपने फैंस के लिए शानदार कॉन्सर्ट किया। जैसे ही दिलजीत मंच पर आए, फैंस की भीड़ झूम उठी। शो की शुरुआत उन्होंने अपने प्रसिद्ध गाने "गबरु" से की। इस दौरान उन्होंने मैं हूं पंजाब कहने पर सफाई दी। इतना ही नहीं, राजस्थानी कल्चर की भी जमकर तारीफ की। जिस समय दिलजीत मंच पर पहुंचे तो फैंस के हाथों में "मैं हूं पंजाब" के पोस्टर्स थे। जिसे देखकर उन्होंने कहा- यहां लोग जब कहीं बाहर जाते हैं तो 'खम्मा घणी' कहते हैं और गर्व से बोलते हैं कि वे जयपुर से हैं। लेकिन जब मैं 'मैं हूं पंजाब' कहता हूं तो कुछ लोगों को दिक्कत होती है। दिलजीत ने राजस्थान की कला की तारीफ करते हुए कहा कि यहां का लोक कला अद्वितीय है। उन्होंने कहा, "मैं खुद को बहुत अच्छा सिंगर नहीं मानता, लेकिन यहां के कलाकार बेहद हुनरमंद हैं। इनके सामने मेरी कला कुछ भी नहीं है। राजस्थान के संगीत और कला को जिंदा रखने के लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं। राजस्थानी कल्चर की तारीफ की दिलजीत ने राजस्थान के मारवाड़ी समुदाय के एक युवक को मंच पर बुला जमकर तारीफ की। उन्होंने मारवाड़ी समुदाय की पगड़ी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ये भारत की खूबसूरती है। कुछ किलोमीटर के बाद कल्चर बदल जाता है। खाना पीना, रहना और पहनावा भी बदल जीता है और हम सभी इसका सम्मान करते हैं। टिकट धोखाधड़ी पर भी दी सफाई कॉन्सर्ट के दौरान दिलजीत ने टिकट खरीद में हुई धोखाधड़ी पर भी माफी मांगी। उन्होंने कहा- अगर किसी के साथ टिकट को लेकर कोई धोखाधड़ी हुई है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। हमारा इससे कोई संबंध नहीं है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने फैंस को सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि टिकट इतनी जल्दी खत्म हो गए कि उन्हें भी पता नहीं चला। दिल्ली में पंजाबी को प्रोमोट करते दिखे थे दिल-लुमिनाटी टूर के दौरान दिलजीत लगातार पंजाब व पंजाबी को प्रोमोट करते दिख रहे हैं। दिलजीत ने बीते दिनों दिल्ली टूर के दौरान कहा था- "जब मैं पैदा हुआ, तो मेरी मां पंजाबी बोलती थी। मैंने जो पहला शब्द सीखा, वह पंजाबी में था। हमारे देश में कई भाषाएं हैं, और मैं उन सभी का सम्मान करता हूं। जयपुर की खूबसूरती के फैन हुए दिलजीत दिलजीत ने जयपुर के स्थानीय भोजन और खूबसूरत जगहों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि वे स्टेज पर आने से पहले "दाल-बाटी चूरमा" खाकर आए हैं। बीती रात सिटी पैलेस भी गए थे। जिसे देखकर कह सकता हूं कि आप सभी एक बेहद खूबसूरत शहर में रहते हैं।" दिलजीत से जुड़े विवाद- 1. किसान आंदोलन के समर्थन पर विवाद दिलजीत दोसांझ ने 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान खुलकर किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने आंदोलन में हिस्सा भी लिया और सोशल मीडिया पर लगातार किसानों के पक्ष में पोस्ट किए। इसके चलते उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा और कुछ लोगों ने उन्हें "देश-विरोधी" भी कहा। इस विवाद के दौरान दिलजीत का कंगना रनोट के साथ ट्विटर पर तीखा टकराव भी हुआ था, जहां दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए थे। 2. खालिस्तान समर्थक होने के आरोप दिलजीत पर अक्सर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप भी लगता रहा है, हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। कुछ लोगों का मानना है कि उनके द्वारा किसानों और पंजाब की संस्कृति के समर्थन को खालिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलजीत ने इस तरह के आरोपों पर जवाब दिया है कि वे अपने देश के प्रति वफादार हैं और ऐसे आरोप केवल उनके काम को बदनाम करने के लिए लगाए जाते हैं। 3. कनाडाई पंजाबी समुदाय से जुड़ाव दिलजीत का कनाडाई पंजाबी समुदाय में काफी लोकप्रिय होना भी विवाद का कारण बनता रहा है। कुछ लोग उन्हें कनाडा में बसे खालिस्तानी विचारधारा वाले समूहों से जोड़कर देखते हैं, हालांकि दिलजीत ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वे पंजाबी संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं और इसका किसी भी विवादित विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। 4. केंद्र सरकार की आलोचना पर विवाद किसान आंदोलन के दौरान दिलजीत ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार की आलोचना की थी, जो राजनीतिक विवाद का कारण बनी। उनके इस कदम को कुछ लोगों ने "सरकार विरोधी" माना, जबकि दिलजीत ने इसे किसानों के समर्थन में उठाया कदम बताया।

Nov 4, 2024 - 12:55
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दिल-लुमिनाटी टूर के तहत जयपुर पहुंचे दिलजीत:मैं हूं पंजाब पर दी सफाई; राजस्थानी कल्चर की तारीफ की, टिकट धोखाधड़ी पर मांगी माफी
पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ ने रविवार को जयपुर में अपने फैंस के लिए शानदार कॉन्सर्ट किया। जैसे ही दिलजीत मंच पर आए, फैंस की भीड़ झूम उठी। शो की शुरुआत उन्होंने अपने प्रसिद्ध गाने "गबरु" से की। इस दौरान उन्होंने मैं हूं पंजाब कहने पर सफाई दी। इतना ही नहीं, राजस्थानी कल्चर की भी जमकर तारीफ की। जिस समय दिलजीत मंच पर पहुंचे तो फैंस के हाथों में "मैं हूं पंजाब" के पोस्टर्स थे। जिसे देखकर उन्होंने कहा- यहां लोग जब कहीं बाहर जाते हैं तो 'खम्मा घणी' कहते हैं और गर्व से बोलते हैं कि वे जयपुर से हैं। लेकिन जब मैं 'मैं हूं पंजाब' कहता हूं तो कुछ लोगों को दिक्कत होती है। दिलजीत ने राजस्थान की कला की तारीफ करते हुए कहा कि यहां का लोक कला अद्वितीय है। उन्होंने कहा, "मैं खुद को बहुत अच्छा सिंगर नहीं मानता, लेकिन यहां के कलाकार बेहद हुनरमंद हैं। इनके सामने मेरी कला कुछ भी नहीं है। राजस्थान के संगीत और कला को जिंदा रखने के लिए मैं सभी को धन्यवाद देता हूं। राजस्थानी कल्चर की तारीफ की दिलजीत ने राजस्थान के मारवाड़ी समुदाय के एक युवक को मंच पर बुला जमकर तारीफ की। उन्होंने मारवाड़ी समुदाय की पगड़ी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ये भारत की खूबसूरती है। कुछ किलोमीटर के बाद कल्चर बदल जाता है। खाना पीना, रहना और पहनावा भी बदल जीता है और हम सभी इसका सम्मान करते हैं। टिकट धोखाधड़ी पर भी दी सफाई कॉन्सर्ट के दौरान दिलजीत ने टिकट खरीद में हुई धोखाधड़ी पर भी माफी मांगी। उन्होंने कहा- अगर किसी के साथ टिकट को लेकर कोई धोखाधड़ी हुई है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। हमारा इससे कोई संबंध नहीं है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने फैंस को सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि टिकट इतनी जल्दी खत्म हो गए कि उन्हें भी पता नहीं चला। दिल्ली में पंजाबी को प्रोमोट करते दिखे थे दिल-लुमिनाटी टूर के दौरान दिलजीत लगातार पंजाब व पंजाबी को प्रोमोट करते दिख रहे हैं। दिलजीत ने बीते दिनों दिल्ली टूर के दौरान कहा था- "जब मैं पैदा हुआ, तो मेरी मां पंजाबी बोलती थी। मैंने जो पहला शब्द सीखा, वह पंजाबी में था। हमारे देश में कई भाषाएं हैं, और मैं उन सभी का सम्मान करता हूं। जयपुर की खूबसूरती के फैन हुए दिलजीत दिलजीत ने जयपुर के स्थानीय भोजन और खूबसूरत जगहों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि वे स्टेज पर आने से पहले "दाल-बाटी चूरमा" खाकर आए हैं। बीती रात सिटी पैलेस भी गए थे। जिसे देखकर कह सकता हूं कि आप सभी एक बेहद खूबसूरत शहर में रहते हैं।" दिलजीत से जुड़े विवाद- 1. किसान आंदोलन के समर्थन पर विवाद दिलजीत दोसांझ ने 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान खुलकर किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने आंदोलन में हिस्सा भी लिया और सोशल मीडिया पर लगातार किसानों के पक्ष में पोस्ट किए। इसके चलते उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा और कुछ लोगों ने उन्हें "देश-विरोधी" भी कहा। इस विवाद के दौरान दिलजीत का कंगना रनोट के साथ ट्विटर पर तीखा टकराव भी हुआ था, जहां दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए थे। 2. खालिस्तान समर्थक होने के आरोप दिलजीत पर अक्सर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप भी लगता रहा है, हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। कुछ लोगों का मानना है कि उनके द्वारा किसानों और पंजाब की संस्कृति के समर्थन को खालिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलजीत ने इस तरह के आरोपों पर जवाब दिया है कि वे अपने देश के प्रति वफादार हैं और ऐसे आरोप केवल उनके काम को बदनाम करने के लिए लगाए जाते हैं। 3. कनाडाई पंजाबी समुदाय से जुड़ाव दिलजीत का कनाडाई पंजाबी समुदाय में काफी लोकप्रिय होना भी विवाद का कारण बनता रहा है। कुछ लोग उन्हें कनाडा में बसे खालिस्तानी विचारधारा वाले समूहों से जोड़कर देखते हैं, हालांकि दिलजीत ने अपने बयानों में स्पष्ट किया है कि वे पंजाबी संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं और इसका किसी भी विवादित विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है। 4. केंद्र सरकार की आलोचना पर विवाद किसान आंदोलन के दौरान दिलजीत ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार की आलोचना की थी, जो राजनीतिक विवाद का कारण बनी। उनके इस कदम को कुछ लोगों ने "सरकार विरोधी" माना, जबकि दिलजीत ने इसे किसानों के समर्थन में उठाया कदम बताया।

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