यूपी भाजपा में पहली बार महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण:15 नवंबर से शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया, सक्रिय सदस्य को ही मिलेगा पद

उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में अब बूथ से लेकर प्रदेश लेवल तक महिलाओं को 33 फीसदी जगह दी जाएगी।देश में नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार भाजपा संगठन का चुनाव हो रहा है। सोमवार को महिलाओं को 33 फीसदी पद देने का निर्णय हुआ है। भाजपा के संगठन चुनाव के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा- चुनाव की प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होगी। 15 से 30 नवंबर तक सभी 1.63 लाख से ज्यादा बूथों पर बूथ अध्यक्ष और बूथ समिति का चुनाव होगा। उसके बाद मंडल के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने बताया कि संगठन चुनाव के लिए 5 से 7 नवंबर तक सभी 98 संगठनात्मक जिलों में कार्यशाला होगी। उसके बाद 8-15 नवंबर तक मंडल स्तर पर कार्यशाला होगी। उन्होंने कहा कि संगठन चुनाव के लिए बूथ समिति गठन उन्हीं बूथों पर किया जाएगा, जहां पार्टी के 50 से अधिक प्राथमिक सदस्य हों। बूथ समिति में एक बूथ अध्यक्ष, एक सचिव, एक वॉट्सऐप ग्रुप प्रमुख, एक मन की बात प्रमुख होगा। समिति में से ही पन्ना प्रमुखों का चयन भी किया जाएगा। महिला, एससी और ओबीसी की पूरी भागीदारी हो महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा- संगठन में महिलाओं को न्यूनतम 33 फीसदी पद दिए जाएंगे। 11 सदस्यीय बूथ समिति में भी कम से कम तीन महिलाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व भी पर्याप्त होना चाहिए। ऐसा सामने आया है कि मंडल और जिलों की टीम में ओबीसी और एससी वर्ग के लोगों की संख्या कम रहती है। बूथ अध्यक्ष में पार्टी के सक्रिय सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी। पुनर्विचार समिति गठित होगी महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बताया कि संगठन चुनाव में किसी भी तरह की शिकायत के समाधान के लिए पुनर्विचार समिति गठित होगी। समिति में एक संयोजक और दो सह-संयोजक होंगे। शिकायत को ई-मेल या लिखित पत्र के माध्यम से समिति को भेजा जाएगा। महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि मंडल से लेकर प्रदेश टीम में पार्टी के सक्रिय सदस्य को ही पद दिया जाएगा। सदस्यता अभियान के सह प्रभारियों को दी जिम्मेदारी सदस्यता अभियान के सह प्रभारियों को क्षेत्र आवंटित किए हैं। अनिल चौधरी को पश्चिम, हरीश कुमार सिंह को बृज, मुकुट बिहारी वर्मा को कानपुर, रंजना उपाध्याय को अवध, राजेंद्र तिवारी को काशी और कमलेश कुमार को गोरखपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश मंत्री शिवभूषण सिंह और डॉ. अरुणकांत त्रिपाठी को प्रदेश समन्वयक बनाया गया है। सक्रिय सदस्यों का सत्यापन होगा महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बताया कि भाजपा की ओर से बनाए जा रहे सक्रिय सदस्यों का सत्यापन भी किया जाएगा। सत्यापन के लिए भी जिला स्तर पर दो पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। जिला स्तर पर सक्रिय सदस्यों की सूची जारी की जाएगी। प्रत्येक बूथ समिति मे दो सक्रिय सदस्य लक्ष्य रखा है। कार्यशाला को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी संबोधित किया। जनवरी में चुनाव उत्तर प्रदेश में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष जनवरी तक मिल जाएगा। पार्टी के संगठन चुनाव में 1819 संगठनात्मक मंडल और 98 जिलों में भी नई टीम बनेगी। सूत्रों के मुताबिक पहले 1.50 लाख से अधिक बूथ इकाई का चुनाव होगा। उसके बाद 1819 मंडल अध्यक्ष बनाए जाएंगे। मंडल के बाद 98 संगठनात्मक जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। जिलाध्यक्ष के बाद अवध, काशी, गोरखपुर, कानपुर-बुंदेलखंड, ब्रज और पश्चिम क्षेत्र का चुनाव होगा। सबसे अंत में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। ब्राह्मण या दलित अध्यक्ष होगा यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण या दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी में भाजपा की नाराजगी से भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ आरएसएस भी चिंतित है। लोकसभा चुनाव में दलित वोट बैंक भाजपा से सपा को शिफ्ट हुआ। ऐसे में दलित वर्ग को साधने के लिए भाजपा किसी दलित चेहरे को प्रदेश में नेतृत्व सौंप सकती है। यूपी भाजपा में अभी तक कोई दलित प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं रहा है। ब्राह्मण समाज से इनके नाम ब्राह्मण समाज से राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व मंत्री एवं मथुरा के विधायक पंडित श्रीकांत शर्मा, बस्ती के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी, कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर, पाठक, नोएडा के सांसद महेश शर्मा प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... क्या यूपी में ठाकुरों की सरकार?:डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का जवाब- सपा सरकार में गुंडे-बदमाश पनपे, बहू-बेटियों की इज्जत लूटी थी यूपी उपचुनाव को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- हम सभी सीटें जीतेंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन ने झूठे वादे कर लोगों को गुमराह किया, लेकिन अब जनता समझ चुकी है। अखिलेश यादव के सवाल- यूपी में ठाकुरों की सरकार है? इस पर ब्रजेश पाठक ने दैनिक भास्कर से कहा- सपा इस तरह के आरोप लगाकर अपने दामन को बचाना चाहती है। गुंडे-बदमाश, माफिया-लफंगे सपा शासन में पनपते थे। बहू-बेटियों की अस्मिता पर हाथ डालते थे। पढ़ें पूरी खबर...

Oct 28, 2024 - 20:55
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यूपी भाजपा में पहली बार महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण:15 नवंबर से शुरू होगी चुनावी प्रक्रिया, सक्रिय सदस्य को ही मिलेगा पद
उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में अब बूथ से लेकर प्रदेश लेवल तक महिलाओं को 33 फीसदी जगह दी जाएगी।देश में नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार भाजपा संगठन का चुनाव हो रहा है। सोमवार को महिलाओं को 33 फीसदी पद देने का निर्णय हुआ है। भाजपा के संगठन चुनाव के लिए इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में चुनाव प्रभारी महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा- चुनाव की प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होगी। 15 से 30 नवंबर तक सभी 1.63 लाख से ज्यादा बूथों पर बूथ अध्यक्ष और बूथ समिति का चुनाव होगा। उसके बाद मंडल के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने बताया कि संगठन चुनाव के लिए 5 से 7 नवंबर तक सभी 98 संगठनात्मक जिलों में कार्यशाला होगी। उसके बाद 8-15 नवंबर तक मंडल स्तर पर कार्यशाला होगी। उन्होंने कहा कि संगठन चुनाव के लिए बूथ समिति गठन उन्हीं बूथों पर किया जाएगा, जहां पार्टी के 50 से अधिक प्राथमिक सदस्य हों। बूथ समिति में एक बूथ अध्यक्ष, एक सचिव, एक वॉट्सऐप ग्रुप प्रमुख, एक मन की बात प्रमुख होगा। समिति में से ही पन्ना प्रमुखों का चयन भी किया जाएगा। महिला, एससी और ओबीसी की पूरी भागीदारी हो महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा- संगठन में महिलाओं को न्यूनतम 33 फीसदी पद दिए जाएंगे। 11 सदस्यीय बूथ समिति में भी कम से कम तीन महिलाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व भी पर्याप्त होना चाहिए। ऐसा सामने आया है कि मंडल और जिलों की टीम में ओबीसी और एससी वर्ग के लोगों की संख्या कम रहती है। बूथ अध्यक्ष में पार्टी के सक्रिय सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी। पुनर्विचार समिति गठित होगी महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बताया कि संगठन चुनाव में किसी भी तरह की शिकायत के समाधान के लिए पुनर्विचार समिति गठित होगी। समिति में एक संयोजक और दो सह-संयोजक होंगे। शिकायत को ई-मेल या लिखित पत्र के माध्यम से समिति को भेजा जाएगा। महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि मंडल से लेकर प्रदेश टीम में पार्टी के सक्रिय सदस्य को ही पद दिया जाएगा। सदस्यता अभियान के सह प्रभारियों को दी जिम्मेदारी सदस्यता अभियान के सह प्रभारियों को क्षेत्र आवंटित किए हैं। अनिल चौधरी को पश्चिम, हरीश कुमार सिंह को बृज, मुकुट बिहारी वर्मा को कानपुर, रंजना उपाध्याय को अवध, राजेंद्र तिवारी को काशी और कमलेश कुमार को गोरखपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश मंत्री शिवभूषण सिंह और डॉ. अरुणकांत त्रिपाठी को प्रदेश समन्वयक बनाया गया है। सक्रिय सदस्यों का सत्यापन होगा महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बताया कि भाजपा की ओर से बनाए जा रहे सक्रिय सदस्यों का सत्यापन भी किया जाएगा। सत्यापन के लिए भी जिला स्तर पर दो पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। जिला स्तर पर सक्रिय सदस्यों की सूची जारी की जाएगी। प्रत्येक बूथ समिति मे दो सक्रिय सदस्य लक्ष्य रखा है। कार्यशाला को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी संबोधित किया। जनवरी में चुनाव उत्तर प्रदेश में भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष जनवरी तक मिल जाएगा। पार्टी के संगठन चुनाव में 1819 संगठनात्मक मंडल और 98 जिलों में भी नई टीम बनेगी। सूत्रों के मुताबिक पहले 1.50 लाख से अधिक बूथ इकाई का चुनाव होगा। उसके बाद 1819 मंडल अध्यक्ष बनाए जाएंगे। मंडल के बाद 98 संगठनात्मक जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। जिलाध्यक्ष के बाद अवध, काशी, गोरखपुर, कानपुर-बुंदेलखंड, ब्रज और पश्चिम क्षेत्र का चुनाव होगा। सबसे अंत में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। ब्राह्मण या दलित अध्यक्ष होगा यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण या दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है। सूत्रों के मुताबिक यूपी में भाजपा की नाराजगी से भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ आरएसएस भी चिंतित है। लोकसभा चुनाव में दलित वोट बैंक भाजपा से सपा को शिफ्ट हुआ। ऐसे में दलित वर्ग को साधने के लिए भाजपा किसी दलित चेहरे को प्रदेश में नेतृत्व सौंप सकती है। यूपी भाजपा में अभी तक कोई दलित प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं रहा है। ब्राह्मण समाज से इनके नाम ब्राह्मण समाज से राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व मंत्री एवं मथुरा के विधायक पंडित श्रीकांत शर्मा, बस्ती के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी, कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर, पाठक, नोएडा के सांसद महेश शर्मा प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... क्या यूपी में ठाकुरों की सरकार?:डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का जवाब- सपा सरकार में गुंडे-बदमाश पनपे, बहू-बेटियों की इज्जत लूटी थी यूपी उपचुनाव को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- हम सभी सीटें जीतेंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन ने झूठे वादे कर लोगों को गुमराह किया, लेकिन अब जनता समझ चुकी है। अखिलेश यादव के सवाल- यूपी में ठाकुरों की सरकार है? इस पर ब्रजेश पाठक ने दैनिक भास्कर से कहा- सपा इस तरह के आरोप लगाकर अपने दामन को बचाना चाहती है। गुंडे-बदमाश, माफिया-लफंगे सपा शासन में पनपते थे। बहू-बेटियों की अस्मिता पर हाथ डालते थे। पढ़ें पूरी खबर...

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