यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि, हर दिन औसतन हो रहे 1634 विवाह

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की दर में ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया है। 27 जनवरी 2025 को यूसीसी के लागू होने के साथ ही विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया था। इसके बाद से अब तक कुल 3,01,526 विवाह यूसीसी के तहत पंजीकृत हो चुके हैं। …

Jul 26, 2025 - 18:27
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यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि, हर दिन औसतन हो रहे 1634 विवाह
देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की दर में ऐतिह

यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि, हर दिन औसतन हो रहे 1634 विवाह

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की दर में एक अभूतपूर्व उछाल देखने को मिला है। 27 जनवरी 2025 को यूसीसी का कार्यान्वयन होने के साथ विवाह पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया गया था। इस प्रक्रिया के तहत अब तक कुल 3,01,526 विवाह पंजीकृत हो चुके हैं। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक दिन औसतन 1634 विवाह पंजीकरण हो रहे हैं, जो कि पूर्व के आंकड़ों की तुलना में 24 गुना अधिक है।

यूसीसी का प्रभाव: विवाह पंजीकरण में वृद्धि

यूसीसी लागू होने से पहले उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण उत्तराखंड विवाह पंजीकरण अधिनियम-2010 के अंतर्गत होते थे। उस समय पंजीकरण की प्रक्रिया जटिल और सीमित थी, जिसके कारण लोग विवाह पंजीकरण को गंभीरता से नहीं लेते थे। 2010 से लेकर 26 जनवरी 2025 तक, कुल 3,30,064 विवाह का ही पंजीकरण हुआ था, यानी प्रतिदिन औसतन महज 67 विवाह पंजीकरण ही हो रहे थे। हालाँकि, अब यूसीसी के प्रति जागरूकता बढ़ने से आम जनता विवाह पंजीकरण के प्रति अधिक सजग हो रही है।

सरकार का अहम कदम

राज्य सरकार ने विवाह पंजीकरण को सुलभ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण की समय सीमा को छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दिया गया है। इस संबंध में विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इससे उन दंपतियों को विशेष राहत मिलेगी जो किसी कारणवश समय पर पंजीकरण नहीं कर सके थे।

मुख्यमंत्री की प्रशंसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत पंजीकरण की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह उस कानून की व्यापकता और सार्थकता का प्रमाण है। यूसीसी के तहत प्रत्येक विवाह पंजीकरण एक मजबूत, न्यायपूर्ण और पारदर्शी समाज की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे विशेषकर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो रही है।

उत्तराखंड का उदाहरण

उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद समाज के हर वर्ग को एक समान कानून के दायरे में लाया गया है। विवाह पंजीकरण में आया यह उछाल इस ऐतिहासिक कानून की स्वीकार्यता और प्रभावशीलता को सिद्ध करता है। यह समाज में एकता और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष

यूसीसी का लागू होना विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सरल और समर्थ बनाता है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप न केवल विवाह के आंकड़े बढ़ रहे हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैल रहा है। यह साबित कर रहा है कि कानून केवल कागज पर नहीं, बल्कि समाज में वास्तविक बदलाव लाने का कार्य कर रहा है। विवाह पंजीकरण की वृद्धि सभी दंपतियों को अपने रिश्तों को मान्यता देने का अवसर प्रदान करती है।

समाज में इस महत्वपूर्ण बदलाव का स्वागत किया गया है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में विवाह पंजीकरण की दर में और भी वृद्धि होगी। अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें: IndiaTwoday.

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— Team India Twoday (सीमा शर्मा)

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