रिश्वत नहीं देने पर सूची से विधवा का नाम कटवाया:6 बच्चों के साथ अफसरों के पास पहुंंची; बोली- साहब...न्याय कीजिए

शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का खेल खत्म नहीं हो पा रहा है। एक विधवा अपने अपने ससुराल और छह बच्चों के साथ पुवायां तहसील पहुंची। यहां लगे संपूर्ण समाधान दिवस में पीड़िता ने प्रार्थना पत्र देकर आवास दिलाए जाने की मांग की है। आरोप है कि पात्र सूची में नाम आने के बाद प्रधान और सचिव ने बीस हजार रुपए की मांग की। रुपए नहीं देने पर उसका नाम सूची से काट दिया गया। पीड़िता ने कहा कि पति की मौत के बाद ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके झोपड़ी डलवाई थी। अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए हैं। पुवायां तहसील के मदनापुर गांव का मामला है। शुक्रवार को पुवायां तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। जिसमें पुलिस प्रशासन से लेकर अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। तभी पुवायां तहसील के मदनापुर की रहने वाली विधवा महिला सीमा अपने ससुराल और छह छोटे-छोटे बच्चों के साथ संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची। महिला ने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मेरे छह छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसके पास जमीन भी नहीं है। वर्ष 2019 में पति की मौत हो चुकी है। एक छोटे के कच्चे में मकान मे रहकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ जिंदगी गुजार रहे हैं। आरोप है कि गांव में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदन किया था। सूची में मेरा नाम आ भी गया था। पात्र होने के बाद भी ग्राम प्रधान और सचिव ने जांच करने के बाद बीस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। पीड़िता के अनुसार बहुत गरीब हैं। इतने पैसे कहां से देते। मना करने पर ग्राम प्रधान और सचिव ने पात्र सूची से नाम काट दिया। पीड़िता के मुताबिक गरीबी को देखते हुए वर्ष 2020 में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करने के बाद मेरी झोपड़ी डलवाई थी। तब से उसी झोपड़ी में गुजर-बसर कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र मिलने के बाद अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए हैं। बता दें कि शाहजहांपुर में प्रधान आवास योजना के अंतर्गत लगातार प्रशासन के पास शिकायतें पहुंच रही हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें आवास के बदले रिश्वत मांगने की हैं।

Oct 20, 2024 - 17:00
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रिश्वत नहीं देने पर सूची से विधवा का नाम कटवाया:6 बच्चों के साथ अफसरों के पास पहुंंची; बोली- साहब...न्याय कीजिए
शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का खेल खत्म नहीं हो पा रहा है। एक विधवा अपने अपने ससुराल और छह बच्चों के साथ पुवायां तहसील पहुंची। यहां लगे संपूर्ण समाधान दिवस में पीड़िता ने प्रार्थना पत्र देकर आवास दिलाए जाने की मांग की है। आरोप है कि पात्र सूची में नाम आने के बाद प्रधान और सचिव ने बीस हजार रुपए की मांग की। रुपए नहीं देने पर उसका नाम सूची से काट दिया गया। पीड़िता ने कहा कि पति की मौत के बाद ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके झोपड़ी डलवाई थी। अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए हैं। पुवायां तहसील के मदनापुर गांव का मामला है। शुक्रवार को पुवायां तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। जिसमें पुलिस प्रशासन से लेकर अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। तभी पुवायां तहसील के मदनापुर की रहने वाली विधवा महिला सीमा अपने ससुराल और छह छोटे-छोटे बच्चों के साथ संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची। महिला ने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मेरे छह छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसके पास जमीन भी नहीं है। वर्ष 2019 में पति की मौत हो चुकी है। एक छोटे के कच्चे में मकान मे रहकर छोटे-छोटे बच्चों के साथ जिंदगी गुजार रहे हैं। आरोप है कि गांव में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदन किया था। सूची में मेरा नाम आ भी गया था। पात्र होने के बाद भी ग्राम प्रधान और सचिव ने जांच करने के बाद बीस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। पीड़िता के अनुसार बहुत गरीब हैं। इतने पैसे कहां से देते। मना करने पर ग्राम प्रधान और सचिव ने पात्र सूची से नाम काट दिया। पीड़िता के मुताबिक गरीबी को देखते हुए वर्ष 2020 में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करने के बाद मेरी झोपड़ी डलवाई थी। तब से उसी झोपड़ी में गुजर-बसर कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र मिलने के बाद अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए हैं। बता दें कि शाहजहांपुर में प्रधान आवास योजना के अंतर्गत लगातार प्रशासन के पास शिकायतें पहुंच रही हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें आवास के बदले रिश्वत मांगने की हैं।

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