लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा तो रोने लगे दर्शक:सुल्तानपुर में रामलीला का मंचन, रावण वध पर लगे श्री राम के जयकारे
जय बजरंग रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के अंतिम दिन दर्शकों ने अद्भुत मंचन का आनंद लिया। रावण और अंगद के संवाद के साथ ही लक्ष्मण शक्ति और रावण वध का दृश्य मंच पर जीवंत हुआ।इस दिन, रावण के दरबार में अंगद ने राम से बैर त्यागकर सीता को वापस करने की सलाह दी, जिसे रावण ने नकार दिया। अंगद ने चुनौती दी कि यदि कोई दरबारी उनका पैर हटा सके तो श्रीराम की सेना बिना युद्ध के लौट जाएगी। लेकिन कोई भी वीर अंगद का पैर नहीं हिला सका। अंत में रावण ने खुद उठकर अंगद का पैर पकड़ा तो अंगद ने कहा, "मेरा पैर क्यों पकड़ते हो, जाकर श्रीराम का चरण पकड़ो।" इस संवाद के बाद युद्ध की तैयारी शुरू हुई। रावण की सेना के सेनापति मेघनाद और लक्ष्मण के बीच घनघोर युद्ध हुआ, जिसमें लक्ष्मण मूर्छित हो गए। लंका के वैद्यराज सुषेन ने बताया कि लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी लानी होगी। हनुमानजी ने सूर्योदय से पूर्व द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी लाकर लक्ष्मण की मूर्छा को समाप्त किया। नाभि में बाण मारकर किया वध इस खुशी के बाद मेघनाथ, कुम्भकर्ण जैसे योद्धाओं का वध हुआ और अंत में श्री राम ने रावण को नाभि में बाण मारकर उसका वध कर दिया। इस भव्य रामलीला का आयोजन 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक हुआ, जिसमें दर्शकों ने नारद मोह, रामजन्म, राम वनवास, भरत मिलाप, सीताहरण और राम एवं सुग्रीव की मित्रता के अद्भुत दृश्यों का आनंद लिया। रामायण कथा को किया जीवंत मुख्य पात्रों में राहुल मिश्रा (राम), विपिन द्विवेदी (लक्ष्मण), वीरेंद्र सिंह (भरत), देवी प्रसाद दुबे (हनुमान), रविशंकर दुबे (सुग्रीव), रामलाल वर्मा (बाली) और रवीन्द्र बहादुर सिंह (रावण) शामिल रहे। सभी कलाकारों ने अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस अद्भुत कार्यक्रम ने दर्शकों के मन में रामायण की कथा को और भी जीवंत बना दिया।
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