लखनऊ के कुदरत खान ने बनाई ब्लड डोनेशन चेन:56 बार रक्तदान किया, यूपी में लगाए 130 कैंप, देश भर में 900 NGO को जोड़ा

'2008 में मेडिकल कॉलेज में एक बच्चे का ऑपरेशन होना था। उसकी मां ब्लड के लिए तड़प रही थी। परिवार और अन्य लोग आसपास खड़े थे मगर, कोई उसको खून देने को तैयार नहीं हो रहा था। बच्चे की मां हाथ जोड़कर सबसे गुहार लगा रही थी। उसकी तड़प देखकर हमने उनसे कहा कि अगर आपको ब्लड की जरूरत है, तो हमसे ले लीजिए। वो मां फौरन तैयार हो गई। उसके चेहरे पे मुस्कान आ गई।' -यह कहना था इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कुदरत खान का। लखनऊ में रहकर उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में ब्लड डोनर की चेन खड़ी करने वाले कुदरत खान को रक्तदान नायक कहा जाता है। कुदरत खान ने बताया कि 2008 कि उस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया था। उस दिन सिर्फ एक यूनिट ब्लड की वजह से मासूम बच्चे का ऑपरेशन रुका हुआ था। उसके बाद हमने ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू किया। ब्लड डोनेशन के लिए कहा तो लोगो ने छोड़ा साथ 2008-09 में ब्लड डोनेशन को लेकर जागरूकता की बहुत कमी थी। लोग कहते थे कि सब कुछ ले लो, मगर खून ना मांगो। जो लोग हमारे साथ होटल में बैठकर चाय पीते थे। दिन भर मुलाकात करते थे। जब हमने ब्लड डोनेशन के लिए उन्हें प्रेरित करना शुरू किया तो उन लोगों ने साथ में चाय पीना बंद कर दिया। मगर हमने हिम्मत नहीं हारी और इस काम को जारी रखा। 130 ब्लड डोनेशन कैंप लगाए विगत 14 सालों में लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 130 ब्लड डोनेशन कैंप लगा चुके हैं। जिसमें 65 कैंप लखनऊ में लगाए हैं । बाकी 65 कैंप उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगाया है। इन कैंप का आयोजन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, अस्पताल, स्कूल, ग्रामीण क्षेत्र समेत खिलाड़ियों के बीच में किया गया। हर कैंप में लगभग 70 यूनिट खून लोग दान करते हैं। 900 NGO एक साथ कर रहे हैं काम कुदरत खान ने कहा कि ब्लड डोनेशन के इस काम में सोशल मीडिया उनकी खूब मदद कर रहा है। 40 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप हैं, जिसमें पूरे भारत के 900 NGO जुड़े हैं, जो ब्लड डोनेशन के क्षेत्र में काम करते हैं। यूपी से लेकर मुंबई, बेंगलुरु, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों के लोग जुड़े हुए हैं। जिस शहर और राज्य में ब्लड की आवश्यकता होती है, वहां के ग्रुप में अपडेट करते हैं। एक घंटे के अंदर खून की व्यवस्था हो जाती है। 56 बार किया रक्तदान कुदरत खान ने कहा कि वह 3 महीने पर ब्लड डोनेट करते हैं। अब तक 56 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियां उनसे कोसों दूर हैं। उनका चैलेंज है कि वह युवाओं से अधिक काम करते हैं और उनसे तेज दौड़ते हैं। प्रदान करने से शरीर बीमारियों से दूर रहता है और अधिक फुर्ती आती है। खून की कमी के कारण किसी की मौत न हो इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य मोहम्मद कलीम ने कहा कि लोग भोजन, कपड़ा तमाम चीज दान कर देते हैं, मगर रक्त दान जल्दी नहीं करते। इसके प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। आम आदमी जब खुद ब्लड डोनेट करेगा तो अस्पतालों में खून की कमी नहीं होगी। संस्था का यही लक्ष्य है कि खून की कमी से किसी की जान ना जाए।

Dec 1, 2024 - 08:00
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लखनऊ के कुदरत खान ने बनाई ब्लड डोनेशन चेन:56 बार रक्तदान किया, यूपी में लगाए 130 कैंप, देश भर में 900 NGO को जोड़ा
'2008 में मेडिकल कॉलेज में एक बच्चे का ऑपरेशन होना था। उसकी मां ब्लड के लिए तड़प रही थी। परिवार और अन्य लोग आसपास खड़े थे मगर, कोई उसको खून देने को तैयार नहीं हो रहा था। बच्चे की मां हाथ जोड़कर सबसे गुहार लगा रही थी। उसकी तड़प देखकर हमने उनसे कहा कि अगर आपको ब्लड की जरूरत है, तो हमसे ले लीजिए। वो मां फौरन तैयार हो गई। उसके चेहरे पे मुस्कान आ गई।' -यह कहना था इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कुदरत खान का। लखनऊ में रहकर उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में ब्लड डोनर की चेन खड़ी करने वाले कुदरत खान को रक्तदान नायक कहा जाता है। कुदरत खान ने बताया कि 2008 कि उस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया था। उस दिन सिर्फ एक यूनिट ब्लड की वजह से मासूम बच्चे का ऑपरेशन रुका हुआ था। उसके बाद हमने ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू किया। ब्लड डोनेशन के लिए कहा तो लोगो ने छोड़ा साथ 2008-09 में ब्लड डोनेशन को लेकर जागरूकता की बहुत कमी थी। लोग कहते थे कि सब कुछ ले लो, मगर खून ना मांगो। जो लोग हमारे साथ होटल में बैठकर चाय पीते थे। दिन भर मुलाकात करते थे। जब हमने ब्लड डोनेशन के लिए उन्हें प्रेरित करना शुरू किया तो उन लोगों ने साथ में चाय पीना बंद कर दिया। मगर हमने हिम्मत नहीं हारी और इस काम को जारी रखा। 130 ब्लड डोनेशन कैंप लगाए विगत 14 सालों में लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 130 ब्लड डोनेशन कैंप लगा चुके हैं। जिसमें 65 कैंप लखनऊ में लगाए हैं । बाकी 65 कैंप उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगाया है। इन कैंप का आयोजन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, अस्पताल, स्कूल, ग्रामीण क्षेत्र समेत खिलाड़ियों के बीच में किया गया। हर कैंप में लगभग 70 यूनिट खून लोग दान करते हैं। 900 NGO एक साथ कर रहे हैं काम कुदरत खान ने कहा कि ब्लड डोनेशन के इस काम में सोशल मीडिया उनकी खूब मदद कर रहा है। 40 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप हैं, जिसमें पूरे भारत के 900 NGO जुड़े हैं, जो ब्लड डोनेशन के क्षेत्र में काम करते हैं। यूपी से लेकर मुंबई, बेंगलुरु, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों के लोग जुड़े हुए हैं। जिस शहर और राज्य में ब्लड की आवश्यकता होती है, वहां के ग्रुप में अपडेट करते हैं। एक घंटे के अंदर खून की व्यवस्था हो जाती है। 56 बार किया रक्तदान कुदरत खान ने कहा कि वह 3 महीने पर ब्लड डोनेट करते हैं। अब तक 56 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियां उनसे कोसों दूर हैं। उनका चैलेंज है कि वह युवाओं से अधिक काम करते हैं और उनसे तेज दौड़ते हैं। प्रदान करने से शरीर बीमारियों से दूर रहता है और अधिक फुर्ती आती है। खून की कमी के कारण किसी की मौत न हो इंसानियत वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य मोहम्मद कलीम ने कहा कि लोग भोजन, कपड़ा तमाम चीज दान कर देते हैं, मगर रक्त दान जल्दी नहीं करते। इसके प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। आम आदमी जब खुद ब्लड डोनेट करेगा तो अस्पतालों में खून की कमी नहीं होगी। संस्था का यही लक्ष्य है कि खून की कमी से किसी की जान ना जाए।

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