AIIMS गोरखपुर में रैगिंग से जुड़ी पोस्ट वायरल:20 बिन्दुओं की बनी है गाइडलाइन, AIIMS प्रशासन ने कहा- जांच हो गई है
गोरखपुर AIIMS में पिछले कुछ दिनों से रैगिंग को लेकर सोशल मीडिया की पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें बताया गया है कि सीनियर्स को विश न करने पर नाराजगी जताई जा रही है। जूनियर्स के रहन-सहन को लेकर 20 बिन्दु भी बताए जा रहे हैं। इस रैगिंग को रोकने की अपील भी की गई है। हालांकि AIIMS प्रशासन रैगिंग के आरोपों को खारिज कर रहा है। डैमफार चेंज नाम के एक्स एकाउंट से एक पोस्ट की गई थी। जिसमें कुछ स्क्रीन शाट का जिक्र है। इसमें AIIMS गोरखपुर में रैगिंग की ओर इशारा किया गया है। इसपर रोक लगाने की मांग की गई है। चैटिंग में कुछ छात्रों के नाम लिखकर उसके सामने बास लगाने को कहा गया है। कैंटीन में विश न करने से सीनियर्स की नाराजगी का जिक्र भी है। AIIMS गोरखपुर में रहने के बताए हैं नियम AIIMS गोरखपुर में रहने के नियम भी बताए गए हैं। इसे 20 बिन्दुओं से समझाया गया है। ये बिन्दु भी वायरल हैं। इसमें सबसे पहले बताया गया है कि सीनियस्र हमेशा सही हैं। प्रोफेसर एव सीनियर्स की हमेशा इज्जत करने को कहा गया है। सीनियर्स के मिलते ही अपना परिचय तय प्रारूप में देने का निर्देश भी है। सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर भी सावधानी बरतने को कहा गया है। जाति, धर्म, राज्य के नाम पर ग्रुप बनाने से दूर रहने की हिदायत इन बिन्दुओं में एकता का संदेश भी दिया गया है। छात्रों को जाति, धर्म या राज्य के आधार पर किसी प्रकार का ग्रुप न बनाने की हिदायत दी गई है। सीनियर छात्रों का नाम सीधे न पूछने की हिदायत भी है। उसे अपने हिसाब से पता करने को कहा गया है। लेकिन नाम गलत हुआ तो तैयार रहने को भी कहा गया है। एकेडमिक बिल्डिंग के कैफेटेरिया में जाने से फ्रेशर्स पर रोक इस पत्र में फ्रेशर्स को कैफेटेरिया की ओर जाने से रोका गया है। सीनियर्स से बात करते हुए शर्ट की तीसरी बटन देखने का भी निर्देश है। अंत में लिखा है कि अगर समझ न आए तो पहला नियम देखें यानी सीनियर्स हमेशा सही हैं। AIIMS प्रशासन ने बताया फर्जी एम्स गोरखपुर के मीडिया प्रभारी डा. अरूप माेहंती ने कहा कि पिछले महीने यह पोस्ट दिखा था। यह पूरी तरह फर्जी है। इसकी जांच करा ली गई है।
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