लखनऊ में 80 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं:लखनऊ में 3000 से ज्यादा मरीजों की जान को खतरा, सीएमओ को फायर विभाग ने भेजी सूची
लखनऊ के 80 अस्पतालों के पास फायर की एनओसी नहीं है। फायर विभाग ने लखनऊ सीएमओ को इसकी सूची भेजी है। सूत्रों का कहना है कि करीब – करीब 3 हजार से ज्यादा मरीजों का इन अस्पतालों में इलाज चलता है। हालांकि स्वास्थ्य और फायर विभाग दोनों ही अभी अस्पतालों का नाम सार्वजनिक करने से बच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि नाम सामने आने के बाद पैनिक स्थिति आ जाएगी। झांसी में हुई घटना के बाद यहां भी फायर विभाग हरकत में आया है। इस दौरान जिन अस्पतालों की सूची दी गई है। उनको बंद करने की सलाह भी फायर विभाग ने लखनऊ सीएमओ को दिया है। सूची अभी और बड़ी हो सकती है बताया जा रहा है कि यह सूची अभी और बड़ी होगी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) मंगेश कुमार का कहना है कि करीब – करीब दो सौ से ज्यादा अस्पताल अग्नि सुरक्षा के मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। विभाग की तरफ से जब निरीक्षण किया जाता है तो उसमें काफी ज्यादा कमियां पाई जाती है। नोटिस के बाद भी नहीं हुआ सुधार उनका कहना है कि कई बार नोटिस देने के बाद भी इन अस्पतालों ने अपने यहां कोई सुधार नहीं किया है। बड़ी बात यह है कि इस सूची में कई सरकारी अस्पताल भी शामिल है। दरअसल, इन अस्पतालों में हर साल एक नई बिल्डिंग का निर्माण होता है। ऐसे फायर की इनकी भी कई बार नहीं होती है। उसके बाद भी उसको ओपेन कर दिया जाता है। यहां तक की विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी भी नहीं होती है। अब जानते हैं कि क्या है नियम सन 2005 से नेशनल बिल्डिंग कोड की गाईड लाइन लागू हुई है। फायर की एनओसी लेने के लिए एनबीसी के मानक पूरे करने पड़ेंगे। इसकी वजह से अस्पताल संचालक मानक पूरे होने का एक शपथ पत्र देकर सीएमओ कार्यालय से अनुमित ले रहे हैं। इनके शपथ पत्र का न तो कोई भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है न ही उन्हें अग्नि सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। ऐसी स्थित में आग लगने पर मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। अस्पताल का निर्माण 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर नहीं किया जा सकता है। फ्लोर रेसिओ एरिया (एफएआर) के हिसाब से अधिकतम उचाई 45 मीटर हो सकती है। कम से कम तीन मीटर चौड़ाई की सीढ़िया और इसी के आसपास लिफ्ट होना चाहिए। चार मीटर चौड़ा रैंप होगा और हर फ्लोर पर एंट्री और एक्जिट के तीन मीटर चौड़े अलग-अलग रास्ते होंगे।
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