लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय रसायन विज्ञान सम्मेलन:डॉ. राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण पर दिया जोर; रसायन विज्ञान के शोध से मानव जीवन में बड़े बदलाव
लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज में रसायन विभाग द्वारा 'रासायनिक विज्ञान के बहुआयामी दृष्टिकोण' पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह और वरिष्ठ अतिथि प्रो. आलोक धवन निदेशक सेंटर ऑफ बायो मेडिकल रिसर्च उपस्थित रहे। सम्मेलन का उद्घाटन हाइब्रिड मोड में किया गया, जिसमें 40 से अधिक प्रख्यात वक्ता, वैज्ञानिक और उद्यमी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में भारत के अलावा जर्मनी, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, और पोलैंड के 300 से अधिक शोधकर्ता और शिक्षाविद् शोध प्रस्तुत करने पहुंचे। उद्घाटन सत्र में डॉ. राजेंद्र सिंह ने जल की उपयोगिता और संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि जल संकट को सुलझाने के लिए दीर्घकालिक प्रयास आवश्यक हैं। रसायन विज्ञान की महत्ता पर जोर प्रो. आलोक धवन ने रसायन विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विषय मानव जीवन के हर पहलू से जुड़ा हुआ है। उनके अनुसार, नित नए शोध और अनुसंधान से हमारे जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए जा सकते हैं। प्रो. अतुल गोयल ने औषधीय रसायन में हो रहे नए-नए शोधों के बारे में जानकारी दी। वहीं, प्रो. गोस्वामी ने फोरेंसिक विज्ञान में रसायन विज्ञान की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। अंतः विषय सहयोग की आवश्यकता प्राचार्य प्रो. डीके सिंह ने इस आयोजन के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य मकसद विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों के बीच अंतः विषय सहयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक क्षेत्रों का एकीकरण अधिक व्यापक और प्रभावशाली परिणाम दे सकता है। प्रथम दिवस का समापन सम्मेलन के पहले दिन का समापन अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा दिए गए व्याख्यान के साथ हुआ। जिसमें प्रो. अतुल गोयल, प्रो. जीके गोस्वामी, प्रो. वीके शर्मा और महाविद्यालय के प्रबंधक कुंवर उज्जवल रमण सिंह सहित कई अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल रहीं।
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