लखनऊ में फर्जी दस्तावेज लगा पाया बिजली विभाग का टेंडर:अधिशासी अभियंता ने जांच में पाया खेल, FIR

लखनऊ में एक फर्म संचालक ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बिजली विभाग का टेंडर पा लिया। जांच में इसका खुलासा होने पर अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय निर्माण खंड -द्वितीय ने वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस मुकदमा दर्ज कर फर्म और संचालक के विषय में जानकारी जुटा रही है। ई-टेंडर पाने के लिए लगाए फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट अमौसी स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण के अधिशासी अभियंता रमेश कुमार ने पुलिस को बताया कि अधीक्षण अभियंता, विद्युत नगरीय निर्माण मंडल पंचम ने दो बिजली उपकेंद्रों सहित अन्य निर्माण के लिए ई टेंडर निकाला था। आलमबाग कनौसी निवासी वीरेंद्र सिंह ने अपनी फर्म मेसर्स बी एन इंटरप्राइजेज के नाम से 27 सितंबर को टेंडर भरा। वीरेंद्र ने पोर्टल पर पहले पश्चिम रेलवे रतलाम से मिले 1.73 करोड़ के टेंडर का फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट और प्रमाण पत्र अपलोड किया था। इस आधार पर फर्म संचालक को बिजली विभाग से टेंडर मिल गया। 22 अक्टूबर को हुई जांच में सामने आया कि उसको रेलवे से कभी कोई टेंडर नहीं मिला है। अधिशासी अभियंता रमेश कुमार 24 अक्तूबर को फर्म संचालक के दस्तावेज लेकर रतलाम मध्य प्रदेश पहुंचे। यहां अधिकारियों ने 1.73 करोड़ के टेंडर के कागज और प्रमाण पत्र फर्जी होने की बात कही। जिसके बाद वजीरगंज थाने में फर्म संचालक के खिलाफ शिकायत की। इंस्पेक्टर वजीरगंज दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

Dec 2, 2024 - 17:55
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लखनऊ में फर्जी दस्तावेज लगा पाया बिजली विभाग का टेंडर:अधिशासी अभियंता ने जांच में पाया खेल, FIR
लखनऊ में एक फर्म संचालक ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बिजली विभाग का टेंडर पा लिया। जांच में इसका खुलासा होने पर अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय निर्माण खंड -द्वितीय ने वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस मुकदमा दर्ज कर फर्म और संचालक के विषय में जानकारी जुटा रही है। ई-टेंडर पाने के लिए लगाए फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट अमौसी स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण के अधिशासी अभियंता रमेश कुमार ने पुलिस को बताया कि अधीक्षण अभियंता, विद्युत नगरीय निर्माण मंडल पंचम ने दो बिजली उपकेंद्रों सहित अन्य निर्माण के लिए ई टेंडर निकाला था। आलमबाग कनौसी निवासी वीरेंद्र सिंह ने अपनी फर्म मेसर्स बी एन इंटरप्राइजेज के नाम से 27 सितंबर को टेंडर भरा। वीरेंद्र ने पोर्टल पर पहले पश्चिम रेलवे रतलाम से मिले 1.73 करोड़ के टेंडर का फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट और प्रमाण पत्र अपलोड किया था। इस आधार पर फर्म संचालक को बिजली विभाग से टेंडर मिल गया। 22 अक्टूबर को हुई जांच में सामने आया कि उसको रेलवे से कभी कोई टेंडर नहीं मिला है। अधिशासी अभियंता रमेश कुमार 24 अक्तूबर को फर्म संचालक के दस्तावेज लेकर रतलाम मध्य प्रदेश पहुंचे। यहां अधिकारियों ने 1.73 करोड़ के टेंडर के कागज और प्रमाण पत्र फर्जी होने की बात कही। जिसके बाद वजीरगंज थाने में फर्म संचालक के खिलाफ शिकायत की। इंस्पेक्टर वजीरगंज दिनेश चंद्र मिश्रा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

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