लखनऊ में बेगम अख्तर की याद में ग़ज़ल गायन:गायत्री अशोकन और जाजिम शर्मा की गायकी ने बांधा समां, देर रात तक जमीं महफिल

लखनऊ में ग़ज़ल गायिका बेगम अख्तर की याद में संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संगीत नाटक अकादमी परिसर में मंगलवार रात को मुंबई की प्रसिद्ध गायिका गायत्री अशोकन ने ग़ज़ल और ठुमरी गायन कर समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह ने की। इस दौरान मुख्य अतिथि महापौर सुषमा खर्कवाल और विशिष्ट अतिथि डॉ. देवेंद्र कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे। गायकी पर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध कार्यक्रम में गायत्री अशोकन ने शकील बदायूनी की ग़ज़लों का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने 'मेरे हमनफ़स मेरे हमनवाज़', 'सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं' जैसी ग़ज़लों को अनूठी शैली में पेश किया। इसके बाद गायक जाजिम शर्मा ने 'मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया' 'याद आया था बिछड़ना तेरा' जैसी ग़ज़लों को अपनी आवाज़ में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने मशहूर ग़ज़ल 'चुपके-चुपके रात दिन, आँसू बहाना याद है' की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। संगतकारों को किया सम्मानित कार्यक्रम के अंत में गायत्री अशोकन, जाजिम शर्मा और सभी संगतकारों को अकादमी के अध्यक्ष और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने सम्मानित किया। अकादमी निदेशक ने सभी अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सलाहकार जेपी सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अलका निवेदन ने किया।

Nov 6, 2024 - 14:30
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लखनऊ में बेगम अख्तर की याद में ग़ज़ल गायन:गायत्री अशोकन और जाजिम शर्मा की गायकी ने बांधा समां, देर रात तक जमीं महफिल
लखनऊ में ग़ज़ल गायिका बेगम अख्तर की याद में संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। संगीत नाटक अकादमी परिसर में मंगलवार रात को मुंबई की प्रसिद्ध गायिका गायत्री अशोकन ने ग़ज़ल और ठुमरी गायन कर समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह ने की। इस दौरान मुख्य अतिथि महापौर सुषमा खर्कवाल और विशिष्ट अतिथि डॉ. देवेंद्र कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे। गायकी पर श्रोता हुए मंत्रमुग्ध कार्यक्रम में गायत्री अशोकन ने शकील बदायूनी की ग़ज़लों का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने 'मेरे हमनफ़स मेरे हमनवाज़', 'सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं' जैसी ग़ज़लों को अनूठी शैली में पेश किया। इसके बाद गायक जाजिम शर्मा ने 'मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया' 'याद आया था बिछड़ना तेरा' जैसी ग़ज़लों को अपनी आवाज़ में पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने मशहूर ग़ज़ल 'चुपके-चुपके रात दिन, आँसू बहाना याद है' की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। संगतकारों को किया सम्मानित कार्यक्रम के अंत में गायत्री अशोकन, जाजिम शर्मा और सभी संगतकारों को अकादमी के अध्यक्ष और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने सम्मानित किया। अकादमी निदेशक ने सभी अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सलाहकार जेपी सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अलका निवेदन ने किया।

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