लखनऊ में भाजपा यूवा मोर्चा का पोस्टर वार:अखिलेश यादव की फ़ोटो लगाकर लिखा गया- ‘आतंकी पीड़ित हिंदू शुभम से भावनाएं क्यों खत्म हो गईं?’
लखनऊ में एक बार फिर सियासी पोस्टर वार ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को भाजपा कार्यालय के बाहर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पोस्टर लगाया गया, जिसमें उन पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया गया है।यह पोस्टर भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री अमित त्रिपाठी द्वारा लगाया गया है। आगे पढ़िए पोस्टर में क्या लिखा है... पोस्टर में लिखा गया-"शर्म करो अखिलेश यादव जी। खूंखार अपराधी मुख्तार अंसारी की मौत पर संवेदनाएं, लेकिन आतंकी हमले में मारे गए हिन्दू युवक शुभम द्विवेदी के घर जाने में खत्म हो गईं भावनाएं?"पोस्टर में यह भी सवाल उठाया गया है-"फर्क है साफ शायद! आतंकियों से रिश्ता है खास। हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों? पूछता है हिंदू समाज।" सपा ने कोई बयान नहीं दिया पोस्टर लगने के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी ने इसे जनता की आवाज बताया है, वहीं सपा की ओर से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

लखनऊ में भाजपा यूवा मोर्चा का पोस्टर वार: अखिलेश यादव की फोटो पर विवाद
लखनऊ में भाजपा यूवा मोर्चा द्वारा किए गए पोस्टर वार ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। पोस्टर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की फोटो इस्तेमाल कर यह सवाल उठाया गया है, ‘आतंकी पीड़ित हिंदू शुभम से भावनाएं क्यों खत्म हो गईं?’ यह पोस्टर, जो कि भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ने स्थानीय राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
यह पोस्टर वार उस समय में हुआ है, जब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक अभियानों का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। भाजपा यूवा मोर्चा ने इस पोस्टर के माध्यम से राज्य में हिंदुत्व और आतंकवाद के मुद्दे को एक नई दिशा दी है। यह सीधे तौर पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी पर सवाल खड़ा करता है।
पोस्टर का उद्देश्य और इसके प्रभाव
भाजपा यूवा मोर्चा का यह कदम यह संकेत देता है कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों को न केवल चुनौती देना चाहती है, बल्कि हिंदू मुद्दों को भी अपने प्रचार का हिस्सा बनाना चाहती है। इस पोस्टर में शुभम का संदर्भ देकर उनकी पार्टी ने यह दर्शाने की कोशिश की है कि समाजवादी पार्टी आतंकवाद पीड़ितों के प्रति सहानुभूति नहीं रखती। इससे चुनावी दृश्य में एक नई टकराव की संभावना बन गई है।
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों के बीच मिलाजुला प्रतिक्रिया देखने को मिला। कुछ लोगों ने इसे भाजपा की चुनावी रणनीति का एक हिस्सा माना, जबकि अन्य ने इसे राजनीति में एक नए चरण के रूप में देखा। यह मामला अब सभी प्रमुख समाचार चैनलों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर चर्चा का केंद्र बन गया है।
भविष्य की राजनीतिक स्थिति
इस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया तड़का लगाया है और आने वाले चुनावों में इसका असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। भाजपा, अपने भविष्य के चुनावी अभियानों में इस प्रकार की रणनीतियों को और अधिक इस्तेमाल कर सकती है।
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