लखनऊ में विश्व मात्स्यिकी दिवस मनाया:कई तरह की मछलियों के बीज जारी किए गए, मछली पालन के दिए टिप्स

लखनऊ के तेलीबाग के कैंट रोड पर स्थित राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन में विश्व मात्स्यिकी और विश्व एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस जागरूकता सप्ताह मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. एके सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-डीसीएफआर, भीमताल ने किया। इस अवसर पर डॉ. यूके सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने छोटी स्वदेशी मछली (एसआईएफ) के संरक्षण और संवर्धन पर जोर दिया। मुख्य अतिथि ने किसानों को उनकी आजीविका और आय सृजन के लिए लघु कार्प और छोटी मछलियों के संवर्धन के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर, डॉ. गौरव राठौर, प्रधान वैज्ञानिक ने जलीय कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के संबंधित खतरों के बारे में विस्तार से बताया। किसानों को संबोधित करते हुए डॉ. राजीव के सिंह, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख जीईसी डिवीजन ने पोषण सुरक्षा के लिए कृषि जैव विविधता और छोटी स्वदेशी मछलियों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर, छोटी स्वदेशी मछलियों के लिए निर्मित किए गए जर्मप्लाज्म संसाधन केंद्र का उद्घाटन किया गया और महत्वपूर्ण प्रजातियों जैसे लेबियो बाटा, लेबियो गोनियस, ओम्पोक बिमाकुलैटस और मिस्टस टेंगरा के मछली के बीज जारी किए गए। इस कार्यक्रम में यूपी के विभिन्न जिलों के लगभग 50 मछली किसानों ने भाग लिया। एसआईएफ के मछली बीज किसानों को वितरित किए गए। तकनीकी सत्र के दौरान डॉ. आदित्य कुमार, डॉ. राघवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका गुप्ता और डॉ. संतोष कुमार ने किसानों को वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की।

Nov 22, 2024 - 13:55
 0  22.7k
लखनऊ में विश्व मात्स्यिकी दिवस मनाया:कई तरह की मछलियों के बीज जारी किए गए, मछली पालन के दिए टिप्स
लखनऊ के तेलीबाग के कैंट रोड पर स्थित राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन में विश्व मात्स्यिकी और विश्व एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस जागरूकता सप्ताह मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. एके सिंह, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-डीसीएफआर, भीमताल ने किया। इस अवसर पर डॉ. यूके सरकार, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर ने छोटी स्वदेशी मछली (एसआईएफ) के संरक्षण और संवर्धन पर जोर दिया। मुख्य अतिथि ने किसानों को उनकी आजीविका और आय सृजन के लिए लघु कार्प और छोटी मछलियों के संवर्धन के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर, डॉ. गौरव राठौर, प्रधान वैज्ञानिक ने जलीय कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के संबंधित खतरों के बारे में विस्तार से बताया। किसानों को संबोधित करते हुए डॉ. राजीव के सिंह, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख जीईसी डिवीजन ने पोषण सुरक्षा के लिए कृषि जैव विविधता और छोटी स्वदेशी मछलियों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर, छोटी स्वदेशी मछलियों के लिए निर्मित किए गए जर्मप्लाज्म संसाधन केंद्र का उद्घाटन किया गया और महत्वपूर्ण प्रजातियों जैसे लेबियो बाटा, लेबियो गोनियस, ओम्पोक बिमाकुलैटस और मिस्टस टेंगरा के मछली के बीज जारी किए गए। इस कार्यक्रम में यूपी के विभिन्न जिलों के लगभग 50 मछली किसानों ने भाग लिया। एसआईएफ के मछली बीज किसानों को वितरित किए गए। तकनीकी सत्र के दौरान डॉ. आदित्य कुमार, डॉ. राघवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका गुप्ता और डॉ. संतोष कुमार ने किसानों को वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow