लखनऊ विश्वविद्यालय का 104वां दिवस:सांस्कृतिक कार्यक्रम से माहौल बना जीवंत; कुलपति ने छात्रों को बताई नई ऊंचाई छूने की राह
लखनऊ विश्वविद्यालय 104वें स्थापना सप्ताह का विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने सप्ताह भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बधाई देते हुए छात्रों को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विद्यालय का यात्रा उल्लेखनीय रहा। विश्वविद्यालय के छात्र शिक्षा और शोध में निरंतर आगे बढ़ रहे है। हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने छात्रों में शैक्षणिक भावना को बढ़ावा देने का संदेश दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम से माहौल बना जीवंत छात्रों ने नृत्य, संगीत और नाटक जैसे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से माहौल को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम की एंकरिंग प्रतीक मिश्रा ने की और लड़कियों ने कुलगीत से शुरुआत की। शांभवी मिश्रा ने 'गणेश वंदना' वरुण त्रिपाठी ने शिव तांडव और सर्वज्ञ तिवारी ने 'घर मेरा परदेसिया' पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक नृत्य ,गायन और काव्यपाठ से छात्रों ने जीता दिल हर्षिता, वंशिका, सृष्टि, निहारिका और उनकी टीम ने जम्मू-कश्मीर का लोकनृत्य प्रस्तुत किया। मुद्रा मिश्रा ने अंग्रेजी गीत गाया, जबकि काजल गुप्ता ने 'रश्मिरथी' कविता सुनाई। लक्ष्मी त्रिपाठी, मांडवी शुक्ला, शुभी राजपूत और कौमुदी ने अपने गीतों से सभी का दिल जीत लिया। छात्रों ने ड्रामा और शिव स्तोत्रम की शानदार प्रतुति 'फार्मासिस्ट इन सोसाइटी' नामक नाटक इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के छात्रों ने प्रस्तुत किया। इसमें देवराज सिंह, रोशन कुमार, अभिषेक गुप्ता और अन्य ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। शिव स्तोत्रम के साथ ग्रैंड फिनाले हुआ, जिसमें सौम्या अग्रहरि, साक्षी यादव, प्रज्ञा सिंह और उनकी टीम ने शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन छात्र प्रतीक मिश्र ने किया। कार्यक्रम के समापन में संस्कृतिकी निदेशक प्रो. आंचल श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को धन्यवाद दिया।
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