ललितपुर पुलिस ने 25 हजार के इनामी को किया गिरफ्तार:दो भाईयों को भेजा जेल, अपरहण कर मांगा था 10 लाख रुपए

ललितपुर में पांच महीने पहले चचेरे भाई का अपहरण कर दस लाख रुपए की फिरौती मांगने के मामले में फरार चल रहे 25-25 हजार इनामी चचेरे भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए बदमाशों से मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पांच महीने से पुलिस आरोपियों को पकड़ने में लगी हुई थी। क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी के थाना पिछोर अंतर्गत ग्राम काली पहाड़ी निवासी बृजेन्द्र यादव पुत्र भगवत सिंह ने 1 जुलाई 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि झांसी जिले के थाना प्रेम नगर निवासी उसके मौसी के लड़के नरेंद्र यादव पुत्र घनश्याम यादव ने 29 जून 2024 को रात्रि 1 बजे फोन पर सूचना देकर बताया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसे बंधक बनाकर धमकी दे रहे हैं। नरेन्द्र साइबर अपराधियों के सम्पर्क में था इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। अपहत को बरामद करने के लिए एसओजी व कोतवाली पुलिस जुट गई थी। इसी दौरान जब वह लोग अपने साथी निशांत, पवन व रोहित के साथ नरेन्द्र को लेकर ललितपुर के मसौरा हाइवे के निकट थे। तभी पुलिस ने नरेन्द्र को कार से बरामद कर लिया था। व निशांत, पवन व रोहित को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि शिवम यादव उर्फ पठान पुत्र कोमल यादव उर्फ पप्पू यादव, शनि यादव उर्फ डब्बू पुत्र नंदराम यादव उर्फ नंदू निवासी मोतीलाल को डेरा खादी बाबा मोहल्ला खोडन थाना प्रेमनगर भाग निकले थे। पुलिस अधीक्षक ने भागे दोनों चचेरे भाइयों को पकड़ने के लिए 25-25 हजार का इनाम रखा था। पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार हुए शिवम व शनि ने बताया कि उन्होंने चचेरे भाई नरेन्द्र का अपहरण किया था। क्योंकि नरेन्द्र साइबर अपराधियों के सम्पर्क में था। वह फर्जी एकाउंट व फर्जी सिम दिलवाता था। ऐसा करके नरेन्द्र ने लाखों रुपए कमा लिए थे। लोगों को टारगेट करते थे उसने 3 लाख रुपए की एक गाड़ी भी खरीदी थी। वह महंगे फोन भी रखता था। इसलिए उन्होंने सोचा कि उसका अपहरण कर उससे मोटी रकम वसूलेगें। यही सोचकर उन्होंने अपने साथी पवन, रोहित, निशांत के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया था। उन्होंने बताया कि वह लोग ऐसे लोगों को टारगेट करते थे। जो साइबर क्राइम करते हैं। फर्जी सिम, कूटरचित दस्तावेज बनाकर बैंक एकाउंट खुलवाते हैं। उन्होंने निशांत, पवन व रोहित को नरेन्द्र के बारे में बता दिया था। उन्होंने नरेन्द्र रेकी कर झांसी के इलाईट चौराहे से चार पहिया गाड़ी से उठा लिया था। इसके बाद उसे कानपुर, मथुरा, आगरा, शिवपुरी जिलों में लेकर घूमते रहे। फिर उन्होंने नरेन्द्र के भाई के मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी। अन्यथा जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद वह लोग नरेन्द्र को लेकर कार से ललितपुर पहुंचे थे। जहां पुलिस ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

Nov 20, 2024 - 10:15
 0  110.4k
ललितपुर पुलिस ने 25 हजार के इनामी को किया गिरफ्तार:दो भाईयों को भेजा जेल, अपरहण कर मांगा था 10 लाख रुपए
ललितपुर में पांच महीने पहले चचेरे भाई का अपहरण कर दस लाख रुपए की फिरौती मांगने के मामले में फरार चल रहे 25-25 हजार इनामी चचेरे भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए बदमाशों से मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पांच महीने से पुलिस आरोपियों को पकड़ने में लगी हुई थी। क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी के थाना पिछोर अंतर्गत ग्राम काली पहाड़ी निवासी बृजेन्द्र यादव पुत्र भगवत सिंह ने 1 जुलाई 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि झांसी जिले के थाना प्रेम नगर निवासी उसके मौसी के लड़के नरेंद्र यादव पुत्र घनश्याम यादव ने 29 जून 2024 को रात्रि 1 बजे फोन पर सूचना देकर बताया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसे बंधक बनाकर धमकी दे रहे हैं। नरेन्द्र साइबर अपराधियों के सम्पर्क में था इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तलाश शुरू कर दी थी। अपहत को बरामद करने के लिए एसओजी व कोतवाली पुलिस जुट गई थी। इसी दौरान जब वह लोग अपने साथी निशांत, पवन व रोहित के साथ नरेन्द्र को लेकर ललितपुर के मसौरा हाइवे के निकट थे। तभी पुलिस ने नरेन्द्र को कार से बरामद कर लिया था। व निशांत, पवन व रोहित को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि शिवम यादव उर्फ पठान पुत्र कोमल यादव उर्फ पप्पू यादव, शनि यादव उर्फ डब्बू पुत्र नंदराम यादव उर्फ नंदू निवासी मोतीलाल को डेरा खादी बाबा मोहल्ला खोडन थाना प्रेमनगर भाग निकले थे। पुलिस अधीक्षक ने भागे दोनों चचेरे भाइयों को पकड़ने के लिए 25-25 हजार का इनाम रखा था। पुलिस ने मंगलवार को दोनों आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार हुए शिवम व शनि ने बताया कि उन्होंने चचेरे भाई नरेन्द्र का अपहरण किया था। क्योंकि नरेन्द्र साइबर अपराधियों के सम्पर्क में था। वह फर्जी एकाउंट व फर्जी सिम दिलवाता था। ऐसा करके नरेन्द्र ने लाखों रुपए कमा लिए थे। लोगों को टारगेट करते थे उसने 3 लाख रुपए की एक गाड़ी भी खरीदी थी। वह महंगे फोन भी रखता था। इसलिए उन्होंने सोचा कि उसका अपहरण कर उससे मोटी रकम वसूलेगें। यही सोचकर उन्होंने अपने साथी पवन, रोहित, निशांत के साथ मिलकर उसका अपहरण कर लिया था। उन्होंने बताया कि वह लोग ऐसे लोगों को टारगेट करते थे। जो साइबर क्राइम करते हैं। फर्जी सिम, कूटरचित दस्तावेज बनाकर बैंक एकाउंट खुलवाते हैं। उन्होंने निशांत, पवन व रोहित को नरेन्द्र के बारे में बता दिया था। उन्होंने नरेन्द्र रेकी कर झांसी के इलाईट चौराहे से चार पहिया गाड़ी से उठा लिया था। इसके बाद उसे कानपुर, मथुरा, आगरा, शिवपुरी जिलों में लेकर घूमते रहे। फिर उन्होंने नरेन्द्र के भाई के मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी। अन्यथा जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद वह लोग नरेन्द्र को लेकर कार से ललितपुर पहुंचे थे। जहां पुलिस ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow