लेडी IPS सुनीति..जिन्होंने सुंदर भाटी गैंग की कमर तोड़ी:डबल मर्डर केस में MLC को अरेस्ट किया, विदेश में इंजीनियरिंग की जॉब छोड़ पहनी वर्दी
लेडी IPS सुनीति, जिनकी पहचान क्राइम के खिलाफ उनके तेज तर्रार रवैया से बनी। नोएडा में सुंदर भाटी गैंग के शूटर को पकड़कर सबको चौंका दिया। औरैया में डबल मर्डर के बाद MLC को अरेस्ट करके जेल भेजा। उन्होंने जिन जिलों की कमान संभाली, वहां महिला अपराध करने वाले की सिर्फ एक जगह रही, जेल। चंडीगढ़ में पैदा हुई सुनीति अपने पापा की तरह इंजीनियर बनना चाहती थीं। बन भी गईं। अच्छे पैकेज पर नौकरी भी करने लगीं। मगर कंपनी से जब विदेश जाने का ऑफर मिला, तब उन्हें लगा कि देश के लिए वह कुछ नहीं कर पा रही हैं। इसके बाद उन्होंने जॉब ठुकरा दी। तीसरे प्रयास में UPSC क्रैक किया। IPS बनीं। यूपी के कई चर्चित क्राइम केस को सॉल्व करने में IPS सुनीति का नाम आता है। सुनीति इस समय नोएडा में DCP हैं, इससे पहले मथुरा, सहारनपुर, लखनऊ, नोएडा के अलावा तीन जिलों की पुलिस कप्तान रह चुकी हैं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सुनीति की कहानी 6 चैप्टर में पढ़िए... सुनीति की कहानी चंडीगढ़ से शुरू होती है। 18 नवंबर, 1986 को उनका जन्म हुआ। पिता सुरेश कुमार पेशे से इंजीनियर थे। मां अनिला हाउस वाइफ रहीं। सुनीति बताती हैं कि चंडीगढ़ के हर सेक्टर में सरकारी स्कूल हैं। कक्षा-5 के बाद पापा-मम्मी ने साइकिल दिला दी। 3 किमी साइकिल चलाकर स्कूल जाती थी। आस-पास के लोग कहते कि बेटी को अकेले मत भेजा करो। वह लोग मुझे सपोर्ट करते हुए कहते कि कल ये बाहर पढ़ने जाएगी, जॉब के लिए भी जाना पड़ेगा, तब तो हम लोग साथ नहीं होंगे। साल 2002 में CBSE बोर्ड से गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से फर्स्ट डिवीजन में 10वीं पास की। सुनीति बताती हैं कि पापा की तरह मैं भी बचपन से ही इंजीनियर ही बनना चाहती थी। इसलिए 12वीं पास करने के बाद बीटेक की पढ़ाई की। सुनीति ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से 2008 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद नोएडा में एक कंपनी में 10 लाख रुपए सालाना पैकेज पर जॉब मिली। मगर कभी भी सुकून नहीं आया। हमेशा लगा कि हम दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं। इसके बाद मैंने IPS बनने की ठान ली। मैंने पापा-मम्मी को भी इस बारे में बताया। इसी दौरान कंपनी से मुझे बड़े पैकेज पर विदेश भेजने का ऑफर आने लगा। मुझे विदेश जाने में कोई रुचि नहीं थी। मैं देश में रहकर कुछ बड़ा करना चाहती थी। कंपनी ने विदेश भेजने के लिए मेरा पासपोर्ट मांगा, मैंने शाम को रिजाइन कर दिया। कंपनी ने सवाल-जवाब शुरू किए। मैंने कहा कि जो फैसला लिया है, वह सोच समझकर लिया है। मैं आगे जॉब नहीं कर पाऊंगी। कुछ लोगों ने पूछा कि क्या दूसरी कंपनी जॉइन कर रही हैं, मैंने कहा कि नहीं। इसके बाद मैं अपने घर लौट आई। सेल्फ स्टडी शुरू की। बिना तैयारी किए मैंने यूपीएससी परीक्षा दी। इंटरव्यू तक पहुंच गई, मगर सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में, मैं फाइनल में पहुंचकर सिलेक्ट नहीं हुई। इसके बाद मुझे थोड़ा दुख हुआ। साल 2013 में तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर लिया। सुनीति बताती हैं कि इसके बाद मेरी IPS की ट्रेनिंग शुरू हुई। पहली पोस्टिंग 2015 में मथुरा जिले की मिली। हमारी एसएसपी मंजिल सैनी थीं। पहली ही पोस्टिंग में महिला आईपीएस को जिले की कप्तान के तौर पर देखा तो मुझे सबसे बेहतर लगा। मेम ने छोटी-छोटी बातों को लेकर मुझे गाइड करना शुरू किया। वह खुद 10 बजे ऑफिस आकर जनसुनवाई करतीं। बीच-बीच में वह कोर्ट सुरक्षा देखने के लिए चली जातीं। स्कूल-कॉलेज के बाहर छेड़खानी होने पर खुद कार्रवाई करने पहुंच जाती। मैंने उन्हीं के पैटर्न पर काम करना शुरू किया। मुझे शहर में कई पॉइंट की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी मिली। यहां बहुत कुछ सीखा। इसके बाद ACP सहारनपुर की जिम्मेदारी मिली। CO सिटी रहते सहारनपुर में मर्डर व लूट के केस सॉल्व किए। जिसके बाद शासन ने SPRA नोएडा बना दिया। नोएडा में 50- 50 हजार रुपए के 2 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में अरेस्ट किया। भाटी गैंग के कई शूटर यहां अरेस्ट कर जेल भेजे। नोएडा में क्राइम अलग तरह का है, यहां गैंगवार के नेटवर्क को तोड़ने पर काम किया। 2019 में शासन ने एसपी औरैया का चार्ज दे दिया, पहली बार जिले का चार्ज मिला था। ऐसे में कानून व्यवस्था के लिए एक चैलेंज था। सुनीति बताती हैं कि मार्च, 2020 की बात है। औरैया जिले के नारायणपुर इलाके में अधिवक्ता मंजुल चौबे और इनकी बहन सुधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। डबल मर्डर की गूंज लखनऊ तक हुई। जब मौके पर पहुंचकर क्राइम सीन और आसपास के लोगों से बात की, तब पता चला कि जमीन के विवाद में एमएलसी कमलेश पाठक यह हत्या करवा सकते हैं। छानबीन में हमें एक वीडियो भी मिला। इसके बाद मैंने एमएलसी कमलेश पाठक को अरेस्ट किया। उस समय इस कार्रवाई की चर्चा यूपी में रही। सुनीति बताती हैं कि नवंबर, 2020 की बात है। शहर के सदर थाना क्षेत्र में एक छात्रा को अगवा करके गैंगरेप किया गया। पीड़ित छात्रा ने महिला थाना प्रभारी को घटना की जानकारी दी, लेकिन महिला इंस्पेक्टर नीलम पांडेय ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की और न ही उच्च अधिकारियों को बताया। एसपी औरैया रहते हुए मेरे CUG नंबर पर कॉल आई। पीड़िता ने मुझे पूरा दर्द कह सुनाया। मैं रात में ही महिला थाने पहुंची। सामने आया कि पीड़िता ने शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला थाना इंस्पेक्टर और संबंधित पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। पीड़िता के बयान दर्ज किए। पूछताछ में सामने आया कि एक फौजी ने अपने 3 साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया था। अपने आरोपियों की पहचान की। सबको जेल भेजा। इसके बाद जिले में महिला सुरक्षा के लिए अलग से हेल्पलाइन जारी की। सुनीति बताती हैं कि औरैया में ही 5 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई। मैंने पूरा क्राइम सीन देखा और बच्ची का मेडिकल कराया। 24 घंटे में ही आरोपी युवक को अरेस्ट कर जेल भेजा। 30 दिन के भीतर इस केस में दोषी को सजा कराई, यह पहला केस था जिसकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनीती बताती हैं कि फरवरी, 2021 की बात है। मैं अमरोहा में एसपी
लेडी IPS सुनीति, जिनकी पहचान क्राइम के खिलाफ उनके तेज तर्रार रवैया से बनी। नोएडा में सुंदर भाटी गैंग के शूटर को पकड़कर सबको चौंका दिया। औरैया में डबल मर्डर के बाद MLC को अरेस्ट करके जेल भेजा। उन्होंने जिन जिलों की कमान संभाली, वहां महिला अपराध करने वाले की सिर्फ एक जगह रही, जेल। चंडीगढ़ में पैदा हुई सुनीति अपने पापा की तरह इंजीनियर बनना चाहती थीं। बन भी गईं। अच्छे पैकेज पर नौकरी भी करने लगीं। मगर कंपनी से जब विदेश जाने का ऑफर मिला, तब उन्हें लगा कि देश के लिए वह कुछ नहीं कर पा रही हैं। इसके बाद उन्होंने जॉब ठुकरा दी। तीसरे प्रयास में UPSC क्रैक किया। IPS बनीं। यूपी के कई चर्चित क्राइम केस को सॉल्व करने में IPS सुनीति का नाम आता है। सुनीति इस समय नोएडा में DCP हैं, इससे पहले मथुरा, सहारनपुर, लखनऊ, नोएडा के अलावा तीन जिलों की पुलिस कप्तान रह चुकी हैं। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज IPS सुनीति की कहानी 6 चैप्टर में पढ़िए... सुनीति की कहानी चंडीगढ़ से शुरू होती है। 18 नवंबर, 1986 को उनका जन्म हुआ। पिता सुरेश कुमार पेशे से इंजीनियर थे। मां अनिला हाउस वाइफ रहीं। सुनीति बताती हैं कि चंडीगढ़ के हर सेक्टर में सरकारी स्कूल हैं। कक्षा-5 के बाद पापा-मम्मी ने साइकिल दिला दी। 3 किमी साइकिल चलाकर स्कूल जाती थी। आस-पास के लोग कहते कि बेटी को अकेले मत भेजा करो। वह लोग मुझे सपोर्ट करते हुए कहते कि कल ये बाहर पढ़ने जाएगी, जॉब के लिए भी जाना पड़ेगा, तब तो हम लोग साथ नहीं होंगे। साल 2002 में CBSE बोर्ड से गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से फर्स्ट डिवीजन में 10वीं पास की। सुनीति बताती हैं कि पापा की तरह मैं भी बचपन से ही इंजीनियर ही बनना चाहती थी। इसलिए 12वीं पास करने के बाद बीटेक की पढ़ाई की। सुनीति ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से 2008 में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद नोएडा में एक कंपनी में 10 लाख रुपए सालाना पैकेज पर जॉब मिली। मगर कभी भी सुकून नहीं आया। हमेशा लगा कि हम दूसरों के लिए क्या कर रहे हैं। इसके बाद मैंने IPS बनने की ठान ली। मैंने पापा-मम्मी को भी इस बारे में बताया। इसी दौरान कंपनी से मुझे बड़े पैकेज पर विदेश भेजने का ऑफर आने लगा। मुझे विदेश जाने में कोई रुचि नहीं थी। मैं देश में रहकर कुछ बड़ा करना चाहती थी। कंपनी ने विदेश भेजने के लिए मेरा पासपोर्ट मांगा, मैंने शाम को रिजाइन कर दिया। कंपनी ने सवाल-जवाब शुरू किए। मैंने कहा कि जो फैसला लिया है, वह सोच समझकर लिया है। मैं आगे जॉब नहीं कर पाऊंगी। कुछ लोगों ने पूछा कि क्या दूसरी कंपनी जॉइन कर रही हैं, मैंने कहा कि नहीं। इसके बाद मैं अपने घर लौट आई। सेल्फ स्टडी शुरू की। बिना तैयारी किए मैंने यूपीएससी परीक्षा दी। इंटरव्यू तक पहुंच गई, मगर सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में, मैं फाइनल में पहुंचकर सिलेक्ट नहीं हुई। इसके बाद मुझे थोड़ा दुख हुआ। साल 2013 में तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर लिया। सुनीति बताती हैं कि इसके बाद मेरी IPS की ट्रेनिंग शुरू हुई। पहली पोस्टिंग 2015 में मथुरा जिले की मिली। हमारी एसएसपी मंजिल सैनी थीं। पहली ही पोस्टिंग में महिला आईपीएस को जिले की कप्तान के तौर पर देखा तो मुझे सबसे बेहतर लगा। मेम ने छोटी-छोटी बातों को लेकर मुझे गाइड करना शुरू किया। वह खुद 10 बजे ऑफिस आकर जनसुनवाई करतीं। बीच-बीच में वह कोर्ट सुरक्षा देखने के लिए चली जातीं। स्कूल-कॉलेज के बाहर छेड़खानी होने पर खुद कार्रवाई करने पहुंच जाती। मैंने उन्हीं के पैटर्न पर काम करना शुरू किया। मुझे शहर में कई पॉइंट की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी मिली। यहां बहुत कुछ सीखा। इसके बाद ACP सहारनपुर की जिम्मेदारी मिली। CO सिटी रहते सहारनपुर में मर्डर व लूट के केस सॉल्व किए। जिसके बाद शासन ने SPRA नोएडा बना दिया। नोएडा में 50- 50 हजार रुपए के 2 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में अरेस्ट किया। भाटी गैंग के कई शूटर यहां अरेस्ट कर जेल भेजे। नोएडा में क्राइम अलग तरह का है, यहां गैंगवार के नेटवर्क को तोड़ने पर काम किया। 2019 में शासन ने एसपी औरैया का चार्ज दे दिया, पहली बार जिले का चार्ज मिला था। ऐसे में कानून व्यवस्था के लिए एक चैलेंज था। सुनीति बताती हैं कि मार्च, 2020 की बात है। औरैया जिले के नारायणपुर इलाके में अधिवक्ता मंजुल चौबे और इनकी बहन सुधा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। डबल मर्डर की गूंज लखनऊ तक हुई। जब मौके पर पहुंचकर क्राइम सीन और आसपास के लोगों से बात की, तब पता चला कि जमीन के विवाद में एमएलसी कमलेश पाठक यह हत्या करवा सकते हैं। छानबीन में हमें एक वीडियो भी मिला। इसके बाद मैंने एमएलसी कमलेश पाठक को अरेस्ट किया। उस समय इस कार्रवाई की चर्चा यूपी में रही। सुनीति बताती हैं कि नवंबर, 2020 की बात है। शहर के सदर थाना क्षेत्र में एक छात्रा को अगवा करके गैंगरेप किया गया। पीड़ित छात्रा ने महिला थाना प्रभारी को घटना की जानकारी दी, लेकिन महिला इंस्पेक्टर नीलम पांडेय ने इसमें कोई कार्रवाई नहीं की और न ही उच्च अधिकारियों को बताया। एसपी औरैया रहते हुए मेरे CUG नंबर पर कॉल आई। पीड़िता ने मुझे पूरा दर्द कह सुनाया। मैं रात में ही महिला थाने पहुंची। सामने आया कि पीड़िता ने शिकायत की, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिला थाना इंस्पेक्टर और संबंधित पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। पीड़िता के बयान दर्ज किए। पूछताछ में सामने आया कि एक फौजी ने अपने 3 साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया था। अपने आरोपियों की पहचान की। सबको जेल भेजा। इसके बाद जिले में महिला सुरक्षा के लिए अलग से हेल्पलाइन जारी की। सुनीति बताती हैं कि औरैया में ही 5 साल की बच्ची से रेप की घटना हुई। मैंने पूरा क्राइम सीन देखा और बच्ची का मेडिकल कराया। 24 घंटे में ही आरोपी युवक को अरेस्ट कर जेल भेजा। 30 दिन के भीतर इस केस में दोषी को सजा कराई, यह पहला केस था जिसकी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनीती बताती हैं कि फरवरी, 2021 की बात है। मैं अमरोहा में एसपी थी, सुबह के समय पुलिस को सूचना मिली कि कोतवाली देहात इलाके में एक युवती की हत्या कर दी गई है, स्कूल के पास युवती का शव मिला। जिसके बाद मैं मौके पर पहुंची, युवती के शव की पहचान नेहा चौधरी के रूप में हुई। नेहा नोएडा में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी। क्राइम सीन देखकर यह बात साफ थी कि हत्या करना ही मकसद था। सामने आया कि नेहा का भाई एक दूसरी महिला से गैंगरेप के मामले में फरार चल रहा था। मैने सबसे पहले नेहा के परिजनों से बात की। नेहा के फरार भाई की जानकारी ली, उसके मोबाइल की लोकेशन देखी। उसके बाद नेहा की सीडीआर देखी। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी देखें। छानबीन में साफ हो गया कि नेहा के भाई अंकित चौधरी ने ही हत्या की है। अंकित को पकड़ा तो उससे पूछताछ की, जब पूरी सीडीआर और अन्य साक्ष्य बताए तो युवती के भाई अंकित ने बताया कि एक दलित महिला ने मुझ पर रेप का मुकदमा दर्ज कराया था। बहन की हत्या करके दलित महिला के परिवार को फंसाना चाहता था। ताकि वह लोग समझौता कर लें। हमने पूछा कि हत्या की कैसे। तब उसने बताया कि बहन की हत्या करने से एक दिन पहले अपना मोबाइल फोन बंद किया। उसके बाद बहन के पास नोएडा गया। जहां बहन नेहा को बताया कि रेप के मुकदमे में समझौता होना है। किराए की गाड़ी में नेहा को लेकर अमरोहा के लिए चल दिया। बहन से कहा कि अब तुम्हें पैदल चलना है, मैं पीछे से आ रहा हूं। फिर सुनसान इलाके में नेहा की पहले गला दबाकर हत्या की, उसके बाद ईंट से चेहरा कुचल दिया। अमरोहा में ही पिता-बेटी की हत्या का मर्डर केस भी सॉल्व किया, जहां बेटे और बहू ने ही संपत्ति के लिए हत्या की थी। सुनीति बताती हैं कि कानपुर देहात में कप्तान रहने के बाद मुझे एसपी स्थापना एडमिन की जिम्मेदारी मिली। उसके बाद शासन ने नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में DCP के तौर पर जिम्मेदारी दी। यह दूसरा मौका था जब नोएडा में तैनाती मिली। इससे पहले नोएडा में SPRA भी रह चुकी थी। सितंबर, 2023 की बात है। बादलपुर इलाके के व्रज विहार कॉलोनी में 26 साल की विवाहिता सोनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के वक्त पति भी घर पर मौजूद था। एक गोली पेट, दूसरी सिर व तीसरी गर्दन में मारी गई। क्राइम सीन देखकर यह साफ हो चुका था कि हत्या शूटरों से कराई गई है। यह केस हाईलाइट हुआ। पड़ताल में पहले लगा कि पति ने ही पत्नी की हत्या कराई है। पुलिस ने 5 किमी के दायरे में सीसीटीवी देखी। जिसमें एक बाइक ट्रेस हुई। पुलिस ने हत्या में शामिल दोनों शूटरों को अरेस्ट कर लिया। जब शूटरों से पूछताछ की तो पता चला कि विवाहिता सोनी की हत्या सास ने कराई है। सास गीता ने बताया कि मुझे अपने बेटे की बहू सोनी पसंद नहीं थी। मुझे लगता था कि बेटा जो भी कमाता, सब अपनी पत्नी के हाथ में देता था। उन्होंने वॉट्सऐप कॉल पर शूटरों को 1 लाख रुपए में हायर किया था। अचीवमेंट अपनी शादी के बारे में बताते हुए सुनीति कहती हैं कि साथ में नौकरी करने वाले दोस्त से 2016 में लव मैरिज की। यह बात फैमिली को पहले ही बता दी थी। परिवार हमेशा मेरे साथ रहा। पढ़ाई से लेकर शादी तक मम्मी और पापा ने हमेशा साथ देते हुए आगे बढ़ाया। ----------------- यह भी पढ़िए... 8 गैंगस्टर का एनकाउंटर करने वाले IPS ज्ञानंजय सिंह, एयरफोर्स की तैयारी करते-करते पुलिस अफसर बने; दोनों हाथ से गोली चलाने वाले बदमाश को ढेर किया IPS कुंवर ज्ञानंजय सिंह यूपी पुलिस फोर्स में एक बड़ा नाम है। 2000 के दशक में जब बहुत कम एनकाउंटर होते थे, तब भी अपराधी उन्हें देखकर जिला छोड़ देते थे। उनके नाम पर 20 एनकाउंटर दर्ज हैं, जिनमें 8 बदमाशों को ढेर किया है। 1994 बैच के PPS ज्ञानंजय सिंह दिसंबर, 2023 में IPS बने। इस समय वह वेस्ट यूपी के हापुड़ में एसपी हैं। वह 15 जिलों में सीओ, एडिशनल एसपी भी रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...