वकीलों के तेवर देख बैकफुट पर आए लेखपाल:कन्नौज में SDM और लेखपालों के खिलाफ वकीलों ने की नारेबाजी, धरने से हटे

कन्नौज की तिर्वा तहसील में धरने पर बैठे लेखपालों के खिलाफ वकील लामबंद हो गए। लेखपालों को डकैत बताते हुए वकीलों ने हंगामा किया। एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए। मामले की जानकारी होने पर एडीएम और एएसपी तिर्वा तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने बातचीत कर लेखपालों का धरना स्थगित करवा दिया। हालांकि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। तिर्वा तहसील में लेखपालों की 4 दिन के धरना-प्रदर्शन के बाद उनके खिलाफ वकील लामबंद हो गए। वकीलों ने एकजुट होकर एसडीएम आफिस के बाहर मुर्दाबाद के नारे लगाए। लेखपालों को डकैत बताते हुए हंगामा किया। वकीलों ने मांग करते हुए कहा कि किसानों की खतौनी बनवाने की अधिकारी व्यवस्था करें। खतौनी की वजह से किसान तहसील के चक्कर काट रहे हैं। हंगामे की सूचना मिलते ही एडीएम आशीष कुमार और एएसपी अजय कुमार तिर्वा तहसील पहुंच गए। यहां उन्होंने वकीलों से बातचीत की और फिर लेखपालों को समझाकर धरना स्थगित करने के लिए कहा। इसके बाद लेखपालों ने मीटिंग की और फिर धरना स्थगित करने का फैसला किया। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष अभिषेक यादव का कहना है कि उन लोगों ने धरना स्थगित किया है, लेकिन हड़ताल जारी रहेगी। 4 दिन से चल रहा था धरना-प्रदर्शन 16 नवम्बर को तिर्वा तहसील के सभागार में वकील देवेंद्र दिवाकर उर्फ खन्ना ने अपने साथियों के साथ मिलकर लेखपाल हृदेश कुमार पांडेय पर डंडे से हमला कर दिया था। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हो गई। पीड़ित लेखपाल की तहरीर पर रात में ही तिर्वा कोतवाली में वकील देवेंद्र और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लेखपाल संघ ने तहसील परिसर में ही कामकाज ठप कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। 4 दिनों से उनका धरना-प्रदर्शन चल रहा था। लेखपाल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने पर अड़े वकील तिर्वा के बार एसोसिएशन अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह का कहना है कि किसी महिला की शिकायत पर लेखपाल हृदेश पांडेय जमीन पैमाइश करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने वकील देवेंद्र दिवाकर की मां और पत्नी से अभद्रता की और जातिसूचक गालियां दीं। जब ये बात वकील को पता चली तो वह अपना आपा खो बैठे, जिस कारण विवाद हो गया। लेखपाल के खिलाफ वकील ने तहरीर दी तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। ऐसे में या तो पुलिस वकील की तरफ से भी रिपोर्ट दर्ज करे, नहीं तो मामले का निपटारा कराए। अन्यथा वकील उग्र आंदोलन करेंगे।

Nov 21, 2024 - 18:25
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वकीलों के तेवर देख बैकफुट पर आए लेखपाल:कन्नौज में SDM और लेखपालों के खिलाफ वकीलों ने की नारेबाजी, धरने से हटे
कन्नौज की तिर्वा तहसील में धरने पर बैठे लेखपालों के खिलाफ वकील लामबंद हो गए। लेखपालों को डकैत बताते हुए वकीलों ने हंगामा किया। एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए। मामले की जानकारी होने पर एडीएम और एएसपी तिर्वा तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने बातचीत कर लेखपालों का धरना स्थगित करवा दिया। हालांकि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। तिर्वा तहसील में लेखपालों की 4 दिन के धरना-प्रदर्शन के बाद उनके खिलाफ वकील लामबंद हो गए। वकीलों ने एकजुट होकर एसडीएम आफिस के बाहर मुर्दाबाद के नारे लगाए। लेखपालों को डकैत बताते हुए हंगामा किया। वकीलों ने मांग करते हुए कहा कि किसानों की खतौनी बनवाने की अधिकारी व्यवस्था करें। खतौनी की वजह से किसान तहसील के चक्कर काट रहे हैं। हंगामे की सूचना मिलते ही एडीएम आशीष कुमार और एएसपी अजय कुमार तिर्वा तहसील पहुंच गए। यहां उन्होंने वकीलों से बातचीत की और फिर लेखपालों को समझाकर धरना स्थगित करने के लिए कहा। इसके बाद लेखपालों ने मीटिंग की और फिर धरना स्थगित करने का फैसला किया। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष अभिषेक यादव का कहना है कि उन लोगों ने धरना स्थगित किया है, लेकिन हड़ताल जारी रहेगी। 4 दिन से चल रहा था धरना-प्रदर्शन 16 नवम्बर को तिर्वा तहसील के सभागार में वकील देवेंद्र दिवाकर उर्फ खन्ना ने अपने साथियों के साथ मिलकर लेखपाल हृदेश कुमार पांडेय पर डंडे से हमला कर दिया था। वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हो गई। पीड़ित लेखपाल की तहरीर पर रात में ही तिर्वा कोतवाली में वकील देवेंद्र और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लेखपाल संघ ने तहसील परिसर में ही कामकाज ठप कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। 4 दिनों से उनका धरना-प्रदर्शन चल रहा था। लेखपाल के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने पर अड़े वकील तिर्वा के बार एसोसिएशन अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह का कहना है कि किसी महिला की शिकायत पर लेखपाल हृदेश पांडेय जमीन पैमाइश करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने वकील देवेंद्र दिवाकर की मां और पत्नी से अभद्रता की और जातिसूचक गालियां दीं। जब ये बात वकील को पता चली तो वह अपना आपा खो बैठे, जिस कारण विवाद हो गया। लेखपाल के खिलाफ वकील ने तहरीर दी तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। ऐसे में या तो पुलिस वकील की तरफ से भी रिपोर्ट दर्ज करे, नहीं तो मामले का निपटारा कराए। अन्यथा वकील उग्र आंदोलन करेंगे।

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